हैदराबाद : सुपरस्टार रजनीकांत को 51वां दादा साहेब फाल्के पुरस्कार देने की घोषणा कर दी गई. भारतीय सिनेमा का सर्वोच्च पुरस्कार पाने वालों में सुपरस्टार रजनीकांत का नाम यूं ही नही शुमार हुआ. रजनीकांत 46 वर्षों से फिल्मी दुनिया में अपना लोहा मनवा रहे हैं. यही वजह है कि आज वह शिवाजी गणेसन, के. बालचंद्र, एलवी प्रसाद जैसे दिग्गजों की सूची में शामिल हो गए हैं.
विश्व सिनेमा में शायद वह एकमात्र अभिनेता हैं जो इस उम्र में भी नायकों की भूमिका निभा रहे हैं. पिछले करीब पांच दशकों से उनके नाम का डंका दक्षिण भारत में ही नहीं बल्कि बॉलीवुड में भी बज रहा है.
जानेमाने तमिल फिल्म निर्देशक के. बालसचंद्र की सलाह पर रजनीकांत ने तमिल भाषा सीखी और उनकी 1975 में आई फिल्म 'अपूर्व रंगांगल' से फिल्मों में पदार्पण किया.
इस फिल्म ने उनके करियर के लिए जादू के स्पर्श की तरह काम किया. शुरुआत में कई फिल्मों में एंटी-हीरो की भूमिका निभाने और बाद में कुछ सहायक भूमिकाओं में नजर आने के बाद उन्होंने कमर्शियल सिनेमा 'बैरवी' में नायक की भूमिका निभाई.
उनकी स्टाइल, घूरने की शैली और ठाठ से चलने के अंदाज ने उन्हें सुपरस्टार का दर्जा दिलाया. इस प्रकार से उनके सफल होने के बारे में के बालाचंद्र की भविष्यवाणी सही साबित होती है. यह बालाचंद्र थे, जिन्होंने एसपी बालासुब्रमण्यम से कहा था कि रजनी सिनेमा की दुनिया में नए कीर्तिमान बनाएंगे.
महेंद्रन द्वारा निर्देशित फिल्म 'मुल्लुम मलारुम ’ से रजनी के भीतर छिपी प्रतिभा नजर आई. फिल्म में उनके शानदार अभिनय को देखकर उनके गुरु बालाचंद्र ने कहा था कि उन्हें तमिल सिनेमा में लाने पर गर्व की अनुभूति होती है. रजनी को भारत में एकमात्र अभिनेता होने का श्रेय भी दिया गया जिन्होंने श्वेत श्याम, रंगीन, 3-डी और सिनेमा की मोशन कैप्चर किस्मों में विभिन्न भूमिकाएं निभाई हैं.
खास अंदाज से बनाई पहचान
ऐसे समय में जब एमजीआर और शिवाजी गणेशन फिल्म क्षेत्र में अपना दबदबा कायम कर रहे थे, रजनी ने अपने गहरे रंग वाली त्वचा और माथे पर लहराते बालों से फिल्मी जगत की उस परंपरा को तोड़ा, जिसमें माना जाता था कि फिल्मी हीरो को इतना सुंदर होना चाहिए कि वह दर्शकों को आकर्षित कर सके. झुग्गी-झोपड़ियों और आम लोगों की समस्याओं से जुड़ी फिल्मी में काम कर उन्होंने अपनी अलग पहचान बनाई.
सुपरस्टार की आभा अभी भी उनके चारों ओर चमकती है, हालांकि वह राजनीति में सफल नहीं हुए. लेकिन बात फिल्मों की की जाए तो उन्होंने ये विश्वास पैदा किया कि अगर वह फिल्म के नायक हैं तो वह बॉक्स ऑफिस पर हिट हो जाएगी.
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अपने खास अंदाज के कारण मशहूर रजनीकांत ने कॉमेडी फिल्मों में भी काम किया. फिल्म 'थिल्लू मुल्लू ’, 'थम्बीकुक्कू प्रवेश ऊरु’ आदि जैसी फिल्मों में उन्होंने किरदार निभाकर नई ऊंचाइयां दीं. उनकी भावुक फिल्म 'अरिलिंथु अरुपथु वरई' फिल्म 'बाशा' आज के समय में भी बुलंदियों को छूती है. जैसा कि राम्या कृष्णन ने फिल्म 'पदयप्पा' में नायक रजनी को बताया कि उम्र शायद ही उनकी युवा और आकर्षण और शैली को पीछे छोड़ती है. वर्तमान में स्टाइल का नायक सिरुथाई शिव की फिल्म 'अन्नाथे' में अभिनय कर रहा है.
'ईटीवी भारत' दक्षिण भारत के दादा साहेब फाल्के पुरस्कार के चौथे प्राप्तकर्ता को बधाई देता है और कामना करता है कि उनका सितारा ऐसे ही चमकता रहे.