हैदराबाद : आंध्र प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री और टीडीपी सुप्रीमो चंद्रबाबू नायडू को शनिवार सुबह कौशल विकास घोटाले से जुड़े एक मामले में आंध्र प्रदेश के नंद्याल में पुलिस हिरासत में ले लिया गया. इस गिरफ्तारी के बाद से शहर के आरके समारोह हॉल में तनाव हो गया. जहां नायडू रात के दौरान अपनी बस में रुके थे. नायडू की गिरफ्तारी से पहले बड़ी संख्या में पुलिसकर्मी वहां पहुंचे.
टीडीपी प्रमुख को भेजे गए नोटिस में लिखा है कि आपको सूचित किया जाता है कि धारा 120 (बी), 166, 167, 418, 420, 465, 468, 471, 409 के तहत , 201, 109 आर/डब्ल्यू 34 और 37 आईपीसी और सीआईडी की धारा 12, 13 (2) आर/डब्ल्यू 13 (1) (सी) और (डी) भ्रष्टाचार निवारण अधिनियम, 1998 के तहत आपको गिरफ्तार किया जाता है. नोटिस के अनुसार, नायडू को जमानत पर रिहा नहीं किया जा सकता, क्योंकि यह एक गैर-जमानती अपराध है. नोटिस में कहा गया है कि वह केवल अदालत के माध्यम से जमानत मांग सकते हैं.
तेलुगु देशम पार्टी के नेताओं और कार्यकर्ताओं ने आंध्र प्रदेश के पूर्व सीएम एन चंद्रबाबू नायडू की अवैध गिरफ्तारी के खिलाफ तिरुपति के अन्नपूर्णा सरुकुलु केंद्र में विरोध प्रदर्शन शुरू कर दिया है. कई जगह पर धरना प्रदर्शन हो रहे हैं और सड़कों पर आवाजाही प्रभावित हो गई है.
गिरफ्तारी के दौरान जबरदस्त ड्रामा : आंध्र प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री एन. चंद्रबाबू नायडू की शनिवार तड़के नंद्याल शहर में गिरफ्तारी के दौरान जबरदस्त ड्रामा हुआ. पुलिस ने शुक्रवार देर रात करीब 2.30 बजे आरके फंक्शन हॉल को घेर लिया, जब तेलुगु देशम पार्टी (टीडीपी) सुप्रीमो शहर में एक सार्वजनिक बैठक को संबोधित करने के बाद बस में आराम कर रहे थे. जब पुलिस उप महानिरीक्षक (डीआईजी) रघुरामी रेड्डी के नेतृत्व में एक पुलिस दल वहां पहुंचा, तो वह चाहते थे कि एनएसजी अधिकारी उन्हें नायडू से मिलने की अनुमति दें.
टीडीपी नेताओं ने पुलिस कार्रवाई पर उठाये सवाल : टीडीपी नेताओं ने पुलिस कार्रवाई और उनकी देर रात की यात्रा के उद्देश्य पर सवाल उठाया और दोनों पक्षों के बीच बहस शुरू हो गई. टीडीपी नेताओं ने डीआइजी से कहा कि उनके नेता भागने वाले नहीं हैं और उन्होंने सुझाव दिया कि वह सुबह आएं. जब पुलिस अधिकारी बस के दरवाजे के करीब पहुंचे, तो पार्टी नेताओं ने कड़ी आपत्ति जताई और उनसे पूछना चाहा कि मामला क्या था. टीडीपी नेता कलवा श्रीनिवासुलु ने कहा कि वह 73 साल के हैं और आराम कर रहे हैं. अब आप उन्हें क्यों परेशान करना चाहते हैं?
मेडिकल जांच के बाद पूर्व मुख्यमंत्री को विजयवाड़ा ले जाया गया : डीआइजी ने कहा कि उन्हें जानकारी है कि काफिला जा रहा है, लेकिन टीडीपी नेताओं ने स्पष्ट किया कि बस केवल नायडू के विश्राम के लिए है. बाद में पुलिस ने बस के आसपास जमा हुए टीडीपी नेताओं को गिरफ्तार कर लिया. सुबह करीब 6 बजे जब नायडू बस से उतरे, तो पुलिस अधिकारियों ने उन्हें हिरासत में ले लिया. अपराध जांच विभाग (सीआईडी) के अधिकारियों ने कहा कि उन्होंने कौशल विकास निगम भ्रष्टाचार मामले में नायडू को गिरफ्तार किया है. मेडिकल जांच के बाद पूर्व मुख्यमंत्री को विजयवाड़ा ले जाया गया. टीडीपी प्रमुख को विजयवाड़ा में एसीबी कोर्ट में पेश किए जाने की संभावना है.
नायडू के वकीलों ने गिरफ्तारी से पहले सबूत पेश करने के लिए पुलिस से बहस की. पुलिस ने दावा किया कि रिमांड रिपोर्ट में सभी विवरण शामिल किए गए हैं. चंद्रबाबू नायडू ने पुलिस पर उनके मौलिक अधिकारों को कुचलने का आरोप लगाया. पुलिस का कहना है कि उन्होंने डीके बसु के केस के मुताबिक कार्रवाई की है. पुलिस का कहना है कि वे 24 घंटे के भीतर गिरफ्तारी के कारणों के साथ दस्तावेज उपलब्ध करा देंगे. चंद्रबाबू ने कहा कि वकील बिना समझे काम कर रहे हैं, यानी पुलिस बिना समझे काम कर रही है.
