तिरुवनंतपुरम: सोना तस्करी (Gold Smuggling Case) मामले की आरोपी स्वप्ना सुरेश (Swapna Suresh) ने रविवार को अपने विरोधियों से आग्रह किया वह 'उन्हें जीने दें' (Let Me Live). राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (RSS) से कथित तौर पर संबद्ध एक एनजीओ में उनकी नई नौकरी (Controversy Over New Job In NGO) को लेकर विवाद पैदा कर उन्हें परेशान ना करें.
सुरेश ने पत्रकारों (Swapna Suresh Said To Journalist ) से कहा कि उन्हें परेशान करने के किए जा रहे अथक प्रयासों को देखकर उनको बहुत निराशा हुई है. उन्होंने दावा किया कि शुरू में उनको परेशान करने के लिए एक किताब जारी किया गया. अब उनकी नौकरी को लेकर विवाद पैदा किया जा रहा है.
सुरेश की प्रतिक्रिया केरल राज्य अनुसूचित जाति-अनुसूचित जनजाति आयोग (Kerala State Commission for Scheduled Castes-Scheduled Tribes) द्वारा गैर सरकारी संगठन (NGO) हाईरेंज रूरल डेवलपमेंट सोसाइटी (Highrange Rural Development Society) के खिलाफ मिली शिकायतों के मद्देनजर कार्रवाई शुरू करने के बीच आई है. आरोप लगाया गया है कि संगठन ने अट्टापडी और अन्य जगहों पर आदिवासियों के लिए आवासीय इकाइयों के निर्माण में अनियमितताएं कीं.
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सुरेश ने पत्रकारों से कहा कि उन्हें एक साक्षात्कार के बाद एनजीओ में निदेशक, महिला सशक्तिकरण और सीएसआर के रूप में नियुक्त किया गया, न कि इसलिए कि उनका आरएसएस या भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) से कोई जुड़ाव था. उन्होंने कहा कि मुझे जीने दें. मुझे अपने बच्चों की परवरिश करने दें. अपनी मां की देखभाल करने दें. अनावश्यक विवाद (Unnecessary Controversy.) पैदा कर मुझे परेशान ना करें. मेरा किसी को ठेस पहुंचाने का कोई इरादा नहीं है, इसलिए कृपया मुझे अकेला छोड़ (Please Leave Me Alone) दें.
केरल के सोना तस्करी मामले में मुख्य आरोपी सुरेश ने एम शिवशंकर की एक किताब में उनके नाम का उल्लेख करने के लिए आलोचना की थी. दावा किया गया कि वह 'पहले से ही प्रताड़ना झेल रही हैं.
शिवशंकर मुख्यमंत्री के पूर्व प्रमुख सचिव हैं. सोने की तस्करी का मामला पांच जुलाई 2020 को सीमा शुल्क आयुक्तालय, कोच्चि द्वारा त्रिवेंद्रम अंतरराष्ट्रीय हवाई अड्डे के एयर कार्गो पर एक राजनयिक सामान से 30 किलोग्राम सोना जब्ती से संबंधित है.