भोपाल। अजमेर बम ब्लास्ट में जिन्हें बनाया था, आरोपी, वे भी संघ के पूर्व प्रचारकों की पार्टी में शामिल हो गए हैं. वे मुखर होकर कह रहे हैं कि अब वो हिंदुत्व नहीं रहा, जिसके लिए हमने प्रताड़ना झेली. हमारी पार्टी का विचार बदल गया है. ऐसे ही एक शख्स 2008 में अजमेर बम ब्लास्ट के आरोपी बनाया गया था, इन्होंने करीब 11 महीने की सजा झेली. इनका नाम चंद्रशेखर बारोट है. इन्होंने बताया कि हमें अजमेर बम ब्लास्ट में गलत ढंग से फंसाया गया था. इसके बाद 11 माह जेल में रहा, मार्च 2017 में बरी हो गया. दोबारा संघ में सक्रिय हो गया और आज भी हूं, लेकिन राजनीतिक परिदृश्य से असंतुष्ट हूं. इनके किसी भी विचार से संतुष्ट बिलकुल भी नहीं हूं.
पार्टी बनाने वालों ने बताई पीड़ा: जब चंद्रशेखर से पूछा कि आपकी नाराजगी क्या है, "तो बोले कि भाजपा से तो कोई उम्मीद थी ही नहीं, लेकिन संघ से भी जैसी उम्मीद थी, वैसे वह धरातल पर उतर नहीं पाए हैं. सबका साथ, सबका विकास ठीक है कि एक नारा है, लेकिन यह तो ध्यान रखना पड़ेगा कि किसका विकास करना है और किसका नहीं करना है." अजमेर बम ब्लास्ट में ही दूसरे आरोपी बनाए गए विष्णु पाटीदार कहते हैं कि धार्मिक भावना के मामले में अब न भाजपा और न ही संघ खरा उतर रहा है. उन्होंने ओंकारेश्वर मामले का उदाहरण देते हुए बताया कि धार्मिक, हिंदु तीर्थ को पर्यटन में बदल रहा है. सब पर्यटन में आएगा. तीर्थ और पर्यटन अलग है. तीर्थ में मन को शांति मिलती है. अब यह धार्मिक जगह रील्स बनाने की जगह बनती जा रही है. एक और स्वयंसेवक संजय बरगले ने बताया कि वे वर्ष 1995 से 2002 तक स्वयंसेवक रहे हैं. उनका कहना है कि आज हमारा स्टेट में कोई डवलपमेंट नहीं हो रहा है. परिवहन निगम को खत्म कर दिया है. कांग्रेस ने तो किया ही, भाजपा ने भी रहा सहा खत्म कर दिया. सबसे अधिक टैक्स प्रदेश की सरकार ने वसूल किया है. प्रदेश में सबसे अधिक वैट लगा रहा है.
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ओंकारेश्वर पर्वत के मामले में भारी नारागजी: इंदौर से आाई वैशाली बारोठ ने बताया कि वे "राष्ट्रसेविका समिति और सेवा भारती में काम कर चुकी हैं. अयोध्या में बाबरी मस्जिद के मामले के बाद से ही काम किया और कारसेवक बनी. उन्होंने बताया कि हिंदुत्व के लिए भाजपा के साथ काम करते थे. बीजेपी ओंकार पर्वत के लिए सुनवाई नहीं कर रही है. इसलिए नई पार्टी बनाई. उनके साथ आई रुकमिण वर्मा ने भी सेवा भारती और आरएसएस में पति के साथ किया है. वे बोली कि ठीक है सरकार है, लेकिन सुनवाई होनी चाहिए. सोचा कि एक अलग पार्टी बना लें, मिलजुलकर काम करेंगे. एक दूसरे के विचारों को समझते हैं. बातचीत में एक मत होता है." शाजापुर के दीनदयाल ने कहा कि "जबसे स्वयंसेवक बना हूं अभय के संपर्क में हूं और वे हमारे प्रचाकर थे. 2007 से आंदोलन कर रहे हैं. जिन मुद़दों से नाराज हैं, कांग्रेस की जिन नीतियों से हम नाराज थे, अब वही भाजपा में देखने को मिल रही है. झारखंड से आए रमाकांत प्रसाद जो कि विद्यार्थी परिषद के कार्यकर्ता रहे हैं ने कहा कि मैं जिला प्रमुख रहा हूं. सेवा भारती का शुरू से काम किया है. उनका कहना था कि इस समय देश और समाज की स्थिति अलग दिख रही है. सुधार की प्रक्रिया कर रहे हैं."