टिहरी : प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के प्रोजेक्ट चारधाम ऑलवेदर रोड को बारिश के कारण भारी नुकसान पहुंचा है. फकोट-आराखाल के बीच सड़क पूरी तरह से जमींदोज हो गई है.
उत्तराखंड में हो रही भारी बारिश के बाद कई जिलों में नेशनल हाईवे सहित कई मोटर मार्ग बंद हो गए हैं. सड़क बंद होने की वजह से कई वाहन भी फंसे हुए हैं जिसकी वजह से यात्रियों को काफी परेशानी का सामना करना पड़ रहा है. वहीं, ताजा तस्वीरें जो सामने आ रही हैं, वह ऋषिकेश-गंगोत्री नेशनल हाईवे 94 की हैं. जहां भारी बारिश के चलते फकोट-आराखाल के बीच सड़क पूरी तरह से जमींदोज हो गई है.
गौर हो कि प्रदेश में बारिश आफत बनकर टूट रही है. भारी बारिश के चलते ऋषिकेश-गंगोत्री हाईवे फकोट-आराखाल के बीच बाधित हो गया है. वहीं, बारिश के चलते यहां सड़क का नामोनिशान मिट गया है. तस्वीरों में साफ देखा जा सकता है कि बारिश का पानी सड़क को पूरी तरह अपने साथ बहा ले गया है. ऐसे में इस मार्ग पर आवाजाही पूरी तरह से ठप है और सड़क के दोनों ओर वाहनों का लंबा जाम लगा हुआ है.
पढ़ें-भारत-चीन सीमा को जोड़ने वाला जोशीमठ-मलारी हाईवे 13 दिनों से बंद, हेली सेवा भी ठप
सड़क बह जाने के चलते ऋषिकेश से चंबा आने-जाने वाले लोग फंस गए हैं. बारिश से कारण जमींदोज हुई सड़क के चलते अब निर्माणदायी कंपनी की कार्यप्रणाली पर भी सवाल उठने लगे हैं क्योंकि, ऑल वेदर रोड परियोजना के तहत ऋषिकेश-गंगोत्री मार्ग पर सड़क निर्माण का कार्य चल रहा है. ऐसे में सड़क निर्माण की गुणवत्ता पर भी कई सवाल उठ रहे हैं. वहीं, सड़क बह जाने की सूचना पर राजमार्ग विभाग के कर्मचारी भी मौके पर पहुंच गए हैं.
बहरहाल, प्रदेश में मौसम विभाग का पूर्वानुमान सही साबित हुआ है. बीते दो दिनों प्रदेश में अधिकांश इलाकों में बारिश हो रही है, जिससे आम जनजीवन अस्त व्यस्त हो गया है. वहीं, बारिश में प्रदेश के पर्वतीय जिलों में यात्रा करना इन दिनों खतरे से खाली नहीं है, कब कहीं मलबा और बोल्डर हादसे को दावत दे दे कहा नहीं जा सकता.
क्या है चारधाम प्रोजेक्ट की ऑलवेदर रोड?
चारधाम ऑलवेदर रोड प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का महत्वाकांक्षी प्रोजेक्ट है. इसकी शुरुआत 2016 में हुई थी. जैसा कि नाम से जाहिर है कि यहां बनने वाली सड़कों को हर मौसम के हिसाब से बनाया जाएगा. हिमालयी क्षेत्रों में बरसात के मौसम में अक्सर पहाड़ों के दरकने से सड़कें टूट जाती हैं और रास्ते बंद हो जाते हैं. लेकिन यह समस्या सड़क की नहीं, पहाड़ों की है. इस प्रोजेक्ट में करीब 900 किमी लंबी सड़क को चौड़ा किया जाना है.
यह सड़क उत्तराखंड में केदारनाथ, बद्रीनाथ, युमनोत्री और गंगोत्री के साथ ही टनकपुर-पिथौरागढ़ की कनेक्टिविटी वाली सड़क है. यह सड़क कैलास मानसरोवर तक भी जाती है. चारधाम प्रोजेक्ट की ऑलवेदर रोड न केवल उत्तराखंड सरकार बल्कि भारत सरकार के लिए भी काफी अहम है. राज्य और केंद्र सरकार के लिए यह प्रोजेक्ट धार्मिक पर्यटन की वजह से काफी महत्वपूर्ण हो जाता है.
पढ़ें- हिमाचल-उत्तराखंड में क्यों तेजी से दरक रहे पहाड़, वैज्ञानिकों ने बताई ये बड़ी वजह