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Anant chaturdashi 2023 : अनंत चतुर्दशी पर भगवान विष्णु-माता लक्ष्मी की पूजा से मिलेगी सुख-समृद्धि, जानिए अनंत रक्षा सूत्र का महत्व - anant chaturdashi muhurta

Anant Chaturdashi 2023 : अनंत चतुर्दशी के दिन भगवान विष्णु के साथ मां लक्ष्मी व शेषनाग की भी पूजा की जाए तो इंसान को धन-यश-बल की प्राप्ति होती है. इस दिन भगवान विष्णु को अनंत रक्षा सूत्र अर्पित कर अपने हाथों में अनंत रक्षा सूत्र बांधने की परंपरा है.

anant chaturdashi 2023
अनंत चतुर्दशी 2023
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By ETV Bharat Hindi Team

Published : Sep 28, 2023, 7:41 AM IST

Updated : Sep 28, 2023, 8:25 AM IST

अनंत चतुर्दशी : गुरुवार 28 सितंबर को अनंत चतुर्दशी का व्रत रखा जाएगा. इस दिन भगवान विष्णु के साथ मां लक्ष्मी की भी पूजा की जाए तो इंसान को सुख-समृद्धि की प्राप्ति होती है. भाद्रपद महीने के शुक्ल पक्ष की चतुर्दशी तिथि को अनंत चतुर्दशी का त्यौहार मनाया जाता है. अनंत चतुर्दशी का व्रत भगवान विष्णु को समर्पित होता है. Anant chaturdashi के दिन भगवान विष्णु और माता लक्ष्मी की पूजा होती है. इस दिन भगवान विष्णु के साथ मां लक्ष्मी व शेषनाग की भी पूजा की जाए तो इंसान को धन-यश-बल की भी प्राप्ति होती है.

अनंत चतुर्दशी की तिथि और शुभ मुहूर्त
मान्यताओं के अनुसार इस दिन जो व्यक्ति भगवान विष्णु की पूजा सच्चे मन से करता है, उसे अनंत पुण्य फलों की प्राप्ति होती है. पंचांग के अनुसार भाद्रपद शुक्ल पक्ष चतुर्दशी तिथि 27 सितंबर 2023 को रात 10:20 से प्रारंभ होकर 28 सितंबर को शाम 06:50 पर तक रहेगी. ज्योतिषाचार्य डॉ नवीन जोशी के मुताबिक अनंत चतुर्दशी के अवसर पर भगवान अनंत अर्थात भगवान विष्णु की कथा सुनने और पूजा का विशेष महत्व होता है. इस दिन भगवान विष्णु को अनंत रक्षा सूत्र अर्पित किया जाता है. भगवान विष्णु को अर्पित रक्षा सूत्र के साथ-साथ अपने हाथों में भी अनंत रक्षा सूत्र यंत्र बांधने की परंपरा है. मान्यता है कि रक्षा सूत्र धारण करने से व्यक्ति के सभी बिगड़े काम बनने लगते हैं. साथ ही सभी प्रकार की शारीरिक और मानसिक परेशानियों से मुक्ति मिलती है.

ऐसे करें भगवान विष्णु की पूजा
Anant Chaturdashi के दिन 27 सितंबर को सुबह जल्दी उठकर स्नान आदि से निवृत्त होकर घर के मंदिर में एक दीप प्रज्वलित करें. सबसे पहले घर, घर के मंदिर व एक लकड़ी की चौकी को गंगाजल आदि से पवित्र करें. यदि इस दिन व्रत रखना चाहते हैं तो व्रत का संकल्प लें. भगवान विष्णु, माता लक्ष्मी की प्रतिमा और कलश की स्थापना करें. भगवान विष्णु व माता लक्ष्मी की मूर्ति का जलाभिषेक करें. भगवान अनंत अर्थात भगवान विष्णु को अनंत रक्षा सूत्र अर्पित करें.

जलाभिषेक करने के बाद यथासंभव भगवान विष्णु के मंत्रों का जाप करें जैसे कि ओम नमो भगवते वासुदेवाय, ओम नमो नारायण. संभव हो तो किसी मंदिर में जाकर सुबह-सुबह भगवान विष्णु की पूजा आराधना और दर्शन करें. Anant Chaturdashi के दिन विष्णु सहस्त्रनाम का पाठ बहुत ही शुभ होता है. भगवान अनंत और माता लक्ष्मी से सुख-समृद्धि की कामना करें. मंत्र जाप आदि के बाद भगवान की आरती करें. Anant Chaturdashi के दिन 14 गांठ वाले अनंत रक्षा सूत्र बांधने का बहुत ही महत्व है.

