नई दिल्ली: कांग्रेस ने मंगलवार को आरोप लगाया कि बालासोर रेल हादसे की जांच केंद्रीय अन्वेषण ब्यूरो (सीबीआई) से कराने की सरकार की घोषणा सिर्फ 'हेडलाइन मैनेजमेंट' है. पार्टी महासचिव जयराम रमेश ने वर्ष 2016 में कानपुर के निकट हुए एक रेल हादसे का उल्लेख करते हुए कहा कि उस मामले में राष्ट्रीय अन्वेषण अभिकरण (एनआईए) से जांच कराए जाने की घोषणा की गई थी, लेकिन आज तक पता नहीं चल पाया कि उस जांच का नतीजा क्या निकला.
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रेलवे सुरक्षा आयुक्त ने अभी बालासोर ट्रेन दुर्घटना पर अपनी रिपोर्ट भी नहीं दी है, उससे पहले ही CBI जांच की घोषणा कर दी गई। यह कुछ और नहीं बल्कि हेडलाइन मैनेजमेंट है, क्योंकि सरकार डेडलाइन पूरा करने में पूरी तरह से विफल है।
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अब इस क्रोनोलॉजी को याद कीजिए 👇🏾
1. 20 नवंबर, 2016:…
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— Jairam Ramesh (@Jairam_Ramesh) June 6, 2023
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1. 20 नवंबर, 2016:…रेलवे सुरक्षा आयुक्त ने अभी बालासोर ट्रेन दुर्घटना पर अपनी रिपोर्ट भी नहीं दी है, उससे पहले ही CBI जांच की घोषणा कर दी गई। यह कुछ और नहीं बल्कि हेडलाइन मैनेजमेंट है, क्योंकि सरकार डेडलाइन पूरा करने में पूरी तरह से विफल है।
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1. 20 नवंबर, 2016:…
उन्होंने दावा किया कि बालासोर रेल हादसे के मामले में रेलवे सुरक्षा आयुक्त की ओर से रिपोर्ट सौंपे जाने से पहले ही सीबीआई जांच का ऐलान कर दिया गया. रेल मंत्री अश्विनी वैष्णव ने रविवार की शाम घोषणा की थी कि बालासोर रेल हादसे की जांच सीबीआई से कराने की सिफारिश की गई है. रमेश ने ट्वीट किया, 'रेलवे सुरक्षा आयुक्त द्वारा बालासोर रेल हादसे के बारे में अपनी रिपोर्ट सौंपे जाने से पहले ही सीबीआई जांच की घोषणा कर दी गई. यह कुछ और नहीं, बल्कि हेडलाइन मैनेजमेंट है.'
उन्होंने कहा, 'अब यह घटनाक्रम याद कीजिए. 20 नवंबर, 2016 को इंदौर पटना एक्सप्रेस कानपुर के निकट पटरी से उतर गई. इसमें 150 से अधिक लोगों की जान चली गई. तत्कालीन रेल मंत्री सुरेश प्रभु ने 23 जनवरी 2017 को केंद्रीय मंत्री को पत्र लिखकर इस घटना की एनआईए जांच की मांग की. 24 फरवरी 2017 को प्रधानमंत्री ने कहा कि कानपुर ट्रेन दुर्घटना एक साजिश थी.' रमेश ने दावा किया, '21 अक्टूबर 2018 को अखबारों में प्रकाशित खबरों में कहा गया कि एनआईए इस मामले में कोई आरोप पत्र दाखिल नहीं करेगी. 6 जून, 2023 तक इस बात की कोई आधिकारिक जानकारी नहीं है कि कानपुर रेल हादसे पर एनआईए की अंतिम रिपोर्ट क्या है. कोई जवाबदेही नहीं.'
एक दिन पहले, सोमवार को कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खरगे ने बालासोर रेल हादसे के वास्तविक कारणों का पता लगाने के लिए इस मामले के सभी पहलुओं की जांच की मांग करते हुए प्रधानमंत्री को एक पत्र लिखा था. पत्र में उन्होंने कहा था कि सीबीआई की जांच से 'तकनीकी, संस्थागत और राजनीतिक विफलताओं’ की जवाबदेही तय नहीं हो सकती. उन्होंने पत्र में यह भी कहा कि सीबीआई रेल दुर्घटनाओं की जांच के लिए नहीं है, वह अपराधों की छानबीन करती है.
पूर्व रेल मंत्री खरगे ने आरोप लगाया था कि सरकार जवाबदेही तय करने के किसी भी प्रयास को नाकाम करने और लोगों का ध्यान भटकाने की कोशिश कर रही है. उल्लेखनीय है कि ओडिशा के बालासोर में कोरोमंडल एक्सप्रेस शुक्रवार शाम करीब सात बजे ‘लूप लाइन’ पर खड़ी एक मालगाड़ी से टकरा गई, जिससे कोरोमंडल एक्सप्रेस के अधिकतर डिब्बे पटरी से उतर गए. उसी समय वहां से गुजर रही तेज रफ्तार बेंगलुरु-हावड़ा सुपरफास्ट एक्सप्रेस के कुछ डिब्बे कोरोमंडल एक्सप्रेस से टकरा कर पटरी से उतर गए. इस हादसे में कम से कम 275 लोगों की जान चली गई.
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इस मामले की सीबीआई जांच की घोषणा की गई है.
पीटीआई-भाषा