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सीबीआई पुलिस कर्मियों के स्थानांतरण, सचिन वाजे की बहाली की जांच कर सकती है : अदालत

बंबई उच्च न्यायालय ने महाराष्ट्र के पूर्व गृह मंत्री अनिल देशमुख के खिलाफ भ्रष्टाचार के आरोपों पर सीबीआई की प्राथमिकी को रद्द करने से इनकार किया. वहीं अदालत सचिन वाजे की बहाली की जांच कर सकती है.

Anil Deshmukh
Anil Deshmukh
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Published : Jul 22, 2021, 3:22 PM IST

Updated : Jul 22, 2021, 4:33 PM IST

मुंबई : बंबई उच्च न्यायालय ने भ्रष्टाचार के आरोप में महाराष्ट्र के पूर्व गृह मंत्री अनिल देशमुख के खिलाफ सीबीआई द्वारा दर्ज की गई प्राथमिकी को बृहस्पतिवार को रद्द करने से इनकार कर दिया. वहीं बंबई उच्च न्यायालय ने कहा कि सीबीआई महाराष्ट्र के पूर्व गृह मंत्री अनिल देशमुख और उनके सहयोगियों के साथ साठगांठ को लेकर पुलिसकर्मियों के स्थानांतरण तथा सचिन वाजे की बल में बहाली की जांच कर सकती है.

न्यायमूर्ति एस एस शिंदे और न्यायमूर्ति एन जे जामदार की पीठ ने कहा कि प्राथमिकी रद्द करने के अनुरोध वाली देशमुख की याचिका 'खारिज किए जाने लायक' है.

एक पैराग्राफ राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (राकांपा) नेता देशमुख के खिलाफ सचिन वाजे द्वारा लगाए गए आरोपों से संबंधित है. वहीं, दूसरा पैराग्राफ पुलिस कर्मियों के स्थानांतरण और तैनाती में भ्रष्टाचार से संबंधित है.

अदालत ने कहा, हमारे विचार में जांच एजेंसी (सीबीआई) पुलिस कर्मियों के स्थानांतरण और तैनाती तथा 15 साल बाद पुलिस बल में सचिन वाजे की बहाली के मामले में वैध रूप से जांच कर सकती है.

सीबीआई ने इस साल 21 अप्रैल को देशमुख के खिलाफ भ्रष्टाचार और पद के दुरुपयोग के कथित आरोपों को लेकर प्राथमिकी दर्ज की थी. एजेंसी ने पांच अप्रैल को उच्च न्यायालय के एक आदेश पर राकांपा नेता के खिलाफ प्रारंभिक जांच करने के बाद प्राथमिकी दर्ज की थी.

उसके बाद देशमुख ने राज्य के गृह मंत्री के पद से इस्तीफा दे दिया था. राकांपा नेता ने हालांकि कहा था कि उन्होंने कोई गलत काम नहीं किया है.

पढ़ें :-'पहले कोर्ट से आये फैसला फिर ED के सामने होऊंगा पेश'

मुंबई के पूर्व पुलिस आयुक्त परम बीर सिंह द्वारा देशमुख के खिलाफ लगाए गए भ्रष्टाचार के आरोपों के बाद वकील जयश्री पाटिल की शिकायत पर जांच शुरू की गई थी.

वरिष्ठ अधिवक्ता अमित देसाई के जरिए देशमुख ने उनके खिलाफ दर्ज प्राथमिकी रद्द करने का अनुरोध किया था. राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (राकांपा) नेता ने कहा था कि उनके खिलाफ चल रही सीबीआई जांच अवैध है, क्योंकि केंद्रीय एजेंसी ने उन पर मुकदमा चलाने के लिए महाराष्ट्र सरकार से पूर्व मंजूरी नहीं ली थी.

(पीटीआई-भाषा)

मुंबई : बंबई उच्च न्यायालय ने भ्रष्टाचार के आरोप में महाराष्ट्र के पूर्व गृह मंत्री अनिल देशमुख के खिलाफ सीबीआई द्वारा दर्ज की गई प्राथमिकी को बृहस्पतिवार को रद्द करने से इनकार कर दिया. वहीं बंबई उच्च न्यायालय ने कहा कि सीबीआई महाराष्ट्र के पूर्व गृह मंत्री अनिल देशमुख और उनके सहयोगियों के साथ साठगांठ को लेकर पुलिसकर्मियों के स्थानांतरण तथा सचिन वाजे की बल में बहाली की जांच कर सकती है.

न्यायमूर्ति एस एस शिंदे और न्यायमूर्ति एन जे जामदार की पीठ ने कहा कि प्राथमिकी रद्द करने के अनुरोध वाली देशमुख की याचिका 'खारिज किए जाने लायक' है.

एक पैराग्राफ राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (राकांपा) नेता देशमुख के खिलाफ सचिन वाजे द्वारा लगाए गए आरोपों से संबंधित है. वहीं, दूसरा पैराग्राफ पुलिस कर्मियों के स्थानांतरण और तैनाती में भ्रष्टाचार से संबंधित है.

अदालत ने कहा, हमारे विचार में जांच एजेंसी (सीबीआई) पुलिस कर्मियों के स्थानांतरण और तैनाती तथा 15 साल बाद पुलिस बल में सचिन वाजे की बहाली के मामले में वैध रूप से जांच कर सकती है.

सीबीआई ने इस साल 21 अप्रैल को देशमुख के खिलाफ भ्रष्टाचार और पद के दुरुपयोग के कथित आरोपों को लेकर प्राथमिकी दर्ज की थी. एजेंसी ने पांच अप्रैल को उच्च न्यायालय के एक आदेश पर राकांपा नेता के खिलाफ प्रारंभिक जांच करने के बाद प्राथमिकी दर्ज की थी.

उसके बाद देशमुख ने राज्य के गृह मंत्री के पद से इस्तीफा दे दिया था. राकांपा नेता ने हालांकि कहा था कि उन्होंने कोई गलत काम नहीं किया है.

पढ़ें :-'पहले कोर्ट से आये फैसला फिर ED के सामने होऊंगा पेश'

मुंबई के पूर्व पुलिस आयुक्त परम बीर सिंह द्वारा देशमुख के खिलाफ लगाए गए भ्रष्टाचार के आरोपों के बाद वकील जयश्री पाटिल की शिकायत पर जांच शुरू की गई थी.

वरिष्ठ अधिवक्ता अमित देसाई के जरिए देशमुख ने उनके खिलाफ दर्ज प्राथमिकी रद्द करने का अनुरोध किया था. राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (राकांपा) नेता ने कहा था कि उनके खिलाफ चल रही सीबीआई जांच अवैध है, क्योंकि केंद्रीय एजेंसी ने उन पर मुकदमा चलाने के लिए महाराष्ट्र सरकार से पूर्व मंजूरी नहीं ली थी.

(पीटीआई-भाषा)

Last Updated : Jul 22, 2021, 4:33 PM IST
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