मीडियाकर्मियों को उस स्थान पर मौजूद रहने की अनुमति नहीं थी जहां पूर्व मुख्यमंत्री को हिरासत में लिया गया. तेलुगु देशम पार्टी (टीडीपी) प्रमुख के वकीलों ने तर्क दिया कि जब नायडू का नाम एफआईआर (प्रथम सूचना रिपोर्ट) में शामिल नहीं था तो उन्हें कैसे गिरफ्तार किया जा सकता है.
चंद्रबाबू नायडू की गिरफ्तारी का विरोध कर रहे उनके बेटे व टीडीपी विधायक हिरासत में : टीडीपी प्रमुख और आंध्र प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री चंद्रबाबू नायडू के बेटे नारा लोकेश को शनिवार को अपने पिता की गिरफ्तारी के खिलाफ विरोध प्रदर्शन करने के लिए हिरासत में ले लिया गया. 'युवागलम पदयात्रा' कर रहे टीडीपी महासचिव नारा लोकेश अपने पिता की गिरफ्तारी के बाद विरोध में धरने पर बैठ गए. पूर्वी गोदावरी जिले में उनके साथ प्रदर्शन कर रहे कई विधायकों को भी हिरासत में लिया गया. टीडीपी ने आरोप लगाया है कि पुलिस ने नारा लोकेश को उनके पिता से मिलने से रोकने के लिए रोका. नायडू के वकील ने कहा कि वे जमानत के लिए उच्च न्यायालय का दरवाजा खटखटा रहे हैं.
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#WATCH | Telugu Desam Party leaders and activists stage a protest against the illegal arrest of former Andhra Pradesh CM N Chandrababu Naidu at the Annapurna Sarukulu centre in Tirupati. pic.twitter.com/7a9r2qaBz1
— ANI (@ANI) September 9, 2023 " class="align-text-top noRightClick twitterSection" data="
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— ANI (@ANI) September 9, 2023#WATCH | Telugu Desam Party leaders and activists stage a protest against the illegal arrest of former Andhra Pradesh CM N Chandrababu Naidu at the Annapurna Sarukulu centre in Tirupati. pic.twitter.com/7a9r2qaBz1
— ANI (@ANI) September 9, 2023
अवैध रूप से गिरफ्तार करने का आरोप : सूत्रों के मुताबिक, नायडू को उच्च रक्तचाप और मधुमेह का पता चला है. टीडीपी ने सत्तारूढ़ वाईएसआरसीपी सरकार पर नायडू को अवैध रूप से गिरफ्तार करने का आरोप लगाया, जब वह बस में आराम कर रहे थे. पार्टी प्रवक्ता कोम्मारेड्डी पट्टाभिराम ने आरोप लगाया कि राज्य पुलिस और सीआईडी ने शुक्रवार रात से नायडू को अवैध रूप से गिरफ्तार करने की प्रक्रिया शुरू कर दी थी. सैकड़ों पुलिस कर्मियों ने उस शिविर स्थल को घेर लिया, जहां नायडू आराम कर रहे थे और उनके साथ सभी नेताओं को अवैध रूप से हिरासत में ले लिया. उन्होंने बताया कि नायडू ने पुलिस से पूछा कि उन्हें किस आधार पर गिरफ्तार किया गया है, लेकिन पुलिस उन्हें कोई जवाब नहीं दे सकी.
गिरफ्तारी के पीछे मुख्यमंत्री जगन मोहन रेड्डी : उन्होंने आरोप लगाया कि लोग जानते हैं कि गिरफ्तारी के पीछे मुख्यमंत्री जगन मोहन रेड्डी हैं. उन्होंने उन्हें देश का सबसे भ्रष्ट मुख्यमंत्री करार दिया. टीडीपी ने सोशल मीडिया पर कई पोस्ट में अपने सुप्रीमो की गिरफ्तारी की निंदा की. एक पोस्ट में कहा गया कि क्या आप एक पूर्व सीएम को यह बताए बिना गिरफ्तार करेंगे कि उन्हें क्यों गिरफ्तार किया जा रहा है? हम आपके साथ हैं सर..जनता आपका किला है. हम लड़ेंगे, हम जीतेंगे. पार्टी ने यह भी आरोप लगाया कि अधिकारियों ने नायडू को गिरफ्तार करते समय नेताओं और अधिवक्ताओं के सवालों का जवाब नहीं दिया.
गौरतलब है कि आंध्र प्रदेश में 2014 में चंद्रबाबू नायडू के नेतृत्व वाली टीडीपी सरकार ने कॉर्पोरेट दिग्गजों के एक संघ के साथ 3,300 करोड़ रुपये के एक समझौता ज्ञापन पर हस्ताक्षर किए थे. कौशल विकास के लिए छह उत्कृष्टता केंद्र स्थापित करने का शासनादेश भी जारी किया गया. 2017 में, जीएसटी-इंटेलिजेंस पुणे की कर जांच शाखा ने घोटाले का खुलासा किया. जांच के दौरान, सीआईडी अधिकारियों ने पाया कि परियोजना के लिए कोई निविदा नहीं बुलाई गई थी, और कॉर्पोरेट दिग्गज जो कौशल केंद्र स्थापित करने के लिए सहमत हुए थे, उन्होंने परियोजना पर अपने स्वयं के संसाधनों से एक भी रुपया खर्च नहीं किया था. इसके बजाय आंध्र प्रदेश सरकार द्वारा परियोजना लागत के 10 प्रतिशत के अपने हिस्से के रूप में, निवेश किए गए 371 करोड़ रुपये की राशि का एक बड़ा हिस्सा निकाल लिया गया था.