नई दिल्ली : रिटायर्ड आईएएस अधिकारी अमित खरे को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का सलाहकार नियुक्त किया गया है. वो दो साल तक इस पद पर रहेंगे. मंगलवार को उनकी नियुक्ति के आदेश जारी किए गए हैं. उनकी नियुक्ति इसी साल पूर्व कैबिनेट सचिव पीके सिन्हा और पूर्व सचिव अमरजीत सिन्हा के के पद छोड़ने के बाद की गई है.
कई अहम भूमिका निभा चुके हैं अमित खरे
बीते 30 सितंबर को उच्च शिक्षा सचिव के पद से रिटायर हुए अमित खरे 1985 बैच के आईएएस अधिकारी हैं. जो इससे पहले मानव संसाधन और सूचना प्रसारण सचिव की जिम्मेदारी भी निभा चुके हैं. अमित खरे ने उच्च शिक्षा सचिव रहते हुए ही शिक्षा नीति 2020 और सूचना-प्रसारण सचिव रहते हुए डिजिटल मीडिया नियमों में बदलाव में अहम भूमिका निभाई थी.
पीएम मोदी के खास
मंत्रिमंडल की नियुक्ति समिति ने खरे को पीएम मोदी का सलाहकार नियुक्त करने के प्रस्ताव को मंजूरी दी है. उनकी नियुक्ति भले कॉन्ट्रेक्ट आधार पर दो साल के लिए हुई है लेकिन पीएमओ में सलाहकार के तौर पर उनका रैंक और स्केल भारत सरकार के किसी भी अन्य सचिव के बराबर ही होगा. अमित खरे की गिनती पीएम मोदी के करीबी ब्यूरोक्रेट्स में होती है. वो मानव संसाधन मंत्रालय और सूचना-प्रसारण मंत्रालय दोनों का कामकाज एक साथ संभाल चुके हैं. जिससे पीएम मोदी के उनपर भरोसे का अंदाजा लगाया जा सकता है.
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लालू यादव को जेल पहुंचाने वाले अमित खरे
अमित खरे बिहार-झारखंड कैडर के आईएएस अधिकारी हैं. 940 करोड़ के चारा घोटाले को सामने लाने का श्रेय अमित खरे को ही जाता है. उस दौरान अमित खरे चाइबासा के डीएम थे. इसी दौरान उन्होंने चारा घोटाले को लेकर पहली एफआईआर दर्ज करवाई, जिसके बाद मामला इतना बड़ा हो गया कि इसकी चपेट में कई नेता और अधिकारी नप गए और जांच की आंच बिहार के पूर्व मुख्यमंत्री लालू प्रसाद यादव तक पहुंच गए. आज लालू चारा घोटाले में सजा काट रहे हैं.