नई दिल्ली: सहारा सहकारी समिति के जमाकर्ताओं के लिए अच्छी खबर है. केंद्रीय गृह एवं सहकारिता मंत्री अमित शाह ने सहारा रिफंड पोर्टल को लॉन्च कर दिया है. इस पोर्टल के माध्यम से सहारा में निवेशकों के फंसे पैसे वापस मिलेंगे. इस मौके पर केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने कहा कि सरकार उन निवेशकों की जमा राशि वापस करने के संकल्प को पूरा करने की दिशा में आगे बढ़ रही है. अमित शाह ने एक ट्वीट में कहा कि उन लोगों के लिए आज विशेष दिन है, जिनका पैसा कई वर्षों से सहारा की सहकारी समितियों में फंसा हुआ था.
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#WATCH | Delhi: Union Home & Cooperation Minister Amit Shah at the inauguration of the Sahara Refund Portal says, "All data on the four Cooperatives is online... This portal will help 1.7 crore depositors register themselves...Genuine depositors will get their money back. The… pic.twitter.com/PdxtV8CyXM
— ANI (@ANI) July 18, 2023 " class="align-text-top noRightClick twitterSection" data="
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— ANI (@ANI) July 18, 2023
आपको बता दें कि देशभर के लाखों निवेशकों के करोड़ों रुपये सहारा इंडिया में फंसे हुए हैं. भारत सरकार द्वारा यह पोर्टल के लॉन्च किए जाने के बाद निवेशकों को उम्मीद जगी है कि उनके पैसे अब वापस मिल जाएंगे. शाह ने कहा कि प्रधानमंत्री मोदी के नेतृत्व में सहकारिता मंत्रालय की प्रतिबद्धता उन सभी लोगों को राहत देगी, जो अपनी मेहनत की कमाई वापस पाने का इंतजार कर रहे हैं.
पोर्टल लॉन्च के कार्यक्रम में अमित शाह ने कहा कि सहारा रिफंड पोर्टल के जरिए चार करोड़ लोगों को शुरुआती तौर पर फायदा होगा. पोर्टल के जरिए 5000 करोड़ रुपये निवेशकों को वापस मिलेंगे. दरअसल सहारा इंडिया के खिलाफ के लाखों निवेशकों ने केंद्र सरकार सहित अन्य स्तर पर शिकायतें दर्ज कराईं थीं कि मैच्योरिटी पूरी होने के बावजूद पैसा नहीं मिल रहे हैं. ऐसे में निवेशकों ने आंदोलन और धरना प्रदर्शन भी किए. जिसके बाद केंद्र सरकार ने निवेशकों का पैसा वापस कराने का निर्णय लिया और एक ऑनलाइन प्लेटफार्म तैयार किया है.
पैसा वापस लेने की प्रक्रिया: सहारा रिफंड पोर्टल के जरिए उन निवेशकों के पैसा वापस मिलेगा, जिनके निवेश की मैच्योरिटी पूरी हो चुकी है. निवेशकों को सबसे पहले पोर्टल पर अपना नाम दर्ज करवाना होगा. वेरिफिकेशन के बाद रकम वापसी की प्रक्रिया शुरू होगी. इसके बाद सहारा समूह की समितियां 30 दिन के भीरत दस्तावेज वेरिफाई करेंगी. ऑनलाइन क्लेम दर्ज करने के 15 दिन के भीतर SMS के भेजकर निवेशकों को जानकारी दी जाएगी. इसके बाद बैंक खाते में निवेश की रकम आ जाएगी. कुल मिलाकर इस पूरे प्रोसेस में करीब 45 दिन का समय लग सकता है.
आपको बता दें कि सहारा इंडिया और सेबी के बीच काफी समय से पैसे को लेकर विवाद चल रहा है. 2009 में जब सहारा की दो कंपनियां सहारा हाउसिंग कॉर्पोरेशन लिमिटेड व सहारा इंडिया रियल एस्टेट कॉर्पोरेशन ने अपना आईपीओ लाने की पेशकश की थी, तभी आईपीओ के आते ही सहारा की गड़बड़ियों की पोल खुलने की शुरुआत हो गई थी. यह बात भी सेबी के सामने ये आई कि सहारा समूह ने गलत और मनमाने तरीके से 24 हजार करोड़ की रकम जुटाई थी.
सेबी ने बाद में इसकी विस्तार से जांच कराई तो बड़ी अनियमितता सामने आई. इसके बाद सेबी ने सहारा समूह से निवेशकों का पैसा ब्याज सहित लौटाने को कहा था. सहारा की तरफ से ऐसा नहीं किया गया और लाखों निवेशकों को परेशानियों का लगातार सामना करना पड़ा. अब जाकर एक उम्मीद जगी है कि केंद्र सरकार के इस कदम से फंसा पैसा वापस हो सकेगा.
(आईएएनएस)