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आंध्र प्रदेश: खेती में ड्रोन का उपयोग कर पति का हाथ बटाती हैं कनकदुर्गा

आंध्र प्रदेश की कनकदुर्गा, खेती में ड्रोन का इस्तेमाल करके न सिर्फ अपने पति का काम आसान कर रही हैं बल्कि यहां के किसानों के लिए नजीर भी पेश कर रही हैं. आखिर क्या है खेती में ड्रोन का उपयोग करने की कहानी, आइए जानते हैं..

Woman farmer uses drone guntur
महिला किसान खेती में ड्रोन का उपयोग गुंटूर
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Published : Jun 24, 2022, 7:52 PM IST

अमरावती: आज के समय में ड्रोन तकनीक किस तेजी से अपने पांव पसार रही है, यह बात किसी से छुपी नहीं है. यहां तक कि खुद पीएम मोदी ने भी भारतीय ड्रोन महोत्सव में इसे लेकर भारत में बढ़ते उत्साह के बारे में अवगत कराया था. ऐसी ही एक महिला हैं आंध्र प्रदेश की कनकदुर्गा, जो ड्रोन के माध्यम से न सिर्फ अपने पति का समय बचाती हैं बल्कि खेती में भी हाथ बटाती हैं.

खेती में ड्रोन का उपयोग करती हैं कनकदुर्गा

दरअसल गुंटूर जिले के एक गांव की रहने वाली कनकदुर्गा के पति बपिरेड्डी फूलों की खेती करते हैं. फसल में कीटनाशकों के छिड़काव में आने वाली दिक्कतों को देखते हुए उन्होंने ड्रोन का उपयोग करने की सोची. वैसे तो कनकदुर्गा ने केवल पांचवीं कक्षा तक ही शिक्षा ग्रहण की है लेकिन इसके बावजूद उन्होंने ड्रोन चलाना सीखा. अब वह ड्रोन की मदद से ही कीटनाशकों का छीड़काव करती हैं. इससे न सिर्फ लोगों की मेहनत बचती है बल्कि कीटनाशक भी कम खर्च होता है. वे कहती हैं कि जरूरत के हिसाब के व्यक्ति को हर चीज सीखनी चाहिए.

यह भी पढ़ें-ऐसा ड्रोन जो इशारे समझकर करता है काम

वे बताती हैं कि, 'जब मेरे पति फूल लेकर बाजार जाते हैं तब मैं ड्रोन की मदद से मजदूरों के काम की देखरेख करती हूं.' वहीं बपिरेड्डी ने कहा कि, 'कनकदुर्गा ड्रोन से कीटनाशकों एवं अन्य दवाओं का भी छिड़काव करती हैं. इससे काम भी जल्दी हो जाता है और कीटनाशकों की भी 25 प्रतिशत तक बचत होती है.'

अमरावती: आज के समय में ड्रोन तकनीक किस तेजी से अपने पांव पसार रही है, यह बात किसी से छुपी नहीं है. यहां तक कि खुद पीएम मोदी ने भी भारतीय ड्रोन महोत्सव में इसे लेकर भारत में बढ़ते उत्साह के बारे में अवगत कराया था. ऐसी ही एक महिला हैं आंध्र प्रदेश की कनकदुर्गा, जो ड्रोन के माध्यम से न सिर्फ अपने पति का समय बचाती हैं बल्कि खेती में भी हाथ बटाती हैं.

खेती में ड्रोन का उपयोग करती हैं कनकदुर्गा

दरअसल गुंटूर जिले के एक गांव की रहने वाली कनकदुर्गा के पति बपिरेड्डी फूलों की खेती करते हैं. फसल में कीटनाशकों के छिड़काव में आने वाली दिक्कतों को देखते हुए उन्होंने ड्रोन का उपयोग करने की सोची. वैसे तो कनकदुर्गा ने केवल पांचवीं कक्षा तक ही शिक्षा ग्रहण की है लेकिन इसके बावजूद उन्होंने ड्रोन चलाना सीखा. अब वह ड्रोन की मदद से ही कीटनाशकों का छीड़काव करती हैं. इससे न सिर्फ लोगों की मेहनत बचती है बल्कि कीटनाशक भी कम खर्च होता है. वे कहती हैं कि जरूरत के हिसाब के व्यक्ति को हर चीज सीखनी चाहिए.

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वे बताती हैं कि, 'जब मेरे पति फूल लेकर बाजार जाते हैं तब मैं ड्रोन की मदद से मजदूरों के काम की देखरेख करती हूं.' वहीं बपिरेड्डी ने कहा कि, 'कनकदुर्गा ड्रोन से कीटनाशकों एवं अन्य दवाओं का भी छिड़काव करती हैं. इससे काम भी जल्दी हो जाता है और कीटनाशकों की भी 25 प्रतिशत तक बचत होती है.'

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