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बुनियादी जल सेवाओं की कमी से बढ़ सकता है संक्रमण का खतरा : रिपोर्ट

विश्व स्वास्थ्य संगठन (WHO) और संयुक्त राष्ट्र बाल कोष (UNICEF) ने कहा कि दुनिया भर में स्वास्थ्य देखभाल केंद्रों और सुविधाओं में, बुनियादी जल सेवाओं की कमी के कारण, लगभग दो अरब स्वास्थ्यकर्मियों और मरीजों में कोविड-19 महामारी और अन्य बीमारियों का जोखिम पैदा हो गया है.

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प्रतीकात्मक तस्वीर
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Published : Dec 17, 2020, 10:20 AM IST

हैदराबाद : डब्ल्यूएचओ और यूनिसेफ ने कहा कि लगभग 1अरब 80 लाख लोगों को कोरोना संक्रमण और अन्य बीमारियों का खतरा है क्योंकि वे बुनियादी जल सेवाओं के बिना स्वास्थ्य सुविधाओं में काम कर रहे हैं. डब्ल्यूएचओ और यूनिसेफ की एक रिपोर्ट के अनुसार लगभग 2 अरब लोग बुनियादी जल सेवाओं के बिना स्वास्थ्य देखभाल सुविधाओं पर निर्भर हैं. स्वास्थ्य देखभाल सुविधाओं पर पानी की कमी के चलते स्वास्थ्य कर्मचारियों और मरीजों के बीच कोरोना संक्रमण का खतरा बढ़ सकता है.

विश्व स्वास्थ्य संगठन के महानिदेशक टेड्रोस एडहानॉम घेब्रेयेसस का कहना है, किसी स्वास्थ्य सुविधा या केंद्र में, पानी, साफ-सफाई और सच्छता के साधनों के बिना काम करना, वैसे ही है जैसे, नर्सों और डॉक्टरों को निजी बचाव उपकरणों (PPE) के बिना काम करने के लिए भेजना. स्वास्थ्य देखभाल केंद्रों और सुविधाओं में, जल आपूर्ति, स्वच्छता व साफ-सफाई का होना, कोविड-19 की रोकथाम क लिये आधारभूत जरूरत है. मगर इस क्षेत्र में, अब भी बहुत कमियां है, खासतौर से, कम विकसित देशों में.

डब्ल्यूएएसएच (WASH) पर वैश्विक प्रगति रिपोर्ट में स्वास्थ्य देखभाल सुविधाएं बुनियादी तौर पर सबसे पहले आती हैं, क्योंकि कोरोना वायरस रोकथाम और नियंत्रण सहित स्वास्थ्य प्रणालियों के भीतर कमजोरियों को दर्शा रहा है.

जल, स्वच्छता और स्वच्छता (डब्ल्यूएएसएच) स्वास्थ्य कार्यकर्ताओं और मरीजों की सुरक्षा के लिए महत्वपूर्ण हैं, फिर भी इन सेवाओं के प्रावधान को दुनिया भर में प्राथमिकता नहीं दी गई है. 4 में से 1 स्वास्थ्य देखभाल सुविधा में बुनियादी जल सेवा नहीं है, 3 में से 1 में हाथों की स्वच्छता पर ध्यान नहीं दिया जाता. 10 में से 1 में कोई स्वच्छता सेवाएं नहीं हैं, और 3 में से 1 में कचरे को सुरक्षित रूप से अलग नहीं किया जाता है.

पढ़ें :- 2022 तक दुनिया की एक चौथाई आबादी को नहीं मिल पाएगा कोरोना का टीका

दुनिया के 47 कम विकसित देशों में, स्वास्थ्य केन्द्रों में बुनियादी जल आपूर्ति मुहैया कराने के लिए लगभग 1 डॉलर प्रति व्यक्ति की लागत आएगी और ये सेवाएं जारी रखने के लिए औसतन, हर वर्ष लगभग $0.20 प्रति व्यक्ति का खर्च आएगा. रिपोर्ट में पाया गया है कि जल आपूर्ति, साफ-सफाई और स्वच्छता सुविधाओं में तत्काल संसाधन निवेश करने के बड़े फायदे हैं.

रिपोर्ट में चार मुख्य सिफारिशें :

संयुक्त रिपोर्ट में चार मुख्य सिफारिशें दी गई हैं, जिसमें उचित लागत और निगरानी के साथ राष्ट्रीय रोडमैप को लागू करना और डब्ल्यूएएसएच सेवाओं, प्रथाओं और सक्षम वातावरण में सुधार के लिए नियमित रूप से प्रगति की समीक्षा करना शामिल है. डब्ल्यूएएसएच सेवाओं को बनाए रखने और स्वच्छता को बढ़ावा देने के लिए स्वास्थ्य कार्यबल की क्षमता विकसित करना.

