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अजमल के उपहास को असमिया लोगों द्वारा अपमान के रूप में लिया जाना चाहिए: मुख्यमंत्री

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Published : Jul 13, 2023, 9:08 PM IST

असम के मुख्यमंत्री हिमंत बिस्वा सरमा ने सांसद बदरुद्दीन अजमल के एक बयान पर उन्हें घेरने की कोशिश की है. बदरुद्दीन अजमल ने कहा था कि असम और मियां दोनों भाई हैं और अगर मियां नहीं होंगे तो असम कभी पूