ETV Bharat / bharat

आनंदय्या की आयुर्वेदिक दवा को लेकर सीएम ने की बैठक, दबा को अनुमति दिए जाने पर हुई चर्चा - andhra pradesh government nod to anandaiah medicine

आंध्र प्रदेश सरकार ने सीसीआरएएस (CCRAS) की रिपोर्ट के आधार पर आनंदय्या की आयुर्वेदिक दवा को लेकर फैसला लिया है. जिसमें कोरोना मरीजों के उपयोग के लिए आनंदय्या की आयुर्वेदिक दवा को अपनी सहमति दे दी है. जिसके बाद सीएम वाई. एस. जगन मोहन रेड्डी की अध्यक्षता में सोमवार को कोविड -19 पर एक उच्च स्तरीय समीक्षा बैठक की गई.

Andhra Pradesh Government
आंध्र प्रदेश सरकार
author img

By

Published : May 31, 2021, 4:38 PM IST

Updated : May 31, 2021, 11:56 PM IST

अमरावती : आंध्र प्रदेश सरकार ने कोरोना मरीजों के उपयोग के लिए आनंदय्या की आयुर्वेदिक दवा को अपनी सहमति दे दी है. आनंदय्या की आई ड्रॉप को इस्तेमाल करने की अनुमति नहीं थी. सरकार ने सीसीआरएएस (CCRAS) की रिपोर्ट के आधार पर यह फैसला लिया.

आनंदय्या की आयुर्वेदिक दवा पर सीएम ने की बैठक

मुख्यमंत्री वाई. एस. जगन मोहन रेड्डी की अध्यक्षता में सोमवार को यहां कोविड -19 पर एक उच्च स्तरीय समीक्षा बैठक हुई. इस बैठक में अधिकारियों ने आनंदय्या के हर्बल सप्लीमेंट पर चर्चा की और सीआरएएस रिपोर्ट के आधार पर आई ड्रॉप्स को छोड़कर P, L, F नामक तीनों पारंपरिक सपलिमेंट्स को प्रशासन की अनुमति देने के लिए निष्कर्ष निकाला.

अन्य दवाओं को बंद नहीं करने की सलाह

अधिकारियों ने कहा कि सरकार ने आनंदय्या को आई ड्रॉप देने की अनुमति नहीं दी, क्योंकि पूरी रिपोर्ट अभी जमा नहीं की गई है, जिसमें 2-3 सप्ताह और लग सकते हैं. अधिकारियों ने कहा कि प्रस्ताव सीसीआरएएस रिपोर्ट के आधार पर बनाया गया था. उन्होंने आगे स्पष्ट किया कि अन्य दवाओं का उपयोग बंद नहीं किया जाना चाहिए, क्योंकि इस बात का कोई निष्कर्ष नहीं है कि आनंदय्या के हर्बल सप्लीमेंट कोविड को कम करेगा.

इस संबंध में, अधिकारियों ने कहा कि कोविड -19 संक्रमित व्यक्ति व्यक्तिगत रूप से कृष्णापट्टनम दवा लेने के लिए नहीं आए, लेकिन उनके रिश्तेदारों को यह मिल सकता है. साथ ही इन सप्लीमेंट्स के वितरण के दौरान कोविड-19 प्रोटोकॉल का सख्ती से पालन किया जाएगा.

दवा के प्रतिकूल प्रभाव का कोई सबूत नहीं

इस बीच, अधिकारियों ने यह भी बताया कि इन हर्बल दवा से प्रतिकूल प्रभाव का कोई सबूत नहीं मिला है. उन्होंने बताया कि आनंदय्या चार सप्लीमेंट P, L, F, K, आई ड्रॉप के साथ दे रहे हैं. रिपोर्ट्स में कहा गया है कि आनंदय्या द्वारा इस्तेमाल की जाने वाली सामग्री हानिकारक नहीं है, जबकि आई ड्रॉप्स पर पूरी स्टडी रिपोर्ट आनी बाकी है.

अधिकारियों ने कहा कि सीसीआरएएस ने यह जानने के लिए ट्रायल किया कि क्या ये सप्लीमेंट सच में कोविड -19 के इलाज में कारगर हैं. हालांकि, ट्रायल के बाद उन्होंने यह स्पष्ट किया कि इसका कोई सबूत नहीं है कि यह दवा कोविड के इलाज में सही है.

