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आंध्र प्रदेश HC ने 8 आईएएस को हॉस्टल में सेवा करने की दी अनोखी सजा, जानें क्यों

आंध्र प्रदेश हाई कोर्ट ने अवमानना के एक मामले में 8 आईएएस अफसरों को महीने में एक दिन कल्याण छात्रावास में सेवा करने की सजा सुनाई है. इन अफसरों को यह सेवा एक वर्ष तक करनी होगी. यानी साल में 12 दिन उन्हें ऐसे हॉस्टल में सोशल वेलफेयर का काम करना होगा.

अवमानना मामला
अवमानना मामला
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Published : Mar 31, 2022, 4:25 PM IST

Updated : Mar 31, 2022, 5:20 PM IST

अमरावती : आंध्र प्रदेश उच्च न्यायालय ने गुरुवार को आठ आईएएस अधिकारियों को 2020 के अदालती आदेश की अवमानना करने के लिए दोषी ठहराते हुए (IAS officers jailed for contempt of court) दो सप्ताह जेल की सजा सुनायी (Andhra Pradesh HC Imposed 8 IAS jailed) है. वे आठ आईएएस अधिकारी हैं- आईएएस जी. के. द्विवेदी, आईएएस गिरिजा शंकर, आईएएस बुदिति राजशेखर, आईएएस चिनवीरभद्रदु, आईएएस श्यामला राव, आईएएस श्रीलक्ष्मी, आईएएस एम. एम. नायक और आईएएस विजय कुमार.

आठों आईएएस अधिकारियों को सजा सुनाए जाने के बाद सभी ने उच्च न्यायालय से माफी मांगी (IAS officers apologize to Andhra Pradesh HC) जिसके बाद अदालत ने उनकी सजा कम कर दी. अदालत ने उन आठ आईएएस अधिकारियों को अपनी सेवा गतिविधियों को हॉस्टल में एक साल तक जारी रखने का आदेश दिया. उच्च न्यायालय ने निर्देश दिया कि कल्याण छात्रावास में महीने में एक-एक दिन ये आठ आईएएस अधिकारी रहेंगे और सेवा कार्य (HC directed 8 IAS officers to serve in welfare hostels) करेंगे. इस दौरान वे अपने लंच और डिनर का खर्च भी स्वयं वहन करेंगे.

पढ़ें : तीन राजधानियों पर अदालत का फैसला: जगन ने कहा, न्यायपालिका ने 'अपनी सीमा लांघी'

दरअसल, सरकारी स्कूलों में ग्राम और वार्ड सचिवालयों को हटाने के लिए 2020 में जारी आदेशों की एक साल तक अनदेखी करने के बाद अदालत ने स्वतः संज्ञान लिया और अदालत के आदेश की अवमानना का मामला दर्ज किया था. इस मामले की सुनवाई के दौरान अदालत ने आठ आईएएस अधिकरियों को दोषी ठहराया. उन्हें दो सप्ताह की जेल की सजा सुनाई और अधिकारियों द्वारा अदालती आदेशों के निष्पादन की जानबूझकर उपेक्षा करने के लिए उन पर जुर्माना भी लगाया. लेकिन उन आईएएस अधिकारियों ने बाद में उच्च न्यायालय से माफी मांगी, जिसके बाद अदालत ने उनकी सजा कम कर दी.

अमरावती : आंध्र प्रदेश उच्च न्यायालय ने गुरुवार को आठ आईएएस अधिकारियों को 2020 के अदालती आदेश की अवमानना करने के लिए दोषी ठहराते हुए (IAS officers jailed for contempt of court) दो सप्ताह जेल की सजा सुनायी (Andhra Pradesh HC Imposed 8 IAS jailed) है. वे आठ आईएएस अधिकारी हैं- आईएएस जी. के. द्विवेदी, आईएएस गिरिजा शंकर, आईएएस बुदिति राजशेखर, आईएएस चिनवीरभद्रदु, आईएएस श्यामला राव, आईएएस श्रीलक्ष्मी, आईएएस एम. एम. नायक और आईएएस विजय कुमार.

आठों आईएएस अधिकारियों को सजा सुनाए जाने के बाद सभी ने उच्च न्यायालय से माफी मांगी (IAS officers apologize to Andhra Pradesh HC) जिसके बाद अदालत ने उनकी सजा कम कर दी. अदालत ने उन आठ आईएएस अधिकारियों को अपनी सेवा गतिविधियों को हॉस्टल में एक साल तक जारी रखने का आदेश दिया. उच्च न्यायालय ने निर्देश दिया कि कल्याण छात्रावास में महीने में एक-एक दिन ये आठ आईएएस अधिकारी रहेंगे और सेवा कार्य (HC directed 8 IAS officers to serve in welfare hostels) करेंगे. इस दौरान वे अपने लंच और डिनर का खर्च भी स्वयं वहन करेंगे.

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दरअसल, सरकारी स्कूलों में ग्राम और वार्ड सचिवालयों को हटाने के लिए 2020 में जारी आदेशों की एक साल तक अनदेखी करने के बाद अदालत ने स्वतः संज्ञान लिया और अदालत के आदेश की अवमानना का मामला दर्ज किया था. इस मामले की सुनवाई के दौरान अदालत ने आठ आईएएस अधिकरियों को दोषी ठहराया. उन्हें दो सप्ताह की जेल की सजा सुनाई और अधिकारियों द्वारा अदालती आदेशों के निष्पादन की जानबूझकर उपेक्षा करने के लिए उन पर जुर्माना भी लगाया. लेकिन उन आईएएस अधिकारियों ने बाद में उच्च न्यायालय से माफी मांगी, जिसके बाद अदालत ने उनकी सजा कम कर दी.

Last Updated : Mar 31, 2022, 5:20 PM IST
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