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अस्पताल की दहलीज पर ढाई घंटे तड़पती रही महिला, देर से पहुंची एंबुलेंस

राजस्थान में मानवता को शर्मसार करने वाला मामला सामने आया है. धौलपुर के सरमथुरा में एंबुलेंस के अभाव में एक महिला अस्पताल परिसर में करीब ढाई घंटे तक तड़पती रही. पढ़ें पूरी खबर.

अस्पताल की दहलीज पर ढाई घंटे तड़पती रही महिला
अस्पताल की दहलीज पर ढाई घंटे तड़पती रही महिला
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Published : Jun 9, 2021, 9:21 PM IST

बसेड़ी (धौलपुर) : धौलपुर के सरमथुरा राजकीय सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र पर एंबुलेंस कर्मी की बड़ी लापरवाही का मामला सामने आया है. चूहे मारने की दवा खाकर अस्पताल के परिसर में एक 50 साल की महिला तड़पती रही.

महिला का बेटा बार-बार एंबुलेंस कर्मी को फोन लगाता रहा. लेकिन करीब ढाई घंटे तक एंबुलेंस मौके पर नहीं पहुंची. इस दौरान अस्पताल प्रबंधन ने भी पीड़ित की मदद करने की जहमत नहीं उठाई. देरी से पहुंची एंबुलेंस के बाद महिला को जिला अस्पताल रेफर किया गया.

धौलपुर के सरमथुरा में महिला को देरी से मिली एंबुलेंस

जानकारी के मुताबिक, सरमथुरा थाना क्षेत्र के डोमई गांव निवासी निब्बो पत्नी रमेश ने किन्ही कारणों से घर में रखी चूहे मारने की दवा खा ली, जिससे महिला की तबीयत बिगड़ने लगी. परिजन नजदीकी राजकीय सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र सरमथुरा ले गए. महिला की हालत न होने पर चिकित्सकों ने प्राथमिक उपचार देकर जिला अस्पताल रेफर कर दिया. उस समय अस्पताल में एंबुलेंस मौजूद नहीं थी.

एंबुलेंस बुलाने की गुहार करता रहा

महिला के बेटे जीतू ने बताया, अस्पताल प्रबंधन ने महिला को बाहर निकाल दिया. वह अस्पताल के बाहर फर्श पर पड़ी बिलखती रहीं. एंबुलेंस कर्मी को फोन किया गया. एंबुलेंस कर्मी ने 20 से 25 मिनट में आने की बोला था. लेकिन एंबुलेंस मरीज लेने नहीं आई. इस दौरान पीड़ित अस्पताल प्रबंधन से एंबुलेंस बुलाने की गुहार करता रहा. महिला की हालत ज्यादा बिगड़ने पर छटपटा रही थी.

यह भी पढ़ें: दिल्ली के शख्स का दावा: वैक्सीन लगाते ही शरीर बन गया चुंबक

स्थानीय लोगों ने मामले की खबर आरसीएचओ डॉ. शिवकुमार को दी. उन्होंने मौके पर पहुंचकर एंबुलेंस को बुलाया. उसके बाद महिला को जिला अस्पताल भिजवाया गया. करीब 2 घंटे तक महिला भीषण गर्मी में फर्श पर तड़पती रही. लेकिन सिस्टम के जिम्मेदारों ने मानवता दिखाने तक की जहमत नहीं उठाई.

बसेड़ी (धौलपुर) : धौलपुर के सरमथुरा राजकीय सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र पर एंबुलेंस कर्मी की बड़ी लापरवाही का मामला सामने आया है. चूहे मारने की दवा खाकर अस्पताल के परिसर में एक 50 साल की महिला तड़पती रही.

महिला का बेटा बार-बार एंबुलेंस कर्मी को फोन लगाता रहा. लेकिन करीब ढाई घंटे तक एंबुलेंस मौके पर नहीं पहुंची. इस दौरान अस्पताल प्रबंधन ने भी पीड़ित की मदद करने की जहमत नहीं उठाई. देरी से पहुंची एंबुलेंस के बाद महिला को जिला अस्पताल रेफर किया गया.

धौलपुर के सरमथुरा में महिला को देरी से मिली एंबुलेंस

जानकारी के मुताबिक, सरमथुरा थाना क्षेत्र के डोमई गांव निवासी निब्बो पत्नी रमेश ने किन्ही कारणों से घर में रखी चूहे मारने की दवा खा ली, जिससे महिला की तबीयत बिगड़ने लगी. परिजन नजदीकी राजकीय सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र सरमथुरा ले गए. महिला की हालत न होने पर चिकित्सकों ने प्राथमिक उपचार देकर जिला अस्पताल रेफर कर दिया. उस समय अस्पताल में एंबुलेंस मौजूद नहीं थी.

एंबुलेंस बुलाने की गुहार करता रहा

महिला के बेटे जीतू ने बताया, अस्पताल प्रबंधन ने महिला को बाहर निकाल दिया. वह अस्पताल के बाहर फर्श पर पड़ी बिलखती रहीं. एंबुलेंस कर्मी को फोन किया गया. एंबुलेंस कर्मी ने 20 से 25 मिनट में आने की बोला था. लेकिन एंबुलेंस मरीज लेने नहीं आई. इस दौरान पीड़ित अस्पताल प्रबंधन से एंबुलेंस बुलाने की गुहार करता रहा. महिला की हालत ज्यादा बिगड़ने पर छटपटा रही थी.

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स्थानीय लोगों ने मामले की खबर आरसीएचओ डॉ. शिवकुमार को दी. उन्होंने मौके पर पहुंचकर एंबुलेंस को बुलाया. उसके बाद महिला को जिला अस्पताल भिजवाया गया. करीब 2 घंटे तक महिला भीषण गर्मी में फर्श पर तड़पती रही. लेकिन सिस्टम के जिम्मेदारों ने मानवता दिखाने तक की जहमत नहीं उठाई.

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