मुंबई: महाराष्ट्र में पहली से लेकर 12वीं क्लास तक के स्कूल आज से खुल गए हैं. यानी स्कूलों में अब ऑफलाइन पढ़ाई शुरू हो जाएगी. कोविड नियमों का पालन करते हुए स्कूल में पढ़ाई होगी. अब स्कूलों में ऑफलाइन और ऑनलाइन दोनों तरीकों से क्लास चलेंगी.
सर्वे के मुताबिक 62 फीसदी अभिभावक बच्चों को स्कूल नहीं भेजना चाहते
लेकिन ऑनलाइन एजेंसी लोकलसर्विस के एक सर्वे के नतीजे के बाद उद्धव सरकार का फैसला सवालों के घेरे में है. सर्वेक्षण में हिस्सा लेने वालों में 67 फीसदी पुरुष और 33 फीसदी महिलाएं शामिल थीं. सर्वे के मुताबिक महाराष्ट्र में करीब 62 फीसदी अभिभावक 24 जनवरी से बच्चों को स्कूल भेजने के पक्ष में नहीं है. वहीं 11 फीसदी अभिभावकों ने इस विषय पर अपनी कोई राय जाहिर नहीं की है.
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महाराष्ट्र: मुंबई में आज से 1-12वीं के छात्रों के लिए स्कूल फिर से खुल गए हैं। तस्वीरें वडाला क्षेत्र की हैं।
— ANI_HindiNews (@AHindinews) January 24, 2022 " class="align-text-top noRightClick twitterSection" data="
एक छात्र ने बताया, "स्कूल खुलने से अच्छा लग रहा है, ऑनलाइन कक्षा में दिक्कतें होती थी।" pic.twitter.com/Y0aHTcuL9o
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— ANI_HindiNews (@AHindinews) January 24, 2022
एक छात्र ने बताया, "स्कूल खुलने से अच्छा लग रहा है, ऑनलाइन कक्षा में दिक्कतें होती थी।" pic.twitter.com/Y0aHTcuL9oमहाराष्ट्र: मुंबई में आज से 1-12वीं के छात्रों के लिए स्कूल फिर से खुल गए हैं। तस्वीरें वडाला क्षेत्र की हैं।
— ANI_HindiNews (@AHindinews) January 24, 2022
एक छात्र ने बताया, "स्कूल खुलने से अच्छा लग रहा है, ऑनलाइन कक्षा में दिक्कतें होती थी।" pic.twitter.com/Y0aHTcuL9o
सर्वे में टायर-1, टायर-2, टायर-3 शहरों में किये गये इस सर्वे में 4976 लोगों ने जवाब दिया है. गौरतलब है कि इस संदर्भ में महाराष्ट्र चाइल्ड टास्क फोर्स के सदस्य डॉ बकुल पारेख ने एबीपी न्यूज़ से बातचीत की थी. उन्होंने कहा था कि स्कूलों का खुलना काफी ज़रूरी है. स्कूल बंद होने कि वजह से बच्चों का काफी नुकसान हो रहा है.
एसओपी के सही पालन से कोविड का खतरा कम रहेगा
बच्चों की शारीरिक, मानसिक और आध्यात्मिक विकास के लिए बच्चों का स्कूल जाना बेहद आवश्यक है. अगर स्कूल सारे SOP का सही से पालन करेंगे तो बच्चों के लिए खतरा काफी कम रहेगा. SOP जैसे कि बच्चों का मास्क पहनना अनिवार्य होगा. सैनिटाइजर का इस्तेमाल करते रहना होगा.
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स्कूल में 50% बच्चों की उपस्थिति होनी चाहिए, स्कूल वैन में केवल 50% बच्चे होने चाहिए. स्कूल में लंच ब्रेक के दौरान सामाजिक दूरी का पालन करना चाहिए. स्कूल के साथ-साथ माता-पिता को भी इन सभी बातों का ध्यान रखना चहिए. डॉ बकुल पारेख, इंडियन अकेडमिक ऑफ पीड्रियाट्रिक के सदस्य और महाराष्ट्र चाइल्ड कोविड टास्क फोर्स के भी सदस्य हैं.
पीटीआई-भाषा