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कर्नाटकः : कांग्रेस ने सरकार से कहा लॉकडाउन से प्रभावित लोगों के लिए वित्तीय पैकेज की हो घोषणा

कोरोना के बढ़ते मामलों के चलते कई राज्यों में लॉकडाउन लगाया गया है. लेकिन ये लाकडॉउन कई लोगों की आजीविका को काफी हद्द तक प्रभावित कर रहा है. जिसको लेकर कर्नाटक कांग्रेस ने राज्य सरकार से लॉकडाउन प्रभावित लोगों के लिए आर्थिक पैकेज की मांग की है. यहीं नही बल्कि टीकाकरण का पूरा खर्च केंद्र सरकार द्वारा उठाए जाने की भी मांग की है.

D K Shivakumar
कर्नाटक प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष डी के शिवकुमार
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Published : May 14, 2021, 8:43 AM IST

बेंगलुरुः कर्नाटक कांग्रेस ने बृहस्पतिवार को राज्य सरकार से लॉकडाउन से प्रभावित हुए लोगों के लिए एक वित्तीय पैकेज घोषित करने की मांग की. कर्नाटक में प्रमुख विपक्षी दल ने यह भी मांग की कि केंद्र को टीकाकरण का पूरा खर्च वहन करना चाहिए और राज्य सरकार को इस संबंध में दबाव बनाना होगा.

प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष डी के शिवकुमार ने कहा की हमारी मांग है कि हर परिवार (गरीबी रेखा से नीचे जीवन यापन करने वाले) को 10,000 रुपये दिए जाएं, उर्वरक की कीमत कम की जाए, जिन्हें नुकसान हुआ है उन सब्जी और फूल उगाने वाले किसानों को मुआवजा दिया जाए. उन कलाकारों एवं अन्य को वित्तीय पैकेज दिया जाना चाहिए जो लॉकडाउन से प्रभावित हुए हैं.

यहां पत्रकारों से उन्होंने कहा कि एक वित्तीय पैकेज दिया जाना चाहिए, बैंकरों की बैठक बुलाई जानी चाहिए और ब्याज माफ किया जाना चाहिए. अगर ऐसा नहीं किया जाता तो आत्महत्याएं बढ़ेंगी और वे (सरकार) इसके लिए जिम्मेदार होंगे...अस्पताल के बिल माफ किए जाएं.

उन्होंने टीकाकरण पर कहा कि राज्य का पैसा इस पर क्यों खर्च किया जाना चाहिए? राज्य को उस पर खर्च करना चाहिए जिस पर उसे करना है. केंद्र सरकार को टीके का पूरा खर्च वहन करना चाहिए, यह नीति पूरी दुनिया में है.

उन्होंने पोलियो टीकाकरण का उदाहरण देते हुए कहा कि केंद्र को टीकाकरण की जिम्मेदारी लेनी है, न कि राज्य को... मुझे नहीं पता कि वे इसे राज्य पर क्यों थोप रहे हैं? इनमें से किसी में भी (राज्य सरकार में) बोलने का साहस नहीं है. भाजपा के पच्चीस सांसद राज्य से हैं, भगवान उन्हें बचाये, क्या वे लोगों की खातिर अपनी आवाज उठा रहे हैं?

राज्य सरकार द्वारा टीकाकरण अभियान के संचालन को लेकर निशाना साधते हुए कर्नाटक प्रदेश कांग्रेस प्रमुख ने कहा कि राज्य सरकार सभी स्तरों पर पूरी तरह से विफल रही है. उन्होंने कहा कि वे चीजों को चलाने में असमर्थ हैं, योजना की पूरी कमी है.

दरअसल, कर्नाटक ने बुधवार को 14 मई से लेकर अगले आदेश तक 18 से 44 साल के आयु वर्ग के लिए टीकाकरण अस्थायी रूप से निलंबित करने का फैसला किया था और केंद्र द्वारा प्रदान किए गए टीकों की पूरी आपूर्ति का उपयोग 45 वर्ष से अधिक आयु के उन व्यक्तियों के टीकाकरण के लिए करने निर्णय लिया था जिन्हें इसकी दूसरी खुराक दी जानी है.

शिवकुमार ने कहा कि राज्य सरकार को चामराजनगर अस्पताल त्रासदी की नैतिक जिम्मेदारी लेनी चाहिए. उन्होंने इसका उल्लेख किया कि घटना की जांच के लिए कर्नाटक उच्च न्यायालय द्वारा नियुक्त तीन-सदस्यीय समिति ने अपनी रिपोर्ट में कहा है कि सभी 24 मौतें 2-3 मई की दरमियानी रात को ऑक्सीजन की कमी के कारण हुई थीं.

पढ़ेंः यूपी में संक्रमण कम हुआ या टेस्टिंग, आंकड़ों ने खोली सरकार की पोल

बता दें, राज्य में कोविड -19 के बढ़ते मामलों के बीच कर्नाटक सरकार ने 10 मई से 24 मई तक राज्य में पूर्ण लॉकडाउन लगा दिया है.

बेंगलुरुः कर्नाटक कांग्रेस ने बृहस्पतिवार को राज्य सरकार से लॉकडाउन से प्रभावित हुए लोगों के लिए एक वित्तीय पैकेज घोषित करने की मांग की. कर्नाटक में प्रमुख विपक्षी दल ने यह भी मांग की कि केंद्र को टीकाकरण का पूरा खर्च वहन करना चाहिए और राज्य सरकार को इस संबंध में दबाव बनाना होगा.

प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष डी के शिवकुमार ने कहा की हमारी मांग है कि हर परिवार (गरीबी रेखा से नीचे जीवन यापन करने वाले) को 10,000 रुपये दिए जाएं, उर्वरक की कीमत कम की जाए, जिन्हें नुकसान हुआ है उन सब्जी और फूल उगाने वाले किसानों को मुआवजा दिया जाए. उन कलाकारों एवं अन्य को वित्तीय पैकेज दिया जाना चाहिए जो लॉकडाउन से प्रभावित हुए हैं.

यहां पत्रकारों से उन्होंने कहा कि एक वित्तीय पैकेज दिया जाना चाहिए, बैंकरों की बैठक बुलाई जानी चाहिए और ब्याज माफ किया जाना चाहिए. अगर ऐसा नहीं किया जाता तो आत्महत्याएं बढ़ेंगी और वे (सरकार) इसके लिए जिम्मेदार होंगे...अस्पताल के बिल माफ किए जाएं.

उन्होंने टीकाकरण पर कहा कि राज्य का पैसा इस पर क्यों खर्च किया जाना चाहिए? राज्य को उस पर खर्च करना चाहिए जिस पर उसे करना है. केंद्र सरकार को टीके का पूरा खर्च वहन करना चाहिए, यह नीति पूरी दुनिया में है.

उन्होंने पोलियो टीकाकरण का उदाहरण देते हुए कहा कि केंद्र को टीकाकरण की जिम्मेदारी लेनी है, न कि राज्य को... मुझे नहीं पता कि वे इसे राज्य पर क्यों थोप रहे हैं? इनमें से किसी में भी (राज्य सरकार में) बोलने का साहस नहीं है. भाजपा के पच्चीस सांसद राज्य से हैं, भगवान उन्हें बचाये, क्या वे लोगों की खातिर अपनी आवाज उठा रहे हैं?

राज्य सरकार द्वारा टीकाकरण अभियान के संचालन को लेकर निशाना साधते हुए कर्नाटक प्रदेश कांग्रेस प्रमुख ने कहा कि राज्य सरकार सभी स्तरों पर पूरी तरह से विफल रही है. उन्होंने कहा कि वे चीजों को चलाने में असमर्थ हैं, योजना की पूरी कमी है.

दरअसल, कर्नाटक ने बुधवार को 14 मई से लेकर अगले आदेश तक 18 से 44 साल के आयु वर्ग के लिए टीकाकरण अस्थायी रूप से निलंबित करने का फैसला किया था और केंद्र द्वारा प्रदान किए गए टीकों की पूरी आपूर्ति का उपयोग 45 वर्ष से अधिक आयु के उन व्यक्तियों के टीकाकरण के लिए करने निर्णय लिया था जिन्हें इसकी दूसरी खुराक दी जानी है.

शिवकुमार ने कहा कि राज्य सरकार को चामराजनगर अस्पताल त्रासदी की नैतिक जिम्मेदारी लेनी चाहिए. उन्होंने इसका उल्लेख किया कि घटना की जांच के लिए कर्नाटक उच्च न्यायालय द्वारा नियुक्त तीन-सदस्यीय समिति ने अपनी रिपोर्ट में कहा है कि सभी 24 मौतें 2-3 मई की दरमियानी रात को ऑक्सीजन की कमी के कारण हुई थीं.

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बता दें, राज्य में कोविड -19 के बढ़ते मामलों के बीच कर्नाटक सरकार ने 10 मई से 24 मई तक राज्य में पूर्ण लॉकडाउन लगा दिया है.

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