पंचकूला: जम्मू कश्मीर अनंतनाग में आतंकियों के साथ मुठभेड़ में पंचकूला के रहने वाले कर्नल मनप्रीत सिंह शहीद हो गए. उनकी शहादत की खबर सुनकर पंचकूला और मोहाली में शोक व्याप्त है. कर्नल मनप्रीत सिंह का पार्थिव शरीर आज उनके पैतृक गांव मोहाली जिले के भंजोरिया गांव में पहुंचेगा. मनप्रीत सिंह का पार्थिव शरीर उनके पैतृक गांव में दोपहर बाद पहुंच सकता है.
शहादत की खबर से सदमे में कर्नल मनप्रीत सिंह की बहन: मनप्रीत की शहादत की खबर सुनने के बाद से उनकी बहन संदीप कौर सदमे में हैं. ईटीवी भारत से बात करते हुए संदीप कौर ने कहा, 'शुरू से मनप्रीत होनहार थे, बचपन से वे सेना में जाना चाहते थे. उनपर हमेशा से गर्व रहा है. राखी पर मनप्रीत से बात हुई थी. अगले महीने बेटे के बर्थडे पर मनप्रीत आने वाले थे. संदीप बेटे को भी आर्मी में ही भर्ती कराना चाहते थे. हम चाहते हैं कि सख्त से सख्त कार्रवाई होने चाहिए, ताकि किसी बाहन को भाई, पत्नी को पति, पिता-माता को पुत्र ना खोना पड़े.
क्या कहते हैं कर्नल मनप्रीत सिंह के भाई?: शहीद कर्नल मनप्रीत सिंह के भाई संदीप सिंह ने कहा कि, बुधवार को व्हाट्सऐप पर इसकी सूचना मिली थी. तब से भाभी, बहन और जीजा के साथ संपर्क में थे. मनप्रीत शुरू से बहुत ही तेज थे. मनप्रीत का शुरू से ही आर्मी में जाने का सपना था. दादा से लेकर हमारे परिवार में कई सदस्य आर्मी में ही हैं.
क्या कहते हैं कर्नल मनप्रीत सिंह के चाचा?: मनप्रीत के चाचा हरतेज कहते हैं, देश की रक्षा करते हुए मनप्रीत शहीद हुआ है, यह गर्व की बात है. लेकिन परिवार ने अपने एक बेटे को खो दिया है जिसके चलते बहुत दुख हो रहा है. इस कमी को कबी पूरा नहीं किया जा सकता है. परिवार से करीब 20 लोग आर्मी से संबंधित है. बचपन से ही मनप्रीत में सेना में जाने के सपना था. उसने एनडीए टेस्ट क्लीयर किया. पढ़ाई में शुरू से ही मनप्रीत बहुच अच्छा था. मनप्रीत ने सीए भी किया था. साल में अक्सर छुट्टियों में आते रहते थे.
शहीद मनप्रीत सिंह का परिवार: 11 मार्च 1982 को जन्मे शहीद कर्नल मनप्रीत सिंह अपने पीछे पत्नी और 2 बच्चों को छोड़ गए हैं. उनकी शहादत की खबर के बाद से पंचकूला सेक्टर-26 स्थित उनके आवास और मोहाली में उनके पैतृक गांव में सन्नाटा पसरा हुआ है. पंचकूला में उनके घर पर उनकी धर्मपत्नी जगमीत, बहन और जीजा मौजूद हैं. मनप्रीत की पत्नी टीचर हैं. हालांकि, उनकी शहादत की खबर बहुत देर तक उनकी पत्नी और उनके बच्चों को नहीं दी गई थी, उन्हें बताया गया था कि वे घायल हैं.
तीन पीढ़ियों से देश सेवा में परिवार के सदस्य: जानकारी के अनुसार शहीद कर्नल मनप्रीत सिंह के दादा शीतल सिंह, पिता स्व. लखमीर सिंह और चाचा रणजीत सिंह भी भारतीय सेना में तैनात थे. मनप्रीत सिंह के पिता ने सेना से रिटायर होने के बाद पंजाब यूनिवर्सिटी में सुरक्षा सुपरवाइजर की भी नौकरी की. अभी मनप्रीत सिंह देश की सेवा कर रहे थे.
शुक्रवार को आएगा मनप्रीत का पार्थिव शरीर: जानकारी के अनुसार शहीद कर्नल मनप्रीत सिंह का पार्थिव शरीर शुक्रवार, 15 सितंबर को दोपहर 12:00 बजे उनके पैतृक गांव में पहुंचेगा. शहीद कर्नल मनप्रीत के परिजन वरिंदर गिल ने बताया कि, कर्नल मनप्रीत सिंह का पार्थिव शरीर शुक्रवार को जम्मू कश्मीर से लाया जाएगा.
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अनंतनाग में कर्नल मनप्रीत सिंह शहीद: सेना में कर्नल मनप्रीत सिंह 19 राष्ट्रीय राइफल्स (RR) बटालियन की कमान संभाल रहे थे. बुधवार, 13 सितंबर 2023 को अनंतनाग आतंकवाद विरोधी अभियान में शहीद हो गए. जानकारी के अनुसार, मनप्रीत सिंह चार महीने में राष्ट्रीय राइफल्स के साथ अपना कार्यकाल पूरा करने वाले थे. लेकिन इससे पहले ही वे देश की रक्षा में शहीद हो गए.
12 सितंबर को अनंतनाग में शुरू हुआ था ऑपरेशन: अनंतनाग में मंगलवार, 12 सितंबर 2023 को शाम के समय आतंकियों के खिलाफ ऑपरेशन शुरू हुआ था, लेकिन रात में इस ऑपरेशन को बंद कर दिया गया था. इसके बाद बुधवार, 13 सितंबर को अधिकारियों ने फिर से ऑपरेशन शुरू किया. इस सर्च ऑपरेशन में पंचकूला के रहने वाले कर्नल मनप्रीत सिंह ने अपनी टीम का नेतृत्व करते हुए आतंकियों पर हमला बोल दिया. इस दौरान आतंकवादियों ने भी उनके ऊपर और उनकी टीम पर गोलीबारी शुरू कर दी. इस मुठभेड़ में मनप्रीत सिंह के साथ आशीष धौंचक और डीएसपी हुमायूं भट्ट शहीद हो गए.
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