नई दिल्ली : देश मे लगातार बर्ड फ्लू के मामले बढ़ते जा रहे हैं. अभी तक जो जानकारी मिली है उसके मुताबिक 7 राज्यों की रिपोर्ट में बर्ड फ्लू के मामलों की पुष्टि की गई है. बता दें, अब तक देश के सात राज्यों केरल, राजस्थान, मध्य प्रदेश, हिमाचल प्रदेश, हरियाणा, गुजरात और उत्तर प्रदेश से बर्ड फ्लू के केस की पुष्टि की गई है.
एक तरफ जहां देश कोरोना वायरस की महामारी से जूझ रहा है, वहीं दूसरी तरफ गुजरात में भी बर्ड फ्लू ने दस्तक दे दी है. गुजरात के मांगरोल के लोए़ज गांव के पास करीब 70 से 80 कौए मृत मिले हैं. कौओं की मौतों की इन घटनाओं को लेकर पशुपालन विभाग हरकत में आ गया है.
हरियाणा में भी बर्ड फ्लू
कोरोना वायरस के खौफ के बीच देश के लोगों को अब बर्ड फ्लू का डर सताने लगा है. देश के कई प्रदेशों जैसे हिमाचल, हरियाणा, राजस्थान और मध्य प्रदेश में बर्ड फ्लू से अब तक लाखों पक्षियों की मौत हो चुकी है. अगर बात हरियाणा की करें तो यहां भी बर्ड फ्लू दस्तक दे चुका है. बर्ड फ्लू का सबसे ज्यादा असर पंचकूला में देखने को मिल रहा है. जहां अब तक बर्ड फ्लू से लाखों मुर्गियों और दूसरे पक्षियों की मौत हुई है.
बता दें, पंचकूला के बरवाला, रायपुर रानी और कोट में स्थित पोल्ट्री फॉर्म से जो सैंपल भोपाल भेजे गए थे, उनमें से 2 की रिपोर्ट शुक्रवार को पॉजिटिव मिली है. पंचकूला के पोल्ट्री फॉर्म में मरी इन मुर्गियों में इन्फ्लूएंजा एवियन- H5N8 वायरस पाया गया है. वहीं, भोपाल से पहले हरियाणा सरकार ने मुर्गियों के 75 सैंपल जालंधर (पंजाब) लैब में भेजे थे. जब जालंधर लैब इस बात का पता नहीं लगा सकी तो फिर इन सैंपलों को जांच के लिए भोपाल भेजा गया. जहां 3 में से 2 रिपोर्ट पॉजिटिव आई है.
पंचकूला में मारी जाएंगी 1 लाख 66 हजार मुर्गियां
पंचकूला के जिस पोल्ट्री फॉर्म से मुर्गों की रिपोर्ट बर्ड फ्लू से संक्रमित मिली है. वहां से एक किलोमीटर के दायरे में 5 पोल्ट्री फॉर्मों के 1 लाख 66 हजार 228 मुर्गे-मुर्गियों कों मारा जाएगा. इन मुर्गे-मुर्गियों के शवों को स्वास्थ्य विभाग की देखरेख में दफनाया जाएगा और वहां दवाई छिड़की जाएगी. इसके साथ ही विभाग 10 किलोमीटर के दायरे में आने वाली पोल्ट्री फॉर्म्स पर निगरानी रखेगा.
पोल्ट्री फॉर्म्स को सरकार देगी मुआवजा
राज्य के पशुपालन और डेयरी मंत्री जेपी दलाल ने एलान किया है कि जिन पोल्ट्री फॉर्म में मुर्गे-मुर्गियों को मारा जाएगा, उनके मालिकों को सरकार की तरफ से मुआवजा दिया जाएगा. सरकार 90 रुपये प्रति मुर्गी फॉर्म मालिकों को बतौर मुआवजा देगी. वहीं, इन पोल्ट्री फॉर्म्स पर काम कर रहे कर्मचारियों को एंटी वायरल दवाई भी दी जाएंगी.
पढ़ें: कोरोना के बाद अब बर्ड फ्लू ने बढ़ाई चिंताएं
बर्ड फ्लू के खौफ के बीच खुले में फेंकी गई 250 मुर्गियां
पंचकूला में बर्ड फ्लू के खौफ के बीच प्रशासन की बड़ी लापरवाही भी सामने आई है. बर्ड फ्लू की रोकथाम में टीमों का गठन कर इसे रोकने की कोशिश कर रही है. वहीं, दूसरी तरफ कुछ ऐसे लोग भी हैं, जो बर्ड फ्लू को और फैलाने में कोई कसर नहीं छोड़ रहे. शुक्रवार को रायपुररानी के दो पोल्ट्री फॉर्म में बर्ड फ्लू की पुष्टि होने के बाद बताया जा रहा है कि देर रात को कुछ लोगों ने सड़क किनारे मरी हुई मुर्गियों को फेंका है. वहीं, बर्ड फ्लू के बीच सड़क किनारे मरी हुई मार्गियां मिलने से ग्रामीणों में दहशत का माहौल है.
राज्य के कैथल में पोल्ट्री फॉर्म मालिकों का कहना है कि इस बीमारी के चलते उनका धंधा डूबने के कगार पर चला गया है. यहां के राणा गांव के सरपंच गायत्री मालिक रामपुर मलिक ने बताया कि पहले जो चूजा 30 से 35 रुपये में बिक रहा था आज उसकी कीमत गिरकर 8 रुपये के करीब हो गई है. पोल्ट्री फॉर्म मालिकों का कहना है कि पहले लॉकडाउन ने उनका धंधा काफी खराब किया अब बर्ड फ्लू लॉकडाउन के दौर को दोहरा रहा है. उन्होंने कहा कि इस बर्ड फ्लू की वजह से उनका काम-धंधा ज्यादा प्रभावित हुआ है. उन्होंने निवेदन किया है कि जो सच्चाई है उसको लोग जानने की कोशिश करें केवल अफवाह पर ना जाएं. उन्होंने कहा कि कैथल में बर्ड फ्लू के मामले में नहीं आए हैं, लेकिन लोग डर की वजह से चिकन नहीं खरीद रहे हैं. जिसका बुरा असर उन पर पड़ रहा है.
त्रिपुरा की पशुधन मंत्री ने दिया बयान
इसके अलावा त्रिपुरा की समाज कल्याण और सामाजिक शिक्षा और पशु संसाधन विकास मंत्री संतन चकमा ने भी स्पष्ट किया कि राज्य में अब तक बर्ड फ्लू की कोई रिपोर्ट की पुष्टि नहीं की गई है और राज्य के प्रवेश और निकास बिंदुओं के साथ-साथ विभिन्न जिलों में नमूना परीक्षण सुविधाओं सहित पर्याप्त सुरक्षा उपाय किए गए हैं.
राज्य में अभी तक कोई मामला नहीं
संतन चकमा ने शनिवार को अपने आधिकारिक निवास पर प्रेस को संबोधित करते हुए कहा कि कुछ अफवाहें घरेलू बत्तख और मुर्गी की मौत से संबंधित कुछ घटनाओं को केंद्रित करते हुए केंद्रिंत कर रही हैं. देश में हाल ही में हुए बर्ड फ्लू के प्रकोप को लेकर लोगों में कुछ भ्रम हो सकता है और लोग सोच सकते हैं. इसने राज्य को भी प्रभावित किया है लेकिन त्रिपुरा में अब तक बर्ड फ्लू की कोई पुष्टि नहीं हुई है.
विभाग ने की तैयारियां
उनके अनुसार अप्रैल 2008 और अप्रैल 2012 के बाद त्रिपुरा में केरल, महाराष्ट्र, हरियाणा, गुजरात और कई अन्य राज्यों के विपरीत बर्ड फ्लू की कोई रिपोर्ट नहीं मिली है. उसने कहा कि 28 दिसंबर को सिपाहीजला जिले के बिशालगढ़ में घरेलू बत्तखों की कुछ मौतें हुई थीं. मंत्री संतन चकमा ने कहा कि जल्द ही विभाग ने त्वरित कार्रवाई की और प्रत्येक जिले के प्रवेश और निकास बिंदुओं पर नमूना परीक्षण सुविधाओं की व्यवस्था की, ताकि पोल्ट्री और बकरियों को परीक्षण के लिए भेजा जा सके.