नई दिल्ली: केंद्रीय गृह मंत्रालय ने अलकायदा की एक इकाई अंसार बांग्ला टीम (ABT) के बांग्लादेश से भारत में प्रवेश करने और भारतीय उपमहाद्वीप में ठिकाने (Al Qaeda regional unit making base india) स्थापित करने की खुफिया जानकारी मिलने के बाद सीमा सुरक्षा एजेंसियों को भारत-बांग्लादेश सीमा पर अपनी गश्त तेज करने के लिए कहा है. गृह मंत्रालय के एक वरिष्ठ अधिकारी ने खुफिया रिपोर्ट का हवाला देते हुए सोमवार को ईटीवी भारत को बताया कि अंसार बांग्ला टीम के कई सदस्य पहले ही भारत में प्रवेश कर चुके हैं. उन्होंने यह भी बताया कि इन लोगों असम और पश्चिम बंगाल के दूरदराज के इलाकों में भोले-भाले युवाओं को प्रशिक्षित करना भी शुरू कर दिया है.
आतंकी अब्बास अली की गिरफ्तारी के बाद, असम पुलिस ने गोलपाड़ा जिले से दो इमाम अब्दुस सुब्हान और जलालुद्दीन शेख को गिरफ्तार किया. अधिकारी ने कहा कि ऐसी घटनाओं ने इस बातों को हवा दे दी है कि कुछ जिहादी सदस्य इमामों के भेष में घूम रहे हैं. ऐसे लोगों को सुरक्षा एजेंसियां एक बार में गिरफ्तार नहीं कर सकती इसलिए इनकी जिहादी गतिविधियों के पुख्ता सबूत मिलने पर उन्हें गिरफ्तार किया जा रहा है.
इसी कड़ी में पिछले चार महीनों में असम पुलिस ने भारतीय उपमहाद्वीप में अल-कायदा (AQIS) और अंसार बांग्ला टीम से कथित तौर पर संबंध रखने वाले और जिहादी स्लीपर सेल स्थापित करने के आरोप में राज्य से बांग्लादेश के 23 लोगों को गिरफ्तार किया है. खुफिया सूचना के अनुसार, स्थानीय युवाओं को प्रशिक्षित करने के लिए असम का दौरा करने वाले अंसार बांग्ला टीम के अधिकांश कार्यकर्ता भारत-बांग्लादेश सीमा से भारत में प्रवेश कर चुके हैं.
भारत और बांग्लादेश 4,096 किलोमीटर लंबी अंतरराष्ट्रीय सीमा साझा करते हैं. इसमें असम में 262 किमी, त्रिपुरा में 856 किमी, मिजोरम में 318 किमी, मेघालय में 443 किमी और पश्चिम बंगाल में 2,217 किलोमीटर की अंतरराष्ट्रीय सीमा शामिल है. एक रिपोर्ट के मुताबिक, जिहादी सदस्य खुलना, राजशाही, रंगपुर, सिलहट और चटगांव सहित बांग्लादेश के सीमावर्ती जिलों से भारत में घुसे हैं. रिपोर्ट में यह भी कहा गया है कि भारत में प्रवेश के बाद अंसार बांग्ला टीम के अधिकांश सदस्य असम में घुसे हैं.
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भारत में प्रवेश के बाद वे कुछ समय पश्चिम बंगाल में भी रहे जहां उन्होंने नकली पहचान पत्रों की व्यवस्था की. हाल ही में एनआईए के वरिष्ठ अधिकारी ने ईटीवी भारत को बताया था कि ऐसे लोगों को उनके स्थानीय संचालकों की मिलीभगत से राशन कार्ड, मतदाता पहचान पत्र जैसे जरूरी काजगात मिल जाते हैं. वहीं अंसार बांग्ला टीम के कुछ सदस्यों के उत्तर प्रदेश के देवबंद भी जाने की सूचना मिली है. बताया गया कि ये सदस्य आधुनिक तकनीक से पूरी तरह वाकिफ हैं जिससे सुरक्षा एजेंसियों को इनका पता लगाना मुश्किल हो जाता है.