2020 तक, 130 से अधिक साझेदारों ने संसाधन तैयार किए हैं, जिनमें से 34 ने USD125 मिलियन की कुल वित्तीय प्रतिबद्धताओं को डब्ल्यूएएसएच सेवाओं के लिए समर्पित किया है.

हैदराबाद : डब्ल्यूएचओ और यूनिसेफ ने कहा कि लगभग 1अरब 80 लाख लोगों को कोरोना संक्रमण और अन्य बीमारियों का खतरा है क्योंकि वे बुनियादी जल सेवाओं के बिना स्वास्थ्य सुविधाओं में काम कर रहे हैं. डब्ल्यूएचओ और यूनिसेफ की एक रिपोर्ट के अनुसार लगभग 2 अरब लोग बुनियादी जल सेवाओं के बिना स्वास्थ्य देखभाल सुविधाओं पर निर्भर हैं. स्वास्थ्य देखभाल सुविधाओं पर पानी की कमी के चलते स्वास्थ्य कर्मचारियों और मरीजों के बीच कोरोना संक्रमण का खतरा बढ़ सकता है.

विश्व स्वास्थ्य संगठन के महानिदेशक टेड्रोस एडहानॉम घेब्रेयेसस का कहना है, किसी स्वास्थ्य सुविधा या केंद्र में, पानी, साफ-सफाई और सच्छता के साधनों के बिना काम करना, वैसे ही है जैसे, नर्सों और डॉक्टरों को निजी बचाव उपकरणों (PPE) के बिना काम करने के लिए भेजना. स्वास्थ्य देखभाल केंद्रों और सुविधाओं में, जल आपूर्ति, स्वच्छता व साफ-सफाई का होना, कोविड-19 की रोकथाम क लिये आधारभूत जरूरत है. मगर इस क्षेत्र में, अब भी बहुत कमियां है, खासतौर से, कम विकसित देशों में.

डब्ल्यूएएसएच (WASH) पर वैश्विक प्रगति रिपोर्ट में स्वास्थ्य देखभाल सुविधाएं बुनियादी तौर पर सबसे पहले आती हैं, क्योंकि कोरोना वायरस रोकथाम और नियंत्रण सहित स्वास्थ्य प्रणालियों के भीतर कमजोरियों को दर्शा रहा है.

जल, स्वच्छता और स्वच्छता (डब्ल्यूएएसएच) स्वास्थ्य कार्यकर्ताओं और मरीजों की सुरक्षा के लिए महत्वपूर्ण हैं, फिर भी इन सेवाओं के प्रावधान को दुनिया भर में प्राथमिकता नहीं दी गई है. 4 में से 1 स्वास्थ्य देखभाल सुविधा में बुनियादी जल सेवा नहीं है, 3 में से 1 में हाथों की स्वच्छता पर ध्यान नहीं दिया जाता. 10 में से 1 में कोई स्वच्छता सेवाएं नहीं हैं, और 3 में से 1 में कचरे को सुरक्षित रूप से अलग नहीं किया जाता है.

पढ़ें :- 2022 तक दुनिया की एक चौथाई आबादी को नहीं मिल पाएगा कोरोना का टीका

दुनिया के 47 कम विकसित देशों में, स्वास्थ्य केन्द्रों में बुनियादी जल आपूर्ति मुहैया कराने के लिए लगभग 1 डॉलर प्रति व्यक्ति की लागत आएगी और ये सेवाएं जारी रखने के लिए औसतन, हर वर्ष लगभग $0.20 प्रति व्यक्ति का खर्च आएगा. रिपोर्ट में पाया गया है कि जल आपूर्ति, साफ-सफाई और स्वच्छता सुविधाओं में तत्काल संसाधन निवेश करने के बड़े फायदे हैं.

रिपोर्ट में चार मुख्य सिफारिशें :

संयुक्त रिपोर्ट में चार मुख्य सिफारिशें दी गई हैं, जिसमें उचित लागत और निगरानी के साथ राष्ट्रीय रोडमैप को लागू करना और डब्ल्यूएएसएच सेवाओं, प्रथाओं और सक्षम वातावरण में सुधार के लिए नियमित रूप से प्रगति की समीक्षा करना शामिल है. डब्ल्यूएएसएच सेवाओं को बनाए रखने और स्वच्छता को बढ़ावा देने के लिए स्वास्थ्य कार्यबल की क्षमता विकसित करना.

2020 तक, 130 से अधिक साझेदारों ने संसाधन तैयार किए हैं, जिनमें से 34 ने USD125 मिलियन की कुल वित्तीय प्रतिबद्धताओं को डब्ल्यूएएसएच सेवाओं के लिए समर्पित किया है.

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