पढ़ें : बिहार के DMCH में कोरोना से ढाई साल के बच्चे समेत चार बच्चों की मौत

साथ ही रिपोर्ट ने यह पुष्टि भी की कि हर्बल तैयारियों में प्रयुक्त सामग्री से कोई नुकसान नहीं है, इसलिए इन्हें आयुर्वेदिक के रूप में मान्यता नहीं दी जा सकती है. अधिकारियों ने कहा कि अगर आनंदय्या इसे आयुर्वेदिक दवा के रूप में मान्यता दिलाने के लिए आवेदन करते हैं, तो वे इसे ध्यान में रखेंगे.

अमरावती : आंध्र प्रदेश सरकार ने कोरोना मरीजों के उपयोग के लिए आनंदय्या की आयुर्वेदिक दवा को अपनी सहमति दे दी है. आनंदय्या की आई ड्रॉप को इस्तेमाल करने की अनुमति नहीं थी. सरकार ने सीसीआरएएस (CCRAS) की रिपोर्ट के आधार पर यह फैसला लिया.

आनंदय्या की आयुर्वेदिक दवा पर सीएम ने की बैठक

मुख्यमंत्री वाई. एस. जगन मोहन रेड्डी की अध्यक्षता में सोमवार को यहां कोविड -19 पर एक उच्च स्तरीय समीक्षा बैठक हुई. इस बैठक में अधिकारियों ने आनंदय्या के हर्बल सप्लीमेंट पर चर्चा की और सीआरएएस रिपोर्ट के आधार पर आई ड्रॉप्स को छोड़कर P, L, F नामक तीनों पारंपरिक सपलिमेंट्स को प्रशासन की अनुमति देने के लिए निष्कर्ष निकाला.

अन्य दवाओं को बंद नहीं करने की सलाह

अधिकारियों ने कहा कि सरकार ने आनंदय्या को आई ड्रॉप देने की अनुमति नहीं दी, क्योंकि पूरी रिपोर्ट अभी जमा नहीं की गई है, जिसमें 2-3 सप्ताह और लग सकते हैं. अधिकारियों ने कहा कि प्रस्ताव सीसीआरएएस रिपोर्ट के आधार पर बनाया गया था. उन्होंने आगे स्पष्ट किया कि अन्य दवाओं का उपयोग बंद नहीं किया जाना चाहिए, क्योंकि इस बात का कोई निष्कर्ष नहीं है कि आनंदय्या के हर्बल सप्लीमेंट कोविड को कम करेगा.

इस संबंध में, अधिकारियों ने कहा कि कोविड -19 संक्रमित व्यक्ति व्यक्तिगत रूप से कृष्णापट्टनम दवा लेने के लिए नहीं आए, लेकिन उनके रिश्तेदारों को यह मिल सकता है. साथ ही इन सप्लीमेंट्स के वितरण के दौरान कोविड-19 प्रोटोकॉल का सख्ती से पालन किया जाएगा.

दवा के प्रतिकूल प्रभाव का कोई सबूत नहीं

इस बीच, अधिकारियों ने यह भी बताया कि इन हर्बल दवा से प्रतिकूल प्रभाव का कोई सबूत नहीं मिला है. उन्होंने बताया कि आनंदय्या चार सप्लीमेंट P, L, F, K, आई ड्रॉप के साथ दे रहे हैं. रिपोर्ट्स में कहा गया है कि आनंदय्या द्वारा इस्तेमाल की जाने वाली सामग्री हानिकारक नहीं है, जबकि आई ड्रॉप्स पर पूरी स्टडी रिपोर्ट आनी बाकी है.

अधिकारियों ने कहा कि सीसीआरएएस ने यह जानने के लिए ट्रायल किया कि क्या ये सप्लीमेंट सच में कोविड -19 के इलाज में कारगर हैं. हालांकि, ट्रायल के बाद उन्होंने यह स्पष्ट किया कि इसका कोई सबूत नहीं है कि यह दवा कोविड के इलाज में सही है.

पढ़ें : बिहार के DMCH में कोरोना से ढाई साल के बच्चे समेत चार बच्चों की मौत

साथ ही रिपोर्ट ने यह पुष्टि भी की कि हर्बल तैयारियों में प्रयुक्त सामग्री से कोई नुकसान नहीं है, इसलिए इन्हें आयुर्वेदिक के रूप में मान्यता नहीं दी जा सकती है. अधिकारियों ने कहा कि अगर आनंदय्या इसे आयुर्वेदिक दवा के रूप में मान्यता दिलाने के लिए आवेदन करते हैं, तो वे इसे ध्यान में रखेंगे.

Last Updated : May 31, 2021, 11:56 PM IST
ETV Bharat Logo

Copyright © 2025 Ushodaya Enterprises Pvt. Ltd., All Rights Reserved.