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वाजे की जमानत अर्जी खारिज, एनआईए को आरोपपत्र के लिए और एक महीने का समय दिया

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Published : Aug 5, 2021, 4:42 PM IST

Updated : Aug 5, 2021, 5:41 PM IST

मुंबई की विशेष अदालत ने बर्खास्त हो चुके मुंबई पुलिस अधिकारी सचिन वाजे (SACHIN WAJE ) की जमानत याचिका खारिज कर दी है. वाजे एंटीलिया के बाहर विस्फोटक मिलने के मामले में आरोपी हैं. अदालत ने राष्ट्रीय अन्वेषण अभिकरण (एनआईए) को आरोपपत्र दाखिल करने के लिए और एक महीने का समय दिया.

सचिन वाजे
सचिन वाजे

मुंबई : उद्योगपति मुकेश अंबानी के आवास के पास विस्फोटक सामग्री वाली एसयूवी मिलने के मामले में मुंबई की विशेष अदालत ने बर्खास्त हो चुके मुंबई पुलिस अधिकारी सचिन वाजे की जमानत याचिका खारिज कर दी है. साथ ही अदालत ने राष्ट्रीय अन्वेषण अभिकरण (एनआईए) को आरोपपत्र दाखिल करने के लिए और एक महीने का समय दिया.

एंटीलिया के बाहर विस्फोटक मिलने के आरोपी सचिन वाजे फिलहाल न्यायिक हिरासत में जेल में हैं. अदालत ने नौ जून को एनआईए को आरोपपत्र दाखिल करने के लिए दो महीने का समय दिया था. केंद्रीय एजेंसी ने बाद में एक और विस्तार का अनुरोध करते हुए कहा कि जांच अभी भी चल रही है. वाजे ने इस आधार पर जमानत का अनुरोध किया था कि जांच एजेंसी निर्धारित समय के भीतर आरोपपत्र दाखिल करने में विफल रही, इसलिए वह रिहा होने का हकदार है.

पूर्व सहायक पुलिस निरीक्षक वाजे को 13 मार्च को गिरफ्तार किया गया था और वह नवी मुंबई की तलोजा जेल मे हैं. बुधवार को वाजे ने जेल से वीडियो कांफ्रेंस के माध्यम से अपनी जमानत के पक्ष में व्यक्तिगत रूप से दलीलें दी थीं.

यह मामला 25 फरवरी को दक्षिण मुंबई में उद्योगपति मुकेश अंबानी के घर के बाहर एक वाहन से जुड़ा है जिसमें विस्फोटक सामग्री थी. बाद में पांच मार्च को ठाणे के उद्योगपति मनसुख हिरेन मृत पाए गए जिन्होंने दावा किया था कि उक्त वाहन उनका था.

देशमुख को नहीं मिली थी सुरक्षा

इससे पहले सुप्रीम कोर्ट ने गत दो अगस्त को महाराष्ट्र के पूर्व गृह मंत्री अनिल देशमुख को ईडी द्वारा उनके खिलाफ दर्ज धन शोधन मामले में किसी भी कथित जबरदस्ती कार्रवाई से सुरक्षा की मांग करने वाली उनकी याचिका पर गिरफ्तारी से कोई सुरक्षा प्रदान करने से मना कर दिया था.

देशमुख पर मुंबई ऑर्केस्ट्रा बार के एक समूह से जबरन वसूली और मनी लॉन्ड्रिंग का आरोप लगाया गया है और इस मामले की ईडी द्वारा जांच की जा रही है.

यह आरोप लगाया गया है कि कथित तौर पर देशमुख के निर्देश पर अब बर्खास्त हो चुके तत्कालीन मुंबई पुलिस अधिकारी सचिन वाजे द्वारा ऑर्केस्ट्रा बार से जबरन वसूली के रूप में 4.7 करोड़ रुपये एकत्र किए गए थे.

बाद में, यह राशि देशमुख के नागपुर स्थित शैक्षिक ट्रस्ट को उनके बेटे, ऋषिकेश द्वारा स्थानांतरित कर दी गई थी.

आरोप के अनुसार, लेन-देन दो हवाला ऑपरेटरों के माध्यम से किया गया था और इसे दान के रूप में दिखाया गया था.

71 वर्षीय राकांपा नेता ट्रस्ट के अध्यक्ष हैं और उनके दो बेटे सलिल और ऋषिकेश ट्रस्टी हैं.

विगत 11 मई को पूर्व मंत्री के खिलाफ मामला दर्ज किया गया था और 25 जून को ईडी ने देशमुख के नागपुर, मुंबई और तीन अन्य स्थानों पर आवासों पर छापेमारी की थी.

इस मामले में सीबीआई ने अप्रैल में देशमुख के खिलाफ प्राथमिकी दर्ज कर उनके चार परिसरों पर छापेमारी की थी.

पढ़ें- एंटीलिया मामला : सचिन वाजे का सहयोगी पुलिस अधिकारी रियाज काजी निलंबित

मुंबई पुलिस के पूर्व आयुक्त परम बीर सिंह ने महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे को लिखे अपने पत्र में आरोप लगाया कि देशमुख ने बेईमानी की और पद का दुरुपयोग करते हुए सचिन वाजे से हर महीने 100 करोड़ रुपये की उगाही करने के लिए कहा.

(एजेंसी इनपुट)

मुंबई : उद्योगपति मुकेश अंबानी के आवास के पास विस्फोटक सामग्री वाली एसयूवी मिलने के मामले में मुंबई की विशेष अदालत ने बर्खास्त हो चुके मुंबई पुलिस अधिकारी सचिन वाजे की जमानत याचिका खारिज कर दी है. साथ ही अदालत ने राष्ट्रीय अन्वेषण अभिकरण (एनआईए) को आरोपपत्र दाखिल करने के लिए और एक महीने का समय दिया.

एंटीलिया के बाहर विस्फोटक मिलने के आरोपी सचिन वाजे फिलहाल न्यायिक हिरासत में जेल में हैं. अदालत ने नौ जून को एनआईए को आरोपपत्र दाखिल करने के लिए दो महीने का समय दिया था. केंद्रीय एजेंसी ने बाद में एक और विस्तार का अनुरोध करते हुए कहा कि जांच अभी भी चल रही है. वाजे ने इस आधार पर जमानत का अनुरोध किया था कि जांच एजेंसी निर्धारित समय के भीतर आरोपपत्र दाखिल करने में विफल रही, इसलिए वह रिहा होने का हकदार है.

पूर्व सहायक पुलिस निरीक्षक वाजे को 13 मार्च को गिरफ्तार किया गया था और वह नवी मुंबई की तलोजा जेल मे हैं. बुधवार को वाजे ने जेल से वीडियो कांफ्रेंस के माध्यम से अपनी जमानत के पक्ष में व्यक्तिगत रूप से दलीलें दी थीं.

यह मामला 25 फरवरी को दक्षिण मुंबई में उद्योगपति मुकेश अंबानी के घर के बाहर एक वाहन से जुड़ा है जिसमें विस्फोटक सामग्री थी. बाद में पांच मार्च को ठाणे के उद्योगपति मनसुख हिरेन मृत पाए गए जिन्होंने दावा किया था कि उक्त वाहन उनका था.

देशमुख को नहीं मिली थी सुरक्षा

इससे पहले सुप्रीम कोर्ट ने गत दो अगस्त को महाराष्ट्र के पूर्व गृह मंत्री अनिल देशमुख को ईडी द्वारा उनके खिलाफ दर्ज धन शोधन मामले में किसी भी कथित जबरदस्ती कार्रवाई से सुरक्षा की मांग करने वाली उनकी याचिका पर गिरफ्तारी से कोई सुरक्षा प्रदान करने से मना कर दिया था.

देशमुख पर मुंबई ऑर्केस्ट्रा बार के एक समूह से जबरन वसूली और मनी लॉन्ड्रिंग का आरोप लगाया गया है और इस मामले की ईडी द्वारा जांच की जा रही है.

यह आरोप लगाया गया है कि कथित तौर पर देशमुख के निर्देश पर अब बर्खास्त हो चुके तत्कालीन मुंबई पुलिस अधिकारी सचिन वाजे द्वारा ऑर्केस्ट्रा बार से जबरन वसूली के रूप में 4.7 करोड़ रुपये एकत्र किए गए थे.

बाद में, यह राशि देशमुख के नागपुर स्थित शैक्षिक ट्रस्ट को उनके बेटे, ऋषिकेश द्वारा स्थानांतरित कर दी गई थी.

आरोप के अनुसार, लेन-देन दो हवाला ऑपरेटरों के माध्यम से किया गया था और इसे दान के रूप में दिखाया गया था.

71 वर्षीय राकांपा नेता ट्रस्ट के अध्यक्ष हैं और उनके दो बेटे सलिल और ऋषिकेश ट्रस्टी हैं.

विगत 11 मई को पूर्व मंत्री के खिलाफ मामला दर्ज किया गया था और 25 जून को ईडी ने देशमुख के नागपुर, मुंबई और तीन अन्य स्थानों पर आवासों पर छापेमारी की थी.

इस मामले में सीबीआई ने अप्रैल में देशमुख के खिलाफ प्राथमिकी दर्ज कर उनके चार परिसरों पर छापेमारी की थी.

पढ़ें- एंटीलिया मामला : सचिन वाजे का सहयोगी पुलिस अधिकारी रियाज काजी निलंबित

मुंबई पुलिस के पूर्व आयुक्त परम बीर सिंह ने महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे को लिखे अपने पत्र में आरोप लगाया कि देशमुख ने बेईमानी की और पद का दुरुपयोग करते हुए सचिन वाजे से हर महीने 100 करोड़ रुपये की उगाही करने के लिए कहा.

(एजेंसी इनपुट)

Last Updated : Aug 5, 2021, 5:41 PM IST
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