नई दिल्ली : कानून मंत्रालय ने एक बयान में कहा कि भारतीय न्यायिक प्रणाली के डिजिटल बुनियादी ढांचे को दिव्यांगों के लिए और अधिक सुलभ बनाने का कार्य पिछले कुछ महीनों में उच्चतम न्यायालय की ई-समिति के काम का एक मुख्य घटक रहा है.
उसने कहा कि इस उद्देश्य की दिशा में ई-समिति के प्रयासों का एक महत्वपूर्ण उद्देश्य यह सुनिश्चित करना है कि सभी उच्च न्यायालय की वेबसाइटों में अब ऐसे कैप्चा हैं, जो दिव्यांगों के लिए सुलभ हैं. कैप्चा एक ऐसा प्रोग्राम होता है जो वेबसाइटों को बॉट्स से बचाता है. इसके तहत यह ऐसा परीक्षण करता है, जिन्हें मनुष्य पास कर सकते हैं लेकिन वर्तमान कंप्यूटर प्रोग्राम नहीं कर सकते. बयान में कहा गया है कि ये कैप्चा अदालत की वेबसाइट के कई आवश्यक पहलुओं तक पहुंचने के लिए प्रवेश बिंदु के रूप में काम करते हैं, जैसे निर्णय और आदेश, वाद-सूचियां और मामलों की स्थिति की जांच करना.
इसे भी पढ़ें : कानून मंत्रालय की 'टेली-लॉ सेवा' पर देशभर से मदद के लिए आ रहे हैं फोन
उच्च न्यायालय की कई वेबसाइटें दृश्य कैप्चा का उपयोग कर रही थीं, जिससे दृष्टिहीनों के लिए ऐसी सामग्री तक पहुंच बनाना असंभव था.
(पीटीआई-भाषा)