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'पहले कोर्ट से आये फैसला फिर ED के सामने होऊंगा पेश' - courts decision on my petition

महाराष्ट्र के पूर्व गृह मंत्री अनिल देशमुख ने वीडियो संदेश में कहा, ईडी ने मेरे परिवार की सम्पत्ति अस्थायी रूप से जब्त कर ली है, जो करीब चार करोड़ रुपये है. मीडिया में आई कुछ खबरों में कहा गया है कि ईडी ने सलिल देशमुख की 300 करोड़ रुपये की जमीन जब्त कर ली है, जो दरअसल मेरे बेटे की कंपनी ने 2.67 करोड़ रुपये में खरीदी थी. ये समाचार गुमराह करने वाले हैं.

अनिल देशमुख
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Published : Jul 19, 2021, 6:31 PM IST

नागपुर : महाराष्ट्र के पूर्व गृह मंत्री (Former Maharashtra Home Minister) अनिल देशमुख (Anil Deshmukh) ने आज (सोमवार) कहा, वह धनशोधन मामले में उनकी याचिका (petition in money laundering case) पर उच्चतम न्यायालय का फैसले (Supreme Court decision) आने के बाद इसकी जांच के संबंध में अपना बयान दर्ज कराने के लिए प्रवर्तन निदेशालय (ED) के समक्ष पेश होंगे.

देशमुख ने धनशोधन के मामले में किसी दंडात्मक कार्रवाई से संरक्षण प्राप्त करने के लिए न्यायालय में याचिका दायर कर रखी है. राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी के नेता का यह बयान ऐसे समय में आया है, जब एक दिन पहले निदेशालय ने नागपुर जिले में उनके दो आवास पर छापे मारे थे.

देशमुख ने वीडियो संदेश में कहा, ईडी ने मेरे परिवार की सम्पत्ति अस्थायी रूप से जब्त कर ली है, जो करीब चार करोड़ रुपये है. उन्होंने कहा कि उनके बेटे सलिल देशमुख ने 2006 में 2.67 करोड़ रुपये की जमीन खरीदी थी, जिसे भी जब्त कर लिया गया है.

देशमुख ने कहा, मीडिया में आई कुछ खबरों में कहा गया है कि ईडी ने सलिल देशमुख की 300 करोड़ रुपये की जमीन जब्त कर ली है, जो दरअसल मेरे बेटे की कंपनी ने 2.67 करोड़ रुपये में खरीदी थी. ये समाचार गुमराह करने वाले हैं.

पढ़ें- गुजरात पर सुप्रीम कोर्ट सख्त, 'परमाणु खुफिया रिपोर्ट की तरह क्यों सौंपी अस्पताल की रिपोर्ट'

देशमुख इससे पहले मामले में पूछताछ के लिए निदेशालय की ओर से जारी समन के बावजूद उसके समक्ष पेश नहीं हुए थे.

पूर्व मंत्री ने कहा, मैंने प्रवर्तन निदेशालय के समन मिलने के बाद उच्चतम न्यायालय में याचिका दायर की थी. मैं अपनी याचिका पर उच्चतम न्यायालय के फैसले के बाद अपना बयान दर्ज कराने के लिए प्रवर्तन निदेशालय के पास जाऊंगा.

निदेशालय कथित तौर पर करोड़ों रुपये के घूस एवं वसूली गिरोह मामले से जुड़े धन शोधन मामले की जांच कर रहा है. इस मामले के चलते देशमुख को इस साल अप्रैल में राज्य के गृह मंत्री के पद से इस्तीफा देना पड़ा था. केंद्रीय एजेंसी ने हाल में देशमुख के निजी सचिव संजीव पलांडे और निजी सहायक कुंदन शिंदे को गिरफ्तार किया था. इससे पहले उसने इन दोनों और देशमुख के मुंबई तथा नागपुर में स्थित आवासों पर छापे मारे थे.

