नई दिल्ली: आंध्र प्रदेश सरकार ने हाई कोर्ट के उस फैसले को चुनौती देते हुए सुप्रीम कोर्ट का रुख किया है, जिसमें हाई कोर्ट ने अमरावती (Amaravati capital issue) को राज्य की एकमात्र राजधानी घोषित किया था. राज्य सरकार ने आंध्र प्रदेश विकेंद्रीकरण और सभी क्षेत्रों का समावेशी विकास निरसन विधेयक, 2021 पेश किया था, ताकि राज्य की तीन नई राजधानियां अमरावती (विधायी), विशाखापट्टनम (कार्यकारी) और कुरनूल (न्यायिक) बनाई जा सकें.
आंध्र प्रदेश सरकार द्वारा दायर की गई याचिका में कहा गया है कि संविधान के संघीय ढांचे के तहत, प्रत्येक राज्य को यह निर्धारित करने का एक अंतर्निहित अधिकार है कि उसे अपने पूंजीगत कार्यों को कहां से करना चाहिए. यह मानना कि राज्य को अपनी राजधानी पर निर्णय लेने की शक्ति नहीं है, संविधान के मूल ढांचे का उल्लंघन है. राज्य सरकार ने तर्क दिया है कि उच्च न्यायालय का आदेश शक्तियों के पृथक्करण के सिद्धांत का उल्लंघन है.
आंध्र प्रदेश हाई कोर्ट ने 3 मार्च 2022 को दिए अपने फैसले में यह माना था कि राज्य सरकार प्रदेश की राजधानी पर कानून नहीं बना सकती है और अमरावती से कार्यालय स्थानांतरित करने की अनुमति नहीं दी जाएगी. अदालत ने राज्य सरकार से तीन राजधानियों के गठन के फैसले को चुनौती देने वाले याचिकाकर्ता किसानों को 50,000 रुपये का भुगतान करने का भी निर्देश दिया था.
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