लखनऊ : अगस्त 2023 में राजधानी के इंदिरा गांधी आई अस्पताल में मरीज को हार्ट अटैक हुआ एंबुलेंस को कॉल की गई, लेकिन ट्रैफिक जाम होने की वजह से एक किलोमीटर की दूरी पूरी करने में एंबुलेंस को एक घंटे लग गए. लिहाजा मरीज की मौत हो गई. कमोबेश दो वर्ष पहले मार्च में माल में एक निमोनिया से ग्रसित बच्चे को सांस लेने में समस्या होने पर उसे जिला अस्पताल रेफर किया गया, लेकिन जाम होने की वजह से एंबुलेंस दो घंटे में पहुंची, जिस कारण देरी होने से बच्चे को मौत हो गई.
ये सिर्फ दो घटनाएं बानगी भर हैं. रोजाना राजधानी के जाम की वजह से एंबुलेंस फंसती हैं और मरीज की जान पर आ बनती है. इन्हीं घटनाओं को देखते हुए लखनऊ पुलिस कमिश्नरेट ने फैसला किया है कि अब सिर्फ खास मौके पर ही नहीं बल्कि हर एंबुलेंस के लिए ग्रीन कॉरिडोर बनाया जाएगा. इसके लिए ट्रैफिक पुलिस शहर के सभी प्राइवेट और सरकार एंबुलेंस चालकों को अपना एक नम्बर दे रही है. जिस पर कॉल करके पुलिस को अपना रूट बताना होगा और बस मिल जाएगी खाली सड़क.
राजधानी के डीसीपी ट्रैफिक आशीष श्रीवास्तव के मुताबिक शहर में आए दिन एंबुलेंस के ट्रैफिक जाम में फंसने की शिकायतें आती हैं. कई बार तो एंबुलेंस के जाम में फंसने से मरीजों की मौत भी हुई है. ऐसी घटनाओं से हमने सबक लिया है और एंबुलेंस को जाम से निजात दिलाने के लिए योजना तैयार की है. इसके मुताबिक यदि कहीं कोई एंबुलेंस जाम में फंसती है तो फौरन उसे ट्रैफिक जाम से बाहर निकाला जाएगा या फिर उसके लिए पहले से ही रास्ता क्लियर कराया जाएगा.
बाहरी जिले का वाहन देखते ही सक्रिय हो जाती है लखनऊ की ट्रैफिक पुलिस, जानिए क्यों