कोलकाता : केंद्र सरकार और पश्चिम बंगाल सरकार के बीच जारी तनातनी के बीच राज्य के पूर्व चीफ सेक्रेटरी अलपन बंदोपाध्याय ने भारत सरकार के नोटिस का जवाब भेज दिया है. गौरतलब है कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने पिछले महीने चक्रवात यास के बाद बैठक की थी, इसमें अलपन शामिल नहीं हुए थे, जिसके बाद केंद्र सरकार ने अलपन को कारण बताओ नोटिस भेजा था.
इससे पहले पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने अलपन बंद्योपाध्याय को अगले तीन साल तक मुख्यमंत्री के मुख्य सलाहकार नियुक्त किया था. इसके अलावा ममता ने कहा कि केंद्र किसी अधिकारी को राज्य सरकार की सहमति के बिना इसमें जॉइन करने के लिए बाध्य नहीं कर सकता है. साथ ही उन्होंने सभी राज्य सरकारों, विपक्षी नेताओं, आईएएस-आईपीएस, एनजीओ से एक साथ मिलकर संघर्ष करने की अपील की.
सीएम ममता ने कहा था कि प्रदेश के मुख्य सचिव को केंद्र में बुलाए जाने की वजह का जिक्र मुझे भेजे गए पत्र में नहीं है. इस बीच अलपन बंदोपाध्याय अपने पद से सेवानिवृत हो गए थे.
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ममता बनर्जी ने इससे पहले पीएम मोदी को लिखे पत्र में कहा था कि पश्चिम बंगाल सरकार ऐसे मुश्किल दौर में मुख्य सचिव अलपन बंद्योपाध्याय को कार्यमुक्त नहीं कर सकती है. ममता ने पीएम मोदी से फैसले पर फिर से विचार करने के लिए कहा है.
इससे पहले पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने कहा कि केंद्र ने मेरे पत्र का जवाब दिया. उन्होंने कहा कि मुख्य सचिव से कल 'नॉर्थ ब्लॉक' में कार्यभार संभालने को कहा गया.
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बता दें कि ममता के मुख्य सचिव रहे अलपन बंद्योपाध्याय के खिलाफ केंद्र कार्मिक, लोक शिकायत और पेंशन विभाग (डीओपीटी) द्वारा अनुशासनात्मक कार्रवाई शुरू किए जाने की खबरें सामने आई थीं. अलपन को सोमवार पूर्वाह्न 10 बजे नई दिल्ली स्थित डीओपीटी कार्यालय में रिपोर्ट करना था. लेकिन वे इसमें विफल रहे. पश्चिम बंगाल के मुख्य सचिव अलपन बंद्योपाध्याय को विगत 28 मई को नई दिल्ली आने का निर्देश जारी किया गया था.