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अमरावती हिंसा : भाजपा नेता समेत कई गिरफ्तार, शरद पवार ने कहा- 'साजिश के तहत दिया अंजाम'

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Published : Nov 15, 2021, 10:39 PM IST

अमरावती में 13 नवंबर को भाजपा द्वारा आहूत बंद के दौरान दुकानों पर पथराव की घटना से जुड़े मामले में भाजपा नेता समेत कई आरोपियों को गिरफ्तार किया गया. पुलिस ने यह जानकारी दी.

अमरावती हिंसा
अमरावती हिंसा

अमरावती/नागपुर : अमरावती में 13 नवंबर को भाजपा द्वारा आहूत बंद के दौरान दुकानों पर पथराव की घटना से जुड़े मामले में महाराष्ट्र के पूर्व कृषि मंत्री और भाजपा नेता अनिल बोंडे और 13 अन्य आरोपियों को सोमवार को गिरफ्तार किया गया. पुलिस ने यह जानकारी दी.

बोंडे के अलावा अमरावती जिले की भाजपा अध्यक्ष निवेदिता चौधरी, शहर के महापौर चेनत गावंडे और भाजपा के प्रदेश प्रवक्ता शिवराय कुलकर्णी को भी गिरफ्तार किया गया. इन सभी को एक अदालत के समक्ष पेश किया गया जहां से उन्हें जमानत मिली.

इस बीच, सोमवार को अपराह्न दो बजे से चार बजे के बीच कर्फ्यू में ढील दी गई. हालांकि, इंटरनेट सेवाएं निलंबित रहीं. अमरावती की पुलिस आयुक्त आरती सिंह ने कहा कि कानून-व्यवस्था की स्थिति की समीक्षा की जा रही है और गृह विभाग के निर्देशों के अनुसार कर्फ्यू के संबंध में अंतिम निर्णय लिया जाएगा. अमरावती शहर में शुक्रवार और शनिवार के बाद हुई सिलसिलेवार हिंसक घटनाओं के संबंध में 26 अलग-अलग अपराधों में 14,673 लोगों के खिलाफ मुकदमा दर्ज किया है.

शरद पवार के आरोप

राकांपा अध्यक्ष शरद पवार ने इसकी कड़ी आलोचना करते हुए कहा कि अमरावती में घटना की योजना जानबूझकर तीन-चार राज्यों में चुनाव को ध्यान में रखकर बनाई गई थी. पवार ने कहा कि यह दुर्भाग्यपूर्ण है.

त्रिपुरा में कथित सांप्रदायिक हिंसा के विरोध में शुक्रवार को रजा एकेडमी द्वारा बिना अनुमति कई स्थानों पर निकाली गई रैलियों के दौरान पथराव की घटनाएं सामने आयी थीं. इसके बाद, शनिवार को पूर्वी महाराष्ट्र के अमरावती शहर में स्थानीय भाजपा कार्यकर्ताओं द्वारा कथित रूप से आयोजित बंद के दौरान भीड़ द्वारा दुकानों पर पथराव करने के बाद चार दिनों के लिए कर्फ्यू लगा दिया गया और इंटरनेट सेवाएं बंद कर दी गई थीं.

अमरावती पुलिस ने एक बयान में कहा, 'रजा अकादमी द्वारा 12 नवंबर को अमरावती जिला कलेक्ट्रेट तक बिना अनुमति लिए निकाले गए मार्च के दौरान हुई हिंसा के सिलसिले में 8,364 लोगों के खिलाफ अपराध दर्ज किए गए और उनमें से नौ को गिरफ्तार किया गया.' बयान के मुताबिक, पुलिस ने 13 नवंबर की हिंसा के संबंध में 6,309 लोगों के खिलाफ मुकदमे दर्ज किए हैं और 53 लोगों को गिरफ्तार कर इनके कब्जे से हथियार जब्त किए. इसके मुताबिक, भाजपा और अन्य संगठनों द्वारा किए गए पथराव के चलते एक अधिकारी समेत नौ पुलिसकर्मी घायल हुए हैं. पुलिस ने दोनों घटनाओं की जांच के लिए अलग-अलग टीम बनायी हैं.

पूर्व मंत्री अनिल बोंडे को सोमवार सुबह उनके आवास से गिरफ्तार किया गया जबकि अन्य भाजपा नेता और विश्व हिंदू परिषद (वीएचपी) के कम से कम दो सदस्यों ने पुलिस के समक्ष आत्मसमर्पण किया, जिसके बाद उन्हें गिरफ्तार कर लिया गया. पुलिस हिंसा में शामिल रहने के आरोपी विधान परिषद सदस्य प्रवीन पोटे की भी तलाश में जुटी है.

हालात अब स्थिर, हिंसा की घटना की जांच के आदेश : महाराष्ट्र के गृहमंत्री

महाराष्ट्र के गृहमंत्री दिलीप वल्से पाटिल ने सोमवार को कहा कि पिछले सप्ताह हुई हिंसा की घटनाओं के बाद कर्फ्यू लगाये जाने के बाद अमरावती में हालात अब स्थिर है. उन्होंने कहा कि यह सुनिश्चित करने के लिए कदम उठाये जा रहे हैं कि राज्य के सभी जिलों में संपूर्ण स्थिति नियंत्रण में बनी रहे.

उससे पहले पाटिल पूर्वी महाराष्ट्र के गढ़चिरौली जिले के एक अस्पताल में गये थे, जहां शनिवार को नक्सलियों साथ हुई मुठभेड़ में घायल पुलिसकर्मियों का उपचार चल रहा है. उन्होंने गडचिरोली में एक विशेष अस्पताल खोलने के प्रस्ताव का भी जिक्र किया. इस अभियान में कुल 26 नक्सली मारे गये.

पाटिल ने नागपुर में कहा, 'अमरावती में हालात स्थिर और नियंत्रण में हैं. महाराष्ट्र के सभी जिलों एवं तालुकों में स्थिति नियंत्रण में रखने के लिए कदम उठाये जा रहे हैं. ' उन्होंने कहा कि (अमरावती समेत महाराष्ट्र के विभिन्न स्थानों पर) रैलियां निकाले जाने के बाद हुई हिंसा की जांच के आदेश दिये गये हैं.

शुक्रवार को महाराष्ट्र के विभिन्न शहरों में कुछ मुस्लिम संगठनों द्वारा रैलियों निकाले जाने के दौरान पथराव की घटनाएं हुई थीं. इन संगठनों ने त्रिपुरा में हुई कथित सांप्रदायिक हिंसा की घटना के विरोध में रैलियां निकाली थीं.

अमरावती/नागपुर : अमरावती में 13 नवंबर को भाजपा द्वारा आहूत बंद के दौरान दुकानों पर पथराव की घटना से जुड़े मामले में महाराष्ट्र के पूर्व कृषि मंत्री और भाजपा नेता अनिल बोंडे और 13 अन्य आरोपियों को सोमवार को गिरफ्तार किया गया. पुलिस ने यह जानकारी दी.

बोंडे के अलावा अमरावती जिले की भाजपा अध्यक्ष निवेदिता चौधरी, शहर के महापौर चेनत गावंडे और भाजपा के प्रदेश प्रवक्ता शिवराय कुलकर्णी को भी गिरफ्तार किया गया. इन सभी को एक अदालत के समक्ष पेश किया गया जहां से उन्हें जमानत मिली.

इस बीच, सोमवार को अपराह्न दो बजे से चार बजे के बीच कर्फ्यू में ढील दी गई. हालांकि, इंटरनेट सेवाएं निलंबित रहीं. अमरावती की पुलिस आयुक्त आरती सिंह ने कहा कि कानून-व्यवस्था की स्थिति की समीक्षा की जा रही है और गृह विभाग के निर्देशों के अनुसार कर्फ्यू के संबंध में अंतिम निर्णय लिया जाएगा. अमरावती शहर में शुक्रवार और शनिवार के बाद हुई सिलसिलेवार हिंसक घटनाओं के संबंध में 26 अलग-अलग अपराधों में 14,673 लोगों के खिलाफ मुकदमा दर्ज किया है.

शरद पवार के आरोप

राकांपा अध्यक्ष शरद पवार ने इसकी कड़ी आलोचना करते हुए कहा कि अमरावती में घटना की योजना जानबूझकर तीन-चार राज्यों में चुनाव को ध्यान में रखकर बनाई गई थी. पवार ने कहा कि यह दुर्भाग्यपूर्ण है.

त्रिपुरा में कथित सांप्रदायिक हिंसा के विरोध में शुक्रवार को रजा एकेडमी द्वारा बिना अनुमति कई स्थानों पर निकाली गई रैलियों के दौरान पथराव की घटनाएं सामने आयी थीं. इसके बाद, शनिवार को पूर्वी महाराष्ट्र के अमरावती शहर में स्थानीय भाजपा कार्यकर्ताओं द्वारा कथित रूप से आयोजित बंद के दौरान भीड़ द्वारा दुकानों पर पथराव करने के बाद चार दिनों के लिए कर्फ्यू लगा दिया गया और इंटरनेट सेवाएं बंद कर दी गई थीं.

अमरावती पुलिस ने एक बयान में कहा, 'रजा अकादमी द्वारा 12 नवंबर को अमरावती जिला कलेक्ट्रेट तक बिना अनुमति लिए निकाले गए मार्च के दौरान हुई हिंसा के सिलसिले में 8,364 लोगों के खिलाफ अपराध दर्ज किए गए और उनमें से नौ को गिरफ्तार किया गया.' बयान के मुताबिक, पुलिस ने 13 नवंबर की हिंसा के संबंध में 6,309 लोगों के खिलाफ मुकदमे दर्ज किए हैं और 53 लोगों को गिरफ्तार कर इनके कब्जे से हथियार जब्त किए. इसके मुताबिक, भाजपा और अन्य संगठनों द्वारा किए गए पथराव के चलते एक अधिकारी समेत नौ पुलिसकर्मी घायल हुए हैं. पुलिस ने दोनों घटनाओं की जांच के लिए अलग-अलग टीम बनायी हैं.

पूर्व मंत्री अनिल बोंडे को सोमवार सुबह उनके आवास से गिरफ्तार किया गया जबकि अन्य भाजपा नेता और विश्व हिंदू परिषद (वीएचपी) के कम से कम दो सदस्यों ने पुलिस के समक्ष आत्मसमर्पण किया, जिसके बाद उन्हें गिरफ्तार कर लिया गया. पुलिस हिंसा में शामिल रहने के आरोपी विधान परिषद सदस्य प्रवीन पोटे की भी तलाश में जुटी है.

हालात अब स्थिर, हिंसा की घटना की जांच के आदेश : महाराष्ट्र के गृहमंत्री

महाराष्ट्र के गृहमंत्री दिलीप वल्से पाटिल ने सोमवार को कहा कि पिछले सप्ताह हुई हिंसा की घटनाओं के बाद कर्फ्यू लगाये जाने के बाद अमरावती में हालात अब स्थिर है. उन्होंने कहा कि यह सुनिश्चित करने के लिए कदम उठाये जा रहे हैं कि राज्य के सभी जिलों में संपूर्ण स्थिति नियंत्रण में बनी रहे.

उससे पहले पाटिल पूर्वी महाराष्ट्र के गढ़चिरौली जिले के एक अस्पताल में गये थे, जहां शनिवार को नक्सलियों साथ हुई मुठभेड़ में घायल पुलिसकर्मियों का उपचार चल रहा है. उन्होंने गडचिरोली में एक विशेष अस्पताल खोलने के प्रस्ताव का भी जिक्र किया. इस अभियान में कुल 26 नक्सली मारे गये.

पाटिल ने नागपुर में कहा, 'अमरावती में हालात स्थिर और नियंत्रण में हैं. महाराष्ट्र के सभी जिलों एवं तालुकों में स्थिति नियंत्रण में रखने के लिए कदम उठाये जा रहे हैं. ' उन्होंने कहा कि (अमरावती समेत महाराष्ट्र के विभिन्न स्थानों पर) रैलियां निकाले जाने के बाद हुई हिंसा की जांच के आदेश दिये गये हैं.

शुक्रवार को महाराष्ट्र के विभिन्न शहरों में कुछ मुस्लिम संगठनों द्वारा रैलियों निकाले जाने के दौरान पथराव की घटनाएं हुई थीं. इन संगठनों ने त्रिपुरा में हुई कथित सांप्रदायिक हिंसा की घटना के विरोध में रैलियां निकाली थीं.

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