निदेशालय ने बंबई उच्च न्यायालय के आदेश पर दर्ज किए गए मामले के बाद केंद्रीय अन्वेषण ब्यूरो (CBI) की प्रारंभिक जांच के बाद देशमुख तथा अन्य के खिलाफ मामला दर्ज किया था. अदालत ने सीबीआई को मुंबई के पूर्व पुलिस आयुक्त परमबीर सिंह द्वारा देशमुख के खिलाफ लगाए गए रिश्वत के आरोपों की जांच करने के लिए कहा था. देशमुख ने आरोपों से इनकार किया है.

(भाषा)

नागपुर : महाराष्ट्र के पूर्व गृह मंत्री (Former Maharashtra Home Minister) अनिल देशमुख (Anil Deshmukh) ने आज (सोमवार) कहा, वह धनशोधन मामले में उनकी याचिका (petition in money laundering case) पर उच्चतम न्यायालय का फैसले (Supreme Court decision) आने के बाद इसकी जांच के संबंध में अपना बयान दर्ज कराने के लिए प्रवर्तन निदेशालय (ED) के समक्ष पेश होंगे.

देशमुख ने धनशोधन के मामले में किसी दंडात्मक कार्रवाई से संरक्षण प्राप्त करने के लिए न्यायालय में याचिका दायर कर रखी है. राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी के नेता का यह बयान ऐसे समय में आया है, जब एक दिन पहले निदेशालय ने नागपुर जिले में उनके दो आवास पर छापे मारे थे.

देशमुख ने वीडियो संदेश में कहा, ईडी ने मेरे परिवार की सम्पत्ति अस्थायी रूप से जब्त कर ली है, जो करीब चार करोड़ रुपये है. उन्होंने कहा कि उनके बेटे सलिल देशमुख ने 2006 में 2.67 करोड़ रुपये की जमीन खरीदी थी, जिसे भी जब्त कर लिया गया है.

देशमुख ने कहा, मीडिया में आई कुछ खबरों में कहा गया है कि ईडी ने सलिल देशमुख की 300 करोड़ रुपये की जमीन जब्त कर ली है, जो दरअसल मेरे बेटे की कंपनी ने 2.67 करोड़ रुपये में खरीदी थी. ये समाचार गुमराह करने वाले हैं.

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देशमुख इससे पहले मामले में पूछताछ के लिए निदेशालय की ओर से जारी समन के बावजूद उसके समक्ष पेश नहीं हुए थे.

पूर्व मंत्री ने कहा, मैंने प्रवर्तन निदेशालय के समन मिलने के बाद उच्चतम न्यायालय में याचिका दायर की थी. मैं अपनी याचिका पर उच्चतम न्यायालय के फैसले के बाद अपना बयान दर्ज कराने के लिए प्रवर्तन निदेशालय के पास जाऊंगा.

निदेशालय कथित तौर पर करोड़ों रुपये के घूस एवं वसूली गिरोह मामले से जुड़े धन शोधन मामले की जांच कर रहा है. इस मामले के चलते देशमुख को इस साल अप्रैल में राज्य के गृह मंत्री के पद से इस्तीफा देना पड़ा था. केंद्रीय एजेंसी ने हाल में देशमुख के निजी सचिव संजीव पलांडे और निजी सहायक कुंदन शिंदे को गिरफ्तार किया था. इससे पहले उसने इन दोनों और देशमुख के मुंबई तथा नागपुर में स्थित आवासों पर छापे मारे थे.

निदेशालय ने बंबई उच्च न्यायालय के आदेश पर दर्ज किए गए मामले के बाद केंद्रीय अन्वेषण ब्यूरो (CBI) की प्रारंभिक जांच के बाद देशमुख तथा अन्य के खिलाफ मामला दर्ज किया था. अदालत ने सीबीआई को मुंबई के पूर्व पुलिस आयुक्त परमबीर सिंह द्वारा देशमुख के खिलाफ लगाए गए रिश्वत के आरोपों की जांच करने के लिए कहा था. देशमुख ने आरोपों से इनकार किया है.

(भाषा)

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