नई दिल्ली: सुप्रीम कोर्ट ने बुधवार को सनसनीखेज मनसुख हिरेन हत्या मामले में गिरफ्तार मुंबई के पूर्व पुलिस अधिकारी और एनकाउंटर स्पेशलिस्ट प्रदीप शर्मा को जमानत दे दी. न्यायमूर्ति ए एस बोपन्ना की अध्यक्षता वाली पीठ ने जनवरी 2023 के बॉम्बे हाईकोर्ट के आदेश को चुनौती देने वाली शर्मा की अपील को स्वीकार कर लिया. बॉम्बे हाईकोर्ट ने उनकी जमानत याचिका खारिज कर दी थी. शीर्ष अदालत ने पहले उनकी बीमार पत्नी और वृद्ध मां के कारण उन्हें अंतरिम जमानत दी थी. इस मामले में शर्मा को जून 2021 में गिरफ्तार किया गया था.
शर्मा ने शीर्ष अदालत के समक्ष दलील दी थी कि उनकी पत्नी की स्वास्थ्य स्थिति हर गुजरते दिन के साथ बिगड़ती जा रही है. राष्ट्रीय जांच एजेंसी (एनआईए) ने अरबपति उद्योगपति मुकेश अंबानी के दक्षिण मुंबई स्थित आवास एंटीलिया के बाहर विस्फोटकों से भरी एसयूवी की पार्किंग और उसके बाद ठाणे स्थित कार एक्सेसरीज दुकान के मालिक मनसुख हिरेन की हत्या के मामले में शर्मा को गिरफ्तार किया.
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एनआईए ने दावा किया कि शर्मा ने उद्योगपति मुकेश अंबानी और उनके परिवार को आतंकित करने की पूरी साजिश में 'कमजोर कड़ी' माने जाने वाले हिरेन को खत्म करने के लिए एक अन्य बर्खास्त पुलिसकर्मी सचिन वाजे के साथ कथित तौर पर साजिश रची थी. खुद को निर्दोष बताते हुए शर्मा ने पहले अदालत से कहा था कि वह पुलिस प्रतिद्वंद्विता का शिकार थे, हालांकि उनकी कई जमानत याचिकाएं बॉम्बे हाई कोर्ट ने खारिज कर दी थीं. शर्मा 1983 में उप-निरीक्षक के रूप में मुंबई पुलिस में शामिल हुए और 300 से अधिक एनकाउटर में शामिल रहे, जिनमें से 113 गोलीबारी उनके नाम पर हैं.