नई दिल्ली : एडिटर्स गिल्ड ऑफ इंडिया ने धार्मिक भावनाओं को आहत करने के आरोप में 'ऑल्ट न्यूज' के सह-संस्थापक मोहम्मद जुबैर की गिरफ्तारी को मंगलवार को 'बेहद चिंताजनक' करार दिया और उनकी तत्काल रिहाई की मांग की. गिल्ड ने यहां एक बयान में कहा, 'यह स्पष्ट है कि आल्ट न्यूज के सतर्क रुख का वे लोग विरोध कर रहे हैं जो समाज का ध्रुवीकरण करने व राष्ट्रवादी भावनाओं को भड़काने के लिए दुष्प्रचार का उपयोग एक हथियार के तौर पर करते हैं.'
दिल्ली पुलिस के विशेष प्रकोष्ठ ने सोमवार को फैक्ट चैक वेबसाइट के सह-संस्थापक जुबैर को गिरफ्तार कर लिया था. उन पर धार्मिक तथा सुनियोजित कृत्यों के माध्यम से धार्मिक भावनाएं भड़का कर विभिन्न समूहों के बीच वैमनस्य को बढ़ावा देने का आरोप है. गिल्ड ने कहा, 'जुबैर को भारतीय दंड संहिता की धारा 153 और 295 के तहत गिरफ्तार किया गया है. यह बेहद चिंताजनक है क्योंकि जुबैर और उनकी वेबसाइट आल्ट न्यूज ने पिछले कुछ वर्षों में फर्जी समाचारों की पहचान करने और दुष्प्रचार अभियानों का मुकाबला करने के लिए बहुत ही उद्देश्यपूर्ण व तथ्यात्मक तरीके से अनुकरणीय कार्य किया है.'
इसी तरह से एमनेस्टी इंडिया ने जुबैर की तत्काल और बिना शर्त रिहाई की मांग करते हुए मंगलवार को कहा कि अथक रूप से सच और न्याय की पैरोकारी कर रहे मानवाधिकार रक्षकों का उत्पीड़न और मनमाने तरीके से गिरफ्तारी भारत में चिंताजनक रूप से आम बात हो गयी है. एमनेस्टी इंटरनेशनल इंडिया के लिए बोर्ड के अध्यक्ष आकार पटेल ने कहा कि भारतीय अधिकारी जुबैर पर इसलिए निशाना साध रहे हैं क्योंकि वह फर्जी खबरों और भ्रामक सूचनाओं के खिलाफ काम कर रहे हैं.
पटेल ने एक बयान में कहा, 'मोहम्मद जुबैर की गिरफ्तारी दिखाती है कि भारत में मानवाधिकार रक्षकों के सामने मौजूद खतरा संकट की स्थिति में पहुंच गया है.' उन्होंने कहा कि जुबैर को 'प्राथमिकी की प्रति नहीं दिया जाना और गिरफ्तारी के बाद शुरुआत के कुछ घंटों तक किसी से बात नहीं करने देना, यह तथ्य दिखाता है कि भारतीय प्राधिकार कितने निर्लज्ज हो गये हैं.' पटेल ने कहा कि जुबैर की गिरफ्तारी अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता के अधिकार का स्पष्ट उल्लंघन है और दिल्ली पुलिस को उन्हें तत्काल और बिना शर्त रिहा कर देना चाहिए.
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