मुंबई : एनआईए ने कारोबारी मनसुख हिरेन की कथित हत्या के मामले में गुरुवार को यहां एक क्लब में तलाशी ली और निलंबित पुलिस अधिकारी सचिन वाजे द्वारा इस्तेमाल सिम कार्डों से संबंधित अहम दस्तावेज बरामद किए. अधिकारियों ने यहां यह जानकारी दी.
गौरतलब है कि हिरेन की कार का इस्तेमाल उद्योगपति मुकेश अंबानी के घर के बाहर विस्फोटक सामग्री रखने में हुआ था. एनआईए अधिकारियों ने कहा कि देवजीत नामक व्यक्ति द्वारा संचालित 'आशीष क्लब' में छापेमारी की गई. उन्होंने बताया कि देवजीत ने मामले के आरोपियों में से एक नरेश गौर को कथित तौर पर वाजे के निर्देश पर नौकरी दी थी.
अधिकारियों ने कहा कि वाजे ने नरेश को निर्देश दिया था कि वह उनके व्यक्तिगत इस्तेमाल के लिए सिम कार्ड खरीदे. अधिकारियों ने कहा कि नरेश ने कथित तौर पर पड़ोसी राज्य गुजरात से सिम कार्ड खरीदे और सह-आरोपी विनायक शिंदे के माध्यम से उन्हें वाजे को दिया गया.
इनमें से एक सिम कार्ड का इस्तेमाल वाजे द्वारा हिरेन को फोन करने के लिए किया गया, जो व्यापारी की हत्या से पहले आखिरी कॉल था. हिरन का शव निकटवर्ती ठाणे जिले के मुंब्रा कस्बे में पांच मार्च को एक नाले में मिला था.
अधिकारियों ने कहा कि गुरुवार को तलाशी के दौरान क्लब से सिम कार्ड से जुड़े दस्तावेज जब्त किए गए और इसके अलावा अन्य सामग्री भी जब्त की गईं जिनसे संकेत मिलता है कि सरकारी सेवकों को कथित तौर पर रिश्वत दी गई.
उन्होंने कहा कि वाजे ने उन खबरों के सामने आने के बाद कथित तौर पर हिरेन की हत्या की थी कि मामले की जांच केंद्रीय एजेंसी को सौंपी जा सकती है.
शुरुआती जांच से संकेत मिलते हैं कि हिरेन को एक ऐसी जगह बुलाया गया जहां किसी दवा के जरिये उन्हें बेहोश किया गया और फिर गला दबाकर उनकी हत्या कर दी गई. मुंबई में अंबानी के घर एंटीलिया के बाहर 25 फरवरी को उनका वाहन मिला था जिसमें जिलेटिन की 25 छड़ों के साथ एक धमकी भरा खत भी था.
एनआईए ने अदालत में कहा है कि वाजे ने 25 फरवरी को अंबानी के घर के बाहर जिलेटिन की छड़ों के साथ वाहन खड़ा करने से पहले वह वाहन कथित तौर पर हिरेन से लिया था.
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एनआईए ने 15 मार्च को वाजे को हिरासत में लिया था और फिलहाल वह तीन अप्रैल तक केंद्रीय एजेंसी की हिरासत में है. हिरेन हत्या मामले की शुरुआती जांच कर रही महाराष्ट्र एटीएस ने गौर और शिंदे को गिरफ्तार किया था.
एनआईए ने इस मामले की जांच भी अपने हाथ में ले ली है और दोनों आरोपी 10 अप्रैल तक एजेंसी की हिरासत में हैं.