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Weekly Horoscope : कैसा रहेगा आपके लिए यह सप्ताह, जानने के लिए पढ़ें साप्ताहिक राशिफल

मनुष्य के शरीर में 14 प्रमुख ग्रंथियां हैं, प्रत्येक ग्रंथि का एक विशिष्ट देवता होता है. इन ग्रंथियों के प्रतीक स्वरुप 14 गांठ वाले रक्षा सूत्र की मंत्रों से पूजा की जाती है. 14 गांठों पर इन देवताओं का आह्वान किया जाता है. पूजा समाप्ति के बाद दाहिने हाथ में 14 गांठ वाला अनंत रक्षा सूत्र बांधें और महिलाएं अपने बाएं हाथ में रक्षा सूत्र बांधें. शाम को मीठा भोजन करें और अगली सुबह व्रत का पारण करें. यदि व्रत नहीं रख रहे हैं तो प्रयास करें कि इस दिन सिर्फ सात्विक चीजों को ही ग्रहण करें.

अनंत चतुर्दशी : गुरुवार 28 सितंबर को अनंत चतुर्दशी का व्रत रखा जाएगा. इस दिन भगवान विष्णु के साथ मां लक्ष्मी की भी पूजा की जाए तो इंसान को सुख-समृद्धि की प्राप्ति होती है. भाद्रपद महीने के शुक्ल पक्ष की चतुर्दशी तिथि को अनंत चतुर्दशी का त्यौहार मनाया जाता है. अनंत चतुर्दशी का व्रत भगवान विष्णु को समर्पित होता है. Anant chaturdashi के दिन भगवान विष्णु और माता लक्ष्मी की पूजा होती है. इस दिन भगवान विष्णु के साथ मां लक्ष्मी व शेषनाग की भी पूजा की जाए तो इंसान को धन-यश-बल की भी प्राप्ति होती है.

अनंत चतुर्दशी की तिथि और शुभ मुहूर्त
मान्यताओं के अनुसार इस दिन जो व्यक्ति भगवान विष्णु की पूजा सच्चे मन से करता है, उसे अनंत पुण्य फलों की प्राप्ति होती है. पंचांग के अनुसार भाद्रपद शुक्ल पक्ष चतुर्दशी तिथि 27 सितंबर 2023 को रात 10:20 से प्रारंभ होकर 28 सितंबर को शाम 06:50 पर तक रहेगी. ज्योतिषाचार्य डॉ नवीन जोशी के मुताबिक अनंत चतुर्दशी के अवसर पर भगवान अनंत अर्थात भगवान विष्णु की कथा सुनने और पूजा का विशेष महत्व होता है. इस दिन भगवान विष्णु को अनंत रक्षा सूत्र अर्पित किया जाता है. भगवान विष्णु को अर्पित रक्षा सूत्र के साथ-साथ अपने हाथों में भी अनंत रक्षा सूत्र यंत्र बांधने की परंपरा है. मान्यता है कि रक्षा सूत्र धारण करने से व्यक्ति के सभी बिगड़े काम बनने लगते हैं. साथ ही सभी प्रकार की शारीरिक और मानसिक परेशानियों से मुक्ति मिलती है.

ऐसे करें भगवान विष्णु की पूजा
Anant Chaturdashi के दिन 27 सितंबर को सुबह जल्दी उठकर स्नान आदि से निवृत्त होकर घर के मंदिर में एक दीप प्रज्वलित करें. सबसे पहले घर, घर के मंदिर व एक लकड़ी की चौकी को गंगाजल आदि से पवित्र करें. यदि इस दिन व्रत रखना चाहते हैं तो व्रत का संकल्प लें. भगवान विष्णु, माता लक्ष्मी की प्रतिमा और कलश की स्थापना करें. भगवान विष्णु व माता लक्ष्मी की मूर्ति का जलाभिषेक करें. भगवान अनंत अर्थात भगवान विष्णु को अनंत रक्षा सूत्र अर्पित करें.

जलाभिषेक करने के बाद यथासंभव भगवान विष्णु के मंत्रों का जाप करें जैसे कि ओम नमो भगवते वासुदेवाय, ओम नमो नारायण. संभव हो तो किसी मंदिर में जाकर सुबह-सुबह भगवान विष्णु की पूजा आराधना और दर्शन करें. Anant Chaturdashi के दिन विष्णु सहस्त्रनाम का पाठ बहुत ही शुभ होता है. भगवान अनंत और माता लक्ष्मी से सुख-समृद्धि की कामना करें. मंत्र जाप आदि के बाद भगवान की आरती करें. Anant Chaturdashi के दिन 14 गांठ वाले अनंत रक्षा सूत्र बांधने का बहुत ही महत्व है.

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Last Updated : Sep 28, 2023, 8:25 AM IST
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