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किसानों की आय दोगुनी करने में पशुपालन की होगी बड़ी भूमिका: पुरुषोत्तम रुपाला - Animal Husbandry Infrastructure Development Fund

केंद्रीय पशुपालन मंत्री पुरुषोत्तम रुपाला ने दिल्ली में एनिमल हसबेंडरी इंफ्रास्ट्रक्चर डेवलपमेंट फंड पर आयोजित एक कॉन्क्लेव को संबोधित किया. इस अवसर पर उन्होंने कहा कि आने वाले समय में पशुपालन, डेरी और मत्स्यपालन की किसानों की आय बढ़ाने में अहम भूमिका होगी. साथ ही उन्होंने कहा कि प्राचीन समय में गायों को धन के रूप में सबसे पहले गिना जाता था और हाथी घोड़े भी उसके बाद ही गिने जाते थे.

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पुरुषोत्तम रुपाला
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Published : Jul 14, 2022, 10:06 PM IST

नई दिल्ली: केंद्रीय पशुपालन मंत्री पुरुषोत्तम रुपाला ने कहा है कि आने वाले समय में यदि किसानों की आय दोगनी करनी है तो उसमें पशुपालन, डेरी और मत्स्यपालन की बड़ी भूमिका होगी. रुपाला गुरुवार को दिल्ली में एनिमल हसबेंडरी इंफ्रास्ट्रक्चर डेवलपमेंट फंड पर आयोजित एक कॉन्क्लेव को संबोधित कर रहे थे. गौरतलब है कि मोदी सरकार ने वर्ष 2022 तक किसानों की आमदनी दोगुनी करने की बात कही थी और इसके लिये एक विशेष कमेटी भी गठित की गई थी, हालांकि अब तक इस लक्ष्य को कहां तक प्राप्त किया गया इस पर कोई आधिकारिक जानकारी नहीं है.

केंद्रीय मंत्री रुपाला ने आगे कहा कि गाय आने वाले समय में विश्व की अर्थव्यवस्था के केंद्र में होगी. प्राचीन समय में गायों को धन के रूप में सबसे पहले गिना जाता था और हाथी घोड़े भी उसके बाद ही गिने जाते थे. केंद्र सरकार आने वाले समय में एनिमल हसबेंडरी इंफ्रास्ट्रक्चर के लिए कई योजनाएं लेकर आ रही है जिसमें पशुपालकों और डेरी के लिए भी केसीसी (Kisan Credit Card) की सुविधा उपलब्ध कराना शामिल है. इसके अलावा देश में खाद्य सुरक्षा सुनिश्चित करने के बाद अब पशुओं के लिए भी खाद्य सुरक्षा पर काम करना मंत्रालय के लिए जरूरी विषय होगा.

केसीसी के माध्यम से किसानों के बीच अब तक 17 लाख करोड़ रुपये की राशि ऋण के रूप में पहुंची है. जब इस योजना को शुरू किया गया था जब 6 लाख करोड़ तक आंकड़ा पहुंचा था लेकिन आज यह योजना निर्धारित लक्ष्य से भी बेहतर काम कर रही है जिससे ग्रामीण क्षेत्र की अर्थव्यवस्था में सुधार हो रहा है और किसानों को भी लाभ मिल रहा है. केंद्रीय मंत्री ने बताया कि वित्त मंत्रालय लगातार इस बात पर काम कर रहा है कि किस तरह से पशुपालकों और मतस्यपालकों को एग्रीकल्चर फाइनेंस के तर्ज पर ही उन्हें भी वित्तीय सहायता उपलब्ध कराई जाए.

कार्यक्रम के दौरान बुकलेट्स भी जारी किए गए, जिसके जरिये मंत्रालय के सभी योजनाओं की जानकारी दी गई है. बता दें कि कृषि क्षेत्र को लाभकारी बनाने के लिये सरकार अब पारंपरिक खेती के अलावा ग्रामीण क्षेत्र में डेरी, फिशरी और पशुपालन से जुड़े क्षेत्र को उद्योग के रूप में आगे बढ़ाने पर जोर दे रही है. केंद्रीय मंत्री ने संबोधन के दौरान यह माना कि दुग्ध के अलावा इस क्षेत्र के अन्य आयामों में मार्केटिंग की कमी है जिसके कारण अपेक्षित विकास नहीं हो पाया है.

यह भी पढ़ें- अग्निपथ योजना नौकरी नहीं, सेना में काम करने का एक अनुभव है: केंद्रीय मंत्री पुरुषोत्तम रुपाला

पशुपालन मंत्री ने आगे बताया कि पशुओं के स्वास्थ्य पर ध्यान देते हुए केंद्र सरकार ने मुफ्त पशु एम्बुलेंस की शुरुआत की और टीकाकरण के लिए 11,000 करोड़ की राशि निर्गत की गई जो बड़ी उपलब्धि है. निमल हसबेंडरी इंफ्रास्ट्रक्चर डेवलपमेंट फंड के तहत क्षेत्र में एंटरप्रेन्योरशिप को बढ़ावा दिया जा रहा है और कई कार्यों के लिये आसान ऋण भी उपलब्ध कराए जा रहे हैं. केंद्रीय मंत्री ने कहा कि तकनीकी सत्र के बाद यदि कुछ ऐसे सुझाव सामने आते हैं कि इसमें और भी आयाम जोड़े जाएं तो सरकार जरूर इस पर विचार करेगी.

नई दिल्ली: केंद्रीय पशुपालन मंत्री पुरुषोत्तम रुपाला ने कहा है कि आने वाले समय में यदि किसानों की आय दोगनी करनी है तो उसमें पशुपालन, डेरी और मत्स्यपालन की बड़ी भूमिका होगी. रुपाला गुरुवार को दिल्ली में एनिमल हसबेंडरी इंफ्रास्ट्रक्चर डेवलपमेंट फंड पर आयोजित एक कॉन्क्लेव को संबोधित कर रहे थे. गौरतलब है कि मोदी सरकार ने वर्ष 2022 तक किसानों की आमदनी दोगुनी करने की बात कही थी और इसके लिये एक विशेष कमेटी भी गठित की गई थी, हालांकि अब तक इस लक्ष्य को कहां तक प्राप्त किया गया इस पर कोई आधिकारिक जानकारी नहीं है.

केंद्रीय मंत्री रुपाला ने आगे कहा कि गाय आने वाले समय में विश्व की अर्थव्यवस्था के केंद्र में होगी. प्राचीन समय में गायों को धन के रूप में सबसे पहले गिना जाता था और हाथी घोड़े भी उसके बाद ही गिने जाते थे. केंद्र सरकार आने वाले समय में एनिमल हसबेंडरी इंफ्रास्ट्रक्चर के लिए कई योजनाएं लेकर आ रही है जिसमें पशुपालकों और डेरी के लिए भी केसीसी (Kisan Credit Card) की सुविधा उपलब्ध कराना शामिल है. इसके अलावा देश में खाद्य सुरक्षा सुनिश्चित करने के बाद अब पशुओं के लिए भी खाद्य सुरक्षा पर काम करना मंत्रालय के लिए जरूरी विषय होगा.

केसीसी के माध्यम से किसानों के बीच अब तक 17 लाख करोड़ रुपये की राशि ऋण के रूप में पहुंची है. जब इस योजना को शुरू किया गया था जब 6 लाख करोड़ तक आंकड़ा पहुंचा था लेकिन आज यह योजना निर्धारित लक्ष्य से भी बेहतर काम कर रही है जिससे ग्रामीण क्षेत्र की अर्थव्यवस्था में सुधार हो रहा है और किसानों को भी लाभ मिल रहा है. केंद्रीय मंत्री ने बताया कि वित्त मंत्रालय लगातार इस बात पर काम कर रहा है कि किस तरह से पशुपालकों और मतस्यपालकों को एग्रीकल्चर फाइनेंस के तर्ज पर ही उन्हें भी वित्तीय सहायता उपलब्ध कराई जाए.

कार्यक्रम के दौरान बुकलेट्स भी जारी किए गए, जिसके जरिये मंत्रालय के सभी योजनाओं की जानकारी दी गई है. बता दें कि कृषि क्षेत्र को लाभकारी बनाने के लिये सरकार अब पारंपरिक खेती के अलावा ग्रामीण क्षेत्र में डेरी, फिशरी और पशुपालन से जुड़े क्षेत्र को उद्योग के रूप में आगे बढ़ाने पर जोर दे रही है. केंद्रीय मंत्री ने संबोधन के दौरान यह माना कि दुग्ध के अलावा इस क्षेत्र के अन्य आयामों में मार्केटिंग की कमी है जिसके कारण अपेक्षित विकास नहीं हो पाया है.

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पशुपालन मंत्री ने आगे बताया कि पशुओं के स्वास्थ्य पर ध्यान देते हुए केंद्र सरकार ने मुफ्त पशु एम्बुलेंस की शुरुआत की और टीकाकरण के लिए 11,000 करोड़ की राशि निर्गत की गई जो बड़ी उपलब्धि है. निमल हसबेंडरी इंफ्रास्ट्रक्चर डेवलपमेंट फंड के तहत क्षेत्र में एंटरप्रेन्योरशिप को बढ़ावा दिया जा रहा है और कई कार्यों के लिये आसान ऋण भी उपलब्ध कराए जा रहे हैं. केंद्रीय मंत्री ने कहा कि तकनीकी सत्र के बाद यदि कुछ ऐसे सुझाव सामने आते हैं कि इसमें और भी आयाम जोड़े जाएं तो सरकार जरूर इस पर विचार करेगी.

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