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जम्मू-कश्मीर में शाह ने सुरक्षा स्थिति, विकास परियोजनाओं की समीक्षा की - Amit Shah reviewed J&K situation

आधिकारिक सूत्रों ने बताया कि गृह मंत्री ने जम्मू-कश्मीर में सुरक्षा स्थिति की समीक्षा के साथ ही सीमा पार से घुसपैठ रोकने और केंद्र शासित प्रदेश में शांति बनाए रखने के लिए उठाए जा रहे कदमों की भी समीक्षा की. अफगानिस्तान का नया कार्यवाहक आंतरिक मंत्री सिराजुद्दीन हक्कानी, आतंकवादी समूह हक्कानी नेटवर्क का प्रमुख है, जो अतीत में काबुल में भारतीय दूतावास सहित भारतीय संपत्तियों पर हमलों के लिए जिम्मेदार है.

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Published : Sep 9, 2021, 8:40 PM IST

नई दिल्ली : केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह (Union Home Minister Amit Shah) ने जम्मू-कश्मीर में सुरक्षा स्थिति और वहां चल रही विकास परियोजनाओं की समीक्षा की. आधिकारिक सूत्रों ने यह जानकारी दी. तालिबान द्वारा अफगानिस्तान में अपनी अंतरिम सरकार की घोषणा करने के दो दिन बाद केंद्र सरकार और केंद्र शासित क्षेत्र प्रशासन के शीर्ष पदाधिकारियों के साथ शाह की बैठक हुई है. ऐसी खबरें आई हैं कि पाकिस्तान स्थित आतंकी समूहों जैश-ए-मोहम्मद (Jaish-e-Mohammed) और लश्कर-ए-तैयबा (Lashkar-e-Taiba) ने अपने ठिकाने अफगानिस्तान में स्थानांतरित कर लिए हैं. ये दोनों संगठन जम्मू-कश्मीर (Jammu and Kashmir) में सक्रिय हैं और पूर्व में बड़ी संख्या में आतंकी हमलों में शामिल रहे हैं.

आधिकारिक सूत्रों ने बताया कि गृह मंत्री ने जम्मू-कश्मीर में सुरक्षा स्थिति की समीक्षा के साथ ही सीमा पार से घुसपैठ रोकने और केंद्र शासित प्रदेश में शांति बनाए रखने के लिए उठाए जा रहे कदमों की भी समीक्षा की. अफगानिस्तान का नया कार्यवाहक आंतरिक मंत्री सिराजुद्दीन हक्कानी, आतंकवादी समूह हक्कानी नेटवर्क का प्रमुख है, जो अतीत में काबुल में भारतीय दूतावास सहित भारतीय संपत्तियों पर हमलों के लिए जिम्मेदार है.

पढ़ेंः कार्बी आंगलोंग समझौते पर हस्ताक्षर, अमित शाह बोले- शांति की शुरुआत

तालिबान के प्रवक्ता सुहैल शाहीन (Taliban spokesman Suhail Shaheen) ने पिछले हफ्ते कहा था कि मुसलमानों के रूप में, हमें कश्मीर, भारत या किसी अन्य देश में मुसलमानों के लिए अपनी आवाज उठाने का अधिकार है. बैठक में जम्मू कश्मीर के उपराज्यपाल मनोज सिन्हा, राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार अजीत डोभाल, सेना प्रमुख जनरल एम एम नरवणे, केंद्रीय गृह सचिव अजय भल्ला, खुफिया ब्यूरो के निदेशक अरविंद कुमार, रॉ प्रमुख सामंत गोयल, सीमा सुरक्षा बल के महानिदेशक पंकज सिंह और केंद्रीय रिजर्व पुलिसबल के प्रमुख कुलदीप सिंह शामिल थे.

माना जा रहा है कि इस बैठक में हुर्रियत कांफ्रेंस (Hurriyat Conference) के कट्टरपंथी धड़े के अध्यक्ष सैयद अली शाह गिलानी की मृत्यु के बाद कश्मीर घाटी में राजनीतिक और सुरक्षा प्रभावों पर चर्चा हुई. संगठन ने जेल में बंद मसरत आलम भट को पहले ही अपना अध्यक्ष चुन लिया है. शाह ने 2015 में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी द्वारा घोषित 80,000 करोड़ रुपये के पैकेज सहित जम्मू-कश्मीर में लागू की जा रही विभिन्न विकास पहलों की भी समीक्षा की.

शाह ने पूर्व में कहा था कि केंद्र शासित प्रदेश के लोगों का सर्वांगीण विकास और कल्याण मोदी सरकार की सर्वोच्च प्राथमिकता सूची में है.

(पीटीआई-भाषा)

नई दिल्ली : केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह (Union Home Minister Amit Shah) ने जम्मू-कश्मीर में सुरक्षा स्थिति और वहां चल रही विकास परियोजनाओं की समीक्षा की. आधिकारिक सूत्रों ने यह जानकारी दी. तालिबान द्वारा अफगानिस्तान में अपनी अंतरिम सरकार की घोषणा करने के दो दिन बाद केंद्र सरकार और केंद्र शासित क्षेत्र प्रशासन के शीर्ष पदाधिकारियों के साथ शाह की बैठक हुई है. ऐसी खबरें आई हैं कि पाकिस्तान स्थित आतंकी समूहों जैश-ए-मोहम्मद (Jaish-e-Mohammed) और लश्कर-ए-तैयबा (Lashkar-e-Taiba) ने अपने ठिकाने अफगानिस्तान में स्थानांतरित कर लिए हैं. ये दोनों संगठन जम्मू-कश्मीर (Jammu and Kashmir) में सक्रिय हैं और पूर्व में बड़ी संख्या में आतंकी हमलों में शामिल रहे हैं.

आधिकारिक सूत्रों ने बताया कि गृह मंत्री ने जम्मू-कश्मीर में सुरक्षा स्थिति की समीक्षा के साथ ही सीमा पार से घुसपैठ रोकने और केंद्र शासित प्रदेश में शांति बनाए रखने के लिए उठाए जा रहे कदमों की भी समीक्षा की. अफगानिस्तान का नया कार्यवाहक आंतरिक मंत्री सिराजुद्दीन हक्कानी, आतंकवादी समूह हक्कानी नेटवर्क का प्रमुख है, जो अतीत में काबुल में भारतीय दूतावास सहित भारतीय संपत्तियों पर हमलों के लिए जिम्मेदार है.

पढ़ेंः कार्बी आंगलोंग समझौते पर हस्ताक्षर, अमित शाह बोले- शांति की शुरुआत

तालिबान के प्रवक्ता सुहैल शाहीन (Taliban spokesman Suhail Shaheen) ने पिछले हफ्ते कहा था कि मुसलमानों के रूप में, हमें कश्मीर, भारत या किसी अन्य देश में मुसलमानों के लिए अपनी आवाज उठाने का अधिकार है. बैठक में जम्मू कश्मीर के उपराज्यपाल मनोज सिन्हा, राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार अजीत डोभाल, सेना प्रमुख जनरल एम एम नरवणे, केंद्रीय गृह सचिव अजय भल्ला, खुफिया ब्यूरो के निदेशक अरविंद कुमार, रॉ प्रमुख सामंत गोयल, सीमा सुरक्षा बल के महानिदेशक पंकज सिंह और केंद्रीय रिजर्व पुलिसबल के प्रमुख कुलदीप सिंह शामिल थे.

माना जा रहा है कि इस बैठक में हुर्रियत कांफ्रेंस (Hurriyat Conference) के कट्टरपंथी धड़े के अध्यक्ष सैयद अली शाह गिलानी की मृत्यु के बाद कश्मीर घाटी में राजनीतिक और सुरक्षा प्रभावों पर चर्चा हुई. संगठन ने जेल में बंद मसरत आलम भट को पहले ही अपना अध्यक्ष चुन लिया है. शाह ने 2015 में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी द्वारा घोषित 80,000 करोड़ रुपये के पैकेज सहित जम्मू-कश्मीर में लागू की जा रही विभिन्न विकास पहलों की भी समीक्षा की.

शाह ने पूर्व में कहा था कि केंद्र शासित प्रदेश के लोगों का सर्वांगीण विकास और कल्याण मोदी सरकार की सर्वोच्च प्राथमिकता सूची में है.

(पीटीआई-भाषा)

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