नई दिल्ली : रूसी हमले के शिकार यूक्रेन को मुकाबला करने के लिए अमेरिकी मदद मिल रही है. अमेरिका न सिर्फ उसे हथियारों का जखीरा दे रहा है बल्कि उन्हें चलाने का प्रशिक्षण भी देगा. अमेरिका ने जो हथियार देने का फैसला किया है, उनमें कुछ ऐसे हैं जो पहली बार यूक्रेन को मिलेंगे. इन हथियारों की कीमत करीब 800 मिलियन डॉलर है (800 million dollar arm package).
घातक हथियारों में 155 एमएम की 18 होवित्जर तोपें, 40,000 आर्टिलरी राउंड, मानव रहित तटीय रक्षा जहाज, 10 एएन/टीपीक्यू-36 काउंटर आर्टिलरी रडार, दो एएन/एमपीक्यू-64 सेंटिनल एयर सर्विलांस सिस्टम, 500 जेवलिन मिसाइलें, एंटी-आर्मर सिस्टम, 300 स्विचब्लेड ड्रोन, 200 M113 आर्मर्ड पर्सनेल कैरियर, 100 आर्मर्ड हाई मोबिलिटी मल्टीपर्पज व्हील व्हीकल और 11 Mi-17 हेलीकॉप्टर शामिल हैं. 11 एमआई-17 हेलीकॉप्टरों को पहले अफगानिस्तान भेजा जाना था. यूक्रेन के पास पहले से ही पांच हेलीकॉप्टर थे, अब उसे 11 एमआई17 हेलीकॉप्टर और मिल जाएंगे.
अमेरिका ने अफगानिस्तान में इस्तेमाल के लिए 2013 में रूस से 30 मीडियम लिफ्ट और अटैक एमआई-17 हेलीकॉप्टर खरीदे थे. एमआई-17 हेलीकॉप्टरों ने अफगानिस्तान के गर्म मौसम और ऊंचाई वाले इलाकों में बहुत अच्छा प्रदर्शन किया था. यूक्रेन को दी जाने वाली हथियारों और प्रणालियों की नवीनतम खेप में बॉडी आर्मर, ऑप्टिक्स और लेजर रेंज फाइंडर, विस्फोटक और रासायनिक, जैविक और परमाणु हमलों के खिलाफ सुरक्षात्मक उपकरण भी शामिल होंगे.
पेंटागन के प्रेस सचिव जॉन किर्बी के अनुसार, यूक्रेनी सैनिकों का एक चुनिंदा समूह जल्द ही युद्ध क्षेत्र छोड़कर अमेरिकी सैन्य प्रशिक्षकों से ट्रेनिंग लेगा. फिर लड़ाई में लौटने के बाद अन्य यूक्रेनी सैनिकों को प्रशिक्षित करेगा. किर्बी ने बुधवार को कहा कि प्रशिक्षण 'कई स्थानों' में हो सकता है, हालांकि यह स्पष्ट नहीं किया कि कहां?. नए अमेरिकी हथियारों का उद्देश्य यूक्रेनी सेना को पूर्व और दक्षिण पूर्व से व्यापक रूप से अपेक्षित रूसी सैन्य आक्रमण का मुकाबला करने के लिए तैयार करना है.
अमेरिका के इस कदम को लेकर रूस की क्या प्रतिक्रिया होगी. इस सवाल का जवाब किर्बी ने बड़ी ही चतुराई से दिया. किर्बी ने कहा कि 'रूसी इसकी व्याख्या कैसे करते हैं ये आप मिस्टर पुतिन और क्रेमलिन से पूछ सकते हैं. हम जिस चीज को लेकर चिंतित हैं, वह यह सुनिश्चित कर रही है कि हम वही कर रहे हैं जो हमने कहा था कि हम करने जा रहे हैं…'
किर्बी ने कहा कि 'हम शुरुआत से ही या यू कहें कि आक्रमण से पहले ही, यूक्रेन को अपनी रक्षा करने में सक्षम होने में मदद करने के लिए प्रतिबद्ध थे. यह उसी कड़ी में है. यूक्रेन ने खुद मदद मांगी है और कहा है कि उन्हें इसकी आवश्यकता है क्योंकि यह लड़ाई अब देश के पूर्वी हिस्से पर केंद्रित हो गई है. अब तक बाइडेन प्रशासन ने यूक्रेन को 3.2 बिलियन डॉलर से अधिक की सैन्य सहायता देने का वादा किया है. रूस की सेना ने 24 फरवरी को आक्रमण किया था, उस दिन से लगभग 2.6 बिलियन डॉलर की सहायता की घोषणा की गई है.
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