आइजोल: मिजोरम के निवर्तमान मुख्यमंत्री और मिजो नेशनल फ्रंट (एमएनएफ) के अध्यक्ष जोरमथांगा ने सोमवार को कहा कि राज्य विधानसभा चुनाव में उनकी पार्टी की हार का एक प्रमुख कारण सत्ता विरोधी लहर थी. जोरमथांगा ने जोरम पीपुल्स मूवमेंट (जेडपीएम) के हाथों मिली करारी हार के बाद सोमवार शाम को राज्यपाल हरी बाबू कंभमपति से मुलाकात की और उन्हें अपना इस्तीफा सौंप दिया. अधिकारियों ने इस घटनाक्रम की जानकारी दी.
एमएनएफ ने 40 सदस्यीय सदन में 10 सीट पर जीत हासिल की है, जबकि विपक्षी जेडपीएम ने 27 सीट पर जीत दर्ज करते हुए बहुमत हासिल कर लिया है. राज्य में 2018 में हुए चुनाव में एमएनएफ को 26 सीट मिली थीं. निर्वाचन आयोग के अनुसार, जोरमथांगा स्वयं आइजोल ईस्ट-1 सीट पर जेडपीएम के उम्मीदवार लालथनसांगा से 2,101 मतों से हार गए.
-
#WATCH आइजोल: मिजोरम के निर्वतमान मुख्यमंत्री जोरमथांगा ने कहा, "सत्ता विरोधी लहर और लोगों में मेरे प्रदर्शन के प्रति असंतुष्टि के कारण मैं हार गया... मैं लोगों के फैसले को स्वीकार करता हूं और मुझे उम्मीद है कि अगली सरकार अच्छा प्रदर्शन करेगी..." https://t.co/MiVeFshjGy pic.twitter.com/pxDPJ9mjia
— ANI_HindiNews (@AHindinews) December 4, 2023 " class="align-text-top noRightClick twitterSection" data="
">#WATCH आइजोल: मिजोरम के निर्वतमान मुख्यमंत्री जोरमथांगा ने कहा, "सत्ता विरोधी लहर और लोगों में मेरे प्रदर्शन के प्रति असंतुष्टि के कारण मैं हार गया... मैं लोगों के फैसले को स्वीकार करता हूं और मुझे उम्मीद है कि अगली सरकार अच्छा प्रदर्शन करेगी..." https://t.co/MiVeFshjGy pic.twitter.com/pxDPJ9mjia
— ANI_HindiNews (@AHindinews) December 4, 2023#WATCH आइजोल: मिजोरम के निर्वतमान मुख्यमंत्री जोरमथांगा ने कहा, "सत्ता विरोधी लहर और लोगों में मेरे प्रदर्शन के प्रति असंतुष्टि के कारण मैं हार गया... मैं लोगों के फैसले को स्वीकार करता हूं और मुझे उम्मीद है कि अगली सरकार अच्छा प्रदर्शन करेगी..." https://t.co/MiVeFshjGy pic.twitter.com/pxDPJ9mjia
— ANI_HindiNews (@AHindinews) December 4, 2023
इस्तीफा सौंपने के बाद संवाददाताओं से बात करते हुए जोरमथांगा ने कहा कि सात नवंबर को हुए राज्य विधानसभा चुनावों में उनकी पार्टी की हार का मुख्य कारण सत्ता विरोधी लहर और कोविड-19 का प्रकोप है. उन्होंने कहा कि लोग कोविड-19 महामारी के कारण हुई असुविधा के कारण एमएनएफ सरकार के प्रदर्शन से संतुष्ट नहीं थे.
उन्होंने कहा कि कोरोना वायरस के संक्रमण के प्रकोप ने राज्य की अर्थव्यवस्था पर प्रतिकूल प्रभाव डाला और सरकार के कामकाज को बाधित किया. एमएनएफ प्रमुख ने कहा कि उनकी पार्टी चुनाव के नतीजे को स्वीकार करती है. एमएनएफ भाजपा के नेतृत्व वाले पूर्वोत्तर लोकतांत्रिक गठबंधन (एनईडीए) और केंद्र में राजग का हिस्सा है.