ETV Bharat / bharat

बड़ा खुलासा : यूपी में महिला आतंकियों की 'शाहीन फोर्स' तैयार कर रहा था अलकायदा

आतंकी संगठन अलकायदा इन द इंडियन सबकांटीनेंट (AQIS) यूपी में शाहीन फोर्स तैयार कर रहा था. अलकायदा, फिदाइन दस्ता बनाने के लिए उन महिलाओं को चुनता है, जो गरीब होती हैं. उन्हें कुछ पैसे और दो वक्त की रोटी देकर ब्रेन वॉश किया जाता है. फिर मानव बम बनाया जाता. यूपी एटीएस ने खुलासा किया गया है कि शाहीन फोर्स में 500 महिलाओं को जोड़ने का टारगेट था.

author img

By

Published : Jul 26, 2021, 11:04 AM IST

pradesh
pradesh

लखनऊ : आतंकी संगठन अलकायदा इन द इंडियन सबकांटीनेंट (AQIS) फिदाइन दस्ता बनाने के लिए उन महिलाओं को चुनता है, जो गरीब परिवार से होती हैं. उन्हें कुछ पैसे और दो वक्त का भोजन दिया जाता और इसका फायदा उठाकर ब्रेन वॉश कर मानव बम में तब्दील किया जाता था.

इसका खुलासा एनआईए (NIA) की जांच में हुआ है. यह भी पता चला है कि (AQIS) ने जहां-जहां शाहीन फोर्स का गठन किया है, वहां इसमें पांच सौ महिलाओं को जोड़ा गया है. यहां पर भी लगभग पांच सौ महिलाओं को जोड़ने का प्रयास शुरू हो चुका था. यूपी एटीएस (UP ATS) भी इससे इनकार नहीं कर रही है. IG ATS जीके गोस्वामी का कहना है कि खुफिया एजेंसियों की मदद से अलकायदा के मंसूबों का पता लगाया जा रहा है. साथ ही शाहीन फोर्स के गठन की संभावना को खंगाला जा रहा है.

एक्यूआईएस (AQIS) की महिला विंग शाहीन फोर्स ने विदेशों में कई घटनाओं को अंजाम दिया है. एनआईए सूत्रों के मुताबिक जो रिपोर्ट उन्हें एक्यूआईएस की महिला विंग को लेकर मिली है, उसके मुताबिक गरीब महिलाओं को इस काम के लिए चुना जाता है.

महिलाओं की बातचीत महिलाओं से ही कराई जाती है. उन्हें दो वक्त का खाना, कुछ पैसे और कपड़े देने के साथ ही जेहाद को लेकर ब्रेन वॉश किया जाता है. जब वह जेहाद के लिए कुछ भी करने को तैयार होती हैं तो कैंप में ट्रेनिंग के लिए भेजा जाता है. अफगानिस्तान और सीरिया बॉर्डर पर महिलाओं के लिए कैंप आयोजित किए जाते हैं.

ट्रेनिंग के बाद भी लो-प्रोफाइल

ट्रेनिंग लेने के बाद शाहीन फोर्स की महिलाएं जहां भी भेजी जाती है. वहां आसपास के लोगों को वह यह आभास नहीं होने देतीं कि फिदाइन बनने के लिए ट्रेनिंग दी गई है. वे लो प्रोफाइल रहकर साधारण जीवन जीती हैं. वह लोगों के घरों में नौकरानी, खाना बनाने वाली, धोबी का काम करती हैं. छोटी गुमटी से लेकर ठेला तक लगा लेती हैं. इसी की आड़ में वह सूचनाएं एकत्र कर संगठन के आकाओं तक पहुंचाने का काम करती हैं.

आतंकियों के फोन का डाटा गायब
लखनऊ में एक्यूआईएस (अलकायदा इन द इंडियन सबकांटीनेंट) विंग के आतंकी मिनहाज और मुशीर से बरामद मोबाइल का डाटा गायब हो गया है. जैसे ही उसे एटीएस ने एक्सेस करना शुरू किया, सब कुछ साफ हो चुका था. डाटा रिकवरी के लिए एटीएस ने मोबाइल को फोरेंसिक लैब भेजा है.

इस बात की आशंका है कि फोन रिमोट एक्सेस पर था. उसमें ऐसे एप्लीकेशंस थे कि किसी तीसरे के हाथ में फोन जाते ही पूरा डाटा साफ हो जाएगा. अब इसकी पड़ताल हो रही है कि दोनों के मोबाइल कौन और कहां से एक्सेस कर रहा था.

यह भी पढ़ें-कैप्टन मनोज पांडेय के अदम्य साहस को सलाम, सिर पर गोली खाकर फहरायी थी विजय पताका

एटीएस सूत्रों के मुताबिक मिनहाज और मुशीर के मोबाइल पर कई ऐसी फोटो और मैसेज होने की आशंका है, जिससे केस में नए सबूत मिल सकते थे. सूत्र बताते हैं कि कहीं भी बात करने के लिए व्हाट्सएप कॉल का ज्यादा इस्तेमाल करते थे. कुछ एसएमएस के जरिए कोडवर्ड में उनके पास मैसेज भी आए थे. यह सीडीआर रिपोर्ट से पता चला है.

लखनऊ : आतंकी संगठन अलकायदा इन द इंडियन सबकांटीनेंट (AQIS) फिदाइन दस्ता बनाने के लिए उन महिलाओं को चुनता है, जो गरीब परिवार से होती हैं. उन्हें कुछ पैसे और दो वक्त का भोजन दिया जाता और इसका फायदा उठाकर ब्रेन वॉश कर मानव बम में तब्दील किया जाता था.

इसका खुलासा एनआईए (NIA) की जांच में हुआ है. यह भी पता चला है कि (AQIS) ने जहां-जहां शाहीन फोर्स का गठन किया है, वहां इसमें पांच सौ महिलाओं को जोड़ा गया है. यहां पर भी लगभग पांच सौ महिलाओं को जोड़ने का प्रयास शुरू हो चुका था. यूपी एटीएस (UP ATS) भी इससे इनकार नहीं कर रही है. IG ATS जीके गोस्वामी का कहना है कि खुफिया एजेंसियों की मदद से अलकायदा के मंसूबों का पता लगाया जा रहा है. साथ ही शाहीन फोर्स के गठन की संभावना को खंगाला जा रहा है.

एक्यूआईएस (AQIS) की महिला विंग शाहीन फोर्स ने विदेशों में कई घटनाओं को अंजाम दिया है. एनआईए सूत्रों के मुताबिक जो रिपोर्ट उन्हें एक्यूआईएस की महिला विंग को लेकर मिली है, उसके मुताबिक गरीब महिलाओं को इस काम के लिए चुना जाता है.

महिलाओं की बातचीत महिलाओं से ही कराई जाती है. उन्हें दो वक्त का खाना, कुछ पैसे और कपड़े देने के साथ ही जेहाद को लेकर ब्रेन वॉश किया जाता है. जब वह जेहाद के लिए कुछ भी करने को तैयार होती हैं तो कैंप में ट्रेनिंग के लिए भेजा जाता है. अफगानिस्तान और सीरिया बॉर्डर पर महिलाओं के लिए कैंप आयोजित किए जाते हैं.

ट्रेनिंग के बाद भी लो-प्रोफाइल

ट्रेनिंग लेने के बाद शाहीन फोर्स की महिलाएं जहां भी भेजी जाती है. वहां आसपास के लोगों को वह यह आभास नहीं होने देतीं कि फिदाइन बनने के लिए ट्रेनिंग दी गई है. वे लो प्रोफाइल रहकर साधारण जीवन जीती हैं. वह लोगों के घरों में नौकरानी, खाना बनाने वाली, धोबी का काम करती हैं. छोटी गुमटी से लेकर ठेला तक लगा लेती हैं. इसी की आड़ में वह सूचनाएं एकत्र कर संगठन के आकाओं तक पहुंचाने का काम करती हैं.

आतंकियों के फोन का डाटा गायब
लखनऊ में एक्यूआईएस (अलकायदा इन द इंडियन सबकांटीनेंट) विंग के आतंकी मिनहाज और मुशीर से बरामद मोबाइल का डाटा गायब हो गया है. जैसे ही उसे एटीएस ने एक्सेस करना शुरू किया, सब कुछ साफ हो चुका था. डाटा रिकवरी के लिए एटीएस ने मोबाइल को फोरेंसिक लैब भेजा है.

इस बात की आशंका है कि फोन रिमोट एक्सेस पर था. उसमें ऐसे एप्लीकेशंस थे कि किसी तीसरे के हाथ में फोन जाते ही पूरा डाटा साफ हो जाएगा. अब इसकी पड़ताल हो रही है कि दोनों के मोबाइल कौन और कहां से एक्सेस कर रहा था.

यह भी पढ़ें-कैप्टन मनोज पांडेय के अदम्य साहस को सलाम, सिर पर गोली खाकर फहरायी थी विजय पताका

एटीएस सूत्रों के मुताबिक मिनहाज और मुशीर के मोबाइल पर कई ऐसी फोटो और मैसेज होने की आशंका है, जिससे केस में नए सबूत मिल सकते थे. सूत्र बताते हैं कि कहीं भी बात करने के लिए व्हाट्सएप कॉल का ज्यादा इस्तेमाल करते थे. कुछ एसएमएस के जरिए कोडवर्ड में उनके पास मैसेज भी आए थे. यह सीडीआर रिपोर्ट से पता चला है.

ETV Bharat Logo

Copyright © 2024 Ushodaya Enterprises Pvt. Ltd., All Rights Reserved.