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दो दिवसीय दौरे पर पश्चिम बंगाल जाएंगे गृह मंत्री शाह - बिहार चुनाव की शुरुआत

गृह मंत्री अमित शाह पांच नवंबर को कोलकाता के दो दिवसीय दौरे पर जाएंगे. रणनीतिक तौर पर गृह मंत्री का यह दौरा काफी अहम माना जा रहा है. सूत्रों के अनुसार अमित शाह अपनी यात्रा के दौरान संगठनात्मक बैठकों में भाग लेंगे.

गृहमंत्री अमित शाह
गृहमंत्री अमित शाह
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Published : Nov 2, 2020, 9:28 PM IST

कोलकाता : गृह मंत्री अमित शाह पांच से छह नवंबर के दौरान पश्चिम बंगाल का दौरा करेंगे. गृह मंत्री को यह दौरा दुर्गा पूजा के दौरान करना था, लेकिन कुछ कारणवश वह वहां नहीं पहुंच पाए थे और उनकी जगह पर भारतीय जनता पार्टी के अध्यक्ष जेपी नड्डा बंगाल गए थे.

इससे पहले अमित शाह ने ही बिहार चुनाव की शुरुआत डिजिटल रैली से की थी, लेकिन वह बिहार चुनाव के प्रचार से नदारद रहे. पार्टी ने इसका कारण या इस संबंध में कोई सफाई नहीं दी. हालांकि, सूत्रों का कहना है कि अमित शाह कोरोना संक्रमित होने के बाद एहतियात बरत रहे हैं. साथ ही कुछ रणनीतिक कारणों की वजह से भी बिहार में अमित शाह के कार्यक्रम चुनाव प्रचार के दौरान नहीं लगाए गए.

हालांकि, रणनीतिक तौर पर पश्चिम बंगाल गृह मंत्री के लिए अति महत्वपूर्ण है और उनकी लगातार पश्चिम बंगाल पर नजर बनी हुई है. यही वजह है कि गृह मंत्री का 5 और 6 नवंबर को पश्चिम बंगाल का कार्यक्रम तय किया गया है.

पार्टी सूत्रों के अनुसार अमित शाह 5 और 6 नवंबर को पश्चिम बंगाल में पार्टी से संबंधित संगठनात्मक बैठकों में भाग लेंगे, इस दौरान गृह मंत्री पार्टी के राज्य इकाई के नेताओं के साथ भी बैठक करेंगे और चुनाव की तैयारियों का भी जायजा लेंगे. साथ ही आने वाले चुनावी रणनीति पर भी राज्य इकाई के नेताओं के साथ चर्चा की जाएगी.

उल्लेखनीय है कि कोरोना के बाद गृह मंत्री की यह पहली पश्चिम बंगाल की यात्रा होगी. इससे पहले अमित शाह पश्चिम बंगाल में एक मार्च को गए थे. जब एंटी सिटीजनशिप अमेंडमेंट एक्ट को लेकर राज्य में काफी विरोध प्रदर्शन हो रहे थे और उस समय भारतीय जनता पार्टी ने सीएए के समर्थन में प्रदर्शन मार्च निकाला था.

बता दें कि पिछले हफ्ते बंगाल के गवर्नर जगदीप धनखड़ ने भी गृह मंत्री से मुलाकात कर राज्य सरकार पर यह आरोप लगाया था कि वहां की ब्यूरोक्रेसी राजनीतिक कार्यकर्ताओं की तरह काम कर रही है और राज्य में कानून का शासन नहीं रह गया है. हालांकि, ममता बनर्जी भी गवर्नर पर समानांतर प्रशासन चलाने का आरोप लगा चुकी हैं.

पढे़ं - प.बंगाल में कार्यकर्ताओं की हत्या के विरोध में भाजपा का थाना घेराव कार्यक्रम

पश्चिम बंगाल की राजनीति में भारतीय जनता पार्टी की तरफ से कमान खुद गृह मंत्री अमित शाह ने विधानसभा और लोक सभा चुनाव के समय से ही संभाली है. इसकी वजह यह भी है कि कहीं ना कहीं पश्चिम बंगाल में भाजपा के नेताओं के बीच अंतर्विरोध और पार्टी में बहुत ज्यादा प्रतिस्पर्धा रही है और यही वजह है कि ममता बनर्जी के खिलाफ पार्टी कोई बड़ा नाम या बड़ा चेहरा भी मुख्यमंत्री उम्मीदवार के तौर पर नहीं उतार पा रही है. ऐसे में सारा दारोमदार खुद गृह मंत्री अमित शाह और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ही संभाले हुए हैं, क्योंकि चुनाव से पहले पार्टी इस अंतर्कलह को और बढ़ने नहीं देना चाहती.

सूत्रों की मानें तो राज्यपाल जगदीप धनखड़ की केंद्र से शिकायत के बाद ही गृह मंत्री ने पश्चिम बंगाल के दौरे की योजना बनाई है. साथ ही अलग-अलग केंद्रीय एजेंसियों को भी राज्य में कानून व्यवस्था और हत्याओं से संबंधित जांच को गंभीरता से आगे बढ़ाने के अंदर खाने निर्देश दिए गए हैं, जिसका असर एनआईए द्वारा मुर्शिदाबाद से की गई गिरफ्तारी के बाद दिखने भी लगा है.

कोलकाता : गृह मंत्री अमित शाह पांच से छह नवंबर के दौरान पश्चिम बंगाल का दौरा करेंगे. गृह मंत्री को यह दौरा दुर्गा पूजा के दौरान करना था, लेकिन कुछ कारणवश वह वहां नहीं पहुंच पाए थे और उनकी जगह पर भारतीय जनता पार्टी के अध्यक्ष जेपी नड्डा बंगाल गए थे.

इससे पहले अमित शाह ने ही बिहार चुनाव की शुरुआत डिजिटल रैली से की थी, लेकिन वह बिहार चुनाव के प्रचार से नदारद रहे. पार्टी ने इसका कारण या इस संबंध में कोई सफाई नहीं दी. हालांकि, सूत्रों का कहना है कि अमित शाह कोरोना संक्रमित होने के बाद एहतियात बरत रहे हैं. साथ ही कुछ रणनीतिक कारणों की वजह से भी बिहार में अमित शाह के कार्यक्रम चुनाव प्रचार के दौरान नहीं लगाए गए.

हालांकि, रणनीतिक तौर पर पश्चिम बंगाल गृह मंत्री के लिए अति महत्वपूर्ण है और उनकी लगातार पश्चिम बंगाल पर नजर बनी हुई है. यही वजह है कि गृह मंत्री का 5 और 6 नवंबर को पश्चिम बंगाल का कार्यक्रम तय किया गया है.

पार्टी सूत्रों के अनुसार अमित शाह 5 और 6 नवंबर को पश्चिम बंगाल में पार्टी से संबंधित संगठनात्मक बैठकों में भाग लेंगे, इस दौरान गृह मंत्री पार्टी के राज्य इकाई के नेताओं के साथ भी बैठक करेंगे और चुनाव की तैयारियों का भी जायजा लेंगे. साथ ही आने वाले चुनावी रणनीति पर भी राज्य इकाई के नेताओं के साथ चर्चा की जाएगी.

उल्लेखनीय है कि कोरोना के बाद गृह मंत्री की यह पहली पश्चिम बंगाल की यात्रा होगी. इससे पहले अमित शाह पश्चिम बंगाल में एक मार्च को गए थे. जब एंटी सिटीजनशिप अमेंडमेंट एक्ट को लेकर राज्य में काफी विरोध प्रदर्शन हो रहे थे और उस समय भारतीय जनता पार्टी ने सीएए के समर्थन में प्रदर्शन मार्च निकाला था.

बता दें कि पिछले हफ्ते बंगाल के गवर्नर जगदीप धनखड़ ने भी गृह मंत्री से मुलाकात कर राज्य सरकार पर यह आरोप लगाया था कि वहां की ब्यूरोक्रेसी राजनीतिक कार्यकर्ताओं की तरह काम कर रही है और राज्य में कानून का शासन नहीं रह गया है. हालांकि, ममता बनर्जी भी गवर्नर पर समानांतर प्रशासन चलाने का आरोप लगा चुकी हैं.

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पश्चिम बंगाल की राजनीति में भारतीय जनता पार्टी की तरफ से कमान खुद गृह मंत्री अमित शाह ने विधानसभा और लोक सभा चुनाव के समय से ही संभाली है. इसकी वजह यह भी है कि कहीं ना कहीं पश्चिम बंगाल में भाजपा के नेताओं के बीच अंतर्विरोध और पार्टी में बहुत ज्यादा प्रतिस्पर्धा रही है और यही वजह है कि ममता बनर्जी के खिलाफ पार्टी कोई बड़ा नाम या बड़ा चेहरा भी मुख्यमंत्री उम्मीदवार के तौर पर नहीं उतार पा रही है. ऐसे में सारा दारोमदार खुद गृह मंत्री अमित शाह और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ही संभाले हुए हैं, क्योंकि चुनाव से पहले पार्टी इस अंतर्कलह को और बढ़ने नहीं देना चाहती.

सूत्रों की मानें तो राज्यपाल जगदीप धनखड़ की केंद्र से शिकायत के बाद ही गृह मंत्री ने पश्चिम बंगाल के दौरे की योजना बनाई है. साथ ही अलग-अलग केंद्रीय एजेंसियों को भी राज्य में कानून व्यवस्था और हत्याओं से संबंधित जांच को गंभीरता से आगे बढ़ाने के अंदर खाने निर्देश दिए गए हैं, जिसका असर एनआईए द्वारा मुर्शिदाबाद से की गई गिरफ्तारी के बाद दिखने भी लगा है.

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