सरगुजा: स्वच्छता के क्षेत्र में लागातार नवाचार कर सुर्खियों में रहने वाला अंबिकापुर नगर निगम एक बार फिर कुछ नया करने जा रहा है. अंबिकापुर जल्द ही एक ऐसी इंसीनरेटर यूनिट लगेगी, जिसमे खतरनाक सेनेटरी वेस्ट और मृत पशुओं के शव का निबटारा किया जाएगा. इस इंसीनरेटर के लिए कंपनी को ऑर्डर कर दिया गया है और यूनिट की स्थापना के लिए भट्ठी कला में शेड का निर्माण पूरा हो चुका है. जल्द ही कंपनी इंसीनरेटर अंबिकापुर में लाकर यूनिट को स्थापित कर देगी. इस यूनिट के शुरू होने से डोर टू डोर कचरा कलेक्शन से मिलने वाला सेनेटरी वेस्ट और मृत पशुओं के शव का निपटान अंबिकापुर नगर निगम खुद कर सकेगा.
अभी तक अस्पताल पर थे निर्भर: अभी तक अंबिकापुर नगर निगम सेनेटरी वेस्ट का निपटान मेडिकल कॉलेज अस्पताल के इंसीनरेटर में करता था. मेडिकल कॉलेज अस्पताल में बायोमेडिकल वेस्ट के निपटान के लिए इंसीनरेटर लगा है. लेकिन अब अंबिकापुर के पास खुद का इंसीनरेटर होगा. अंबिकापुर प्रदेश का पहला नगर निगम होगा जहां मृत पशुओं और सेनेटरी वेस्ट के निपटारे के लिए इंसीनरेटर की सुविधा होगी.
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पशुओं को दफनाने की लंबी प्रक्रिया की हो जाएगी छुट्टी: स्वच्छ भारत मिशन के नोडल ऑफीसर ऋतेश सैनी ने बताया कि "यह इंसीनरेटर 50 लाख का होगा. इसकी स्थापना के लिए शेड तैयार है. कंपनी को आर्डर कर दिया गया है. जल्द ही इंसीनरेटर स्थापित हो जाएगा. पर्यावरणीय स्वीकृति के लिए भी प्रक्रिया चल रही है. पशुओं को अब तक दफनाया जाता रहा है, जिससे खाली जमीन की भी समस्या होती है."
एक बार में 5 सौ किलो वेस्ट का निबटारा: ऋतेश सैनी कहते है "एनजीटी की गाइड लाइन के तहत यह इंसीनरेटर सभी को लगाना है. पशुओं को दफनाने की प्रक्रिया में समय ज्यादा लगता है. वहीं जेसीबी सहित अन्य संसाधनों के उपयोग से निगम का खर्चा भी ज्यादा पड़ता है. इस इंसीनरेटर में एक बार मे 500 किलो तक के वेस्ट के निपटारे की क्षमता रहेगी."
कचरे से कमाई का दिया था फार्मूला: सॉलिड लिक्विड एंड वेस्ट मैनेजमेंट का काम देश मे सबसे पहले अंबिकापुर ने शुरू किया था. आज देश भर में स्वच्छ भारत मिशन के तहत अंबिकापुर मॉडल को अपनाया गया है. कचरे से कमाई का गजब का फार्मूला अंबिकापुर नगर निगम ने निकाला है. अब सेनेटरी वेस्ट और पशुओं के शव का निबटारा भी अंबिकापुर नगर निगम कर सकेगा.