गुवाहटी : पूर्वोत्तर से सशस्त्र बल विशेष अधिकार अधिनियम (AFSPA) को हटाने में विफल रहने पर कांग्रेस पर तंज कसते हुए केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने मंगलवार को कहा कि भाजपा सरकार ने इस अधिनियम को नहीं हटाया बल्कि असम से उन परिस्थितियों को ही बदल दिया है, जिसके कारण आर्म फोर्सेज स्पेशल पावर एक्ट (AFSPA) को यहां लगाना पड़ा था. शाह ने असम में श्रीमंत शंकरदेव कलाक्षेत्र में एक समारोह को संबोधित करते हुए यह बात कही.
समारोह के दौरान शाह ने असम में पांच मेगा परियोजनाओं की आधारशिला रखी, जिसमें गुवाहाटी पुलिस रिजर्व की आधारशिला शामिल है. यह गुवाहाटी के निदेशालय का एक एकीकृत परिसर है जिसमें 5000 लोगों के बैठने की क्षमता वाला एक अंतरराष्ट्रीय मानक सभागार, गुवाहाटी पुलिस आयुक्तालय की नई इमारत और कामरूप में एक एकीकृत डीसी कार्यालय परिसर भी शामिल है.
इस दौरान शाह ने कांग्रेस नेता राहुल गांधी पर भी निशाना साधते हुए कहा कि कांग्रेस ने अपने साल 2021 के चुनावी घोषणा पत्र में एएफएसपीए को खत्म करने का वादा किया था लेकिन भाजपा ने असम में वह स्थिति बदली, जिसके लिए अधिनियम को लागू करने की आवश्यकता थी. उन्होंने कहा, 'मैं राहुल बाबा से कहना चाहता हूं कि मैंने आपका घोषणापत्र पढ़ा है जिसमें आपने आर्म फोर्सेज स्पेशल पावर एक्ट को निरस्त करने का वादा किया गया है. लेकिन आपने यह वादा तुष्टिकरण के लिए किया था. हालांकि, असम में भाजपा सरकार ने स्थिति बदल दी है और अब इसे अपने आप हटा लिया गया है.'
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वहीं, मुख्यमंत्री हिमंत बिस्वा सरमा के नेतृत्व वाली असम सरकार की सराहना करते हुए शाह ने कहा कि पिछली सरकारों के विपरीत भाजपा हमेशा पूर्वोत्तर के मुद्दों को सुलझाना चाहती थी, न कि इसे बढ़ाना चाहती थी. इसके अतिरिक्त राइनो (गैंडों) की हत्या रोकने में सरकार के प्रयास की सराहना करते हुए शाह ने कहा कि असम में पिछली सरकारें राज्य को राइनो मुक्त बनाना चाहती थीं जबकि भाजपा सरकार ने राइनो के शिकार को पूरी तरह से रोक दिया है.
गृह मंत्री ने असम में पार्टी को मिले जनादेश की सराहना की और कहा कि पूर्व मुख्यमंत्री स्वर्गीय तरुण गोगोई ने एक बार उनसे पूछा था कि असम में भाजपा कहां है? आज वह उन्हें जवाब देना चाहते हैं कि बीजेपी आज असम में है. उन्होंने कहा कि पूर्वोत्तर राज्यों में लोगों के समर्थन के कारण सभी आठ पूर्वोत्तर राज्यों में भाजपा के नेतृत्व वाले नॉर्थ ईस्ट डेमोक्रेटिक एलायंस(एनईडीए) के सदस्य सत्ता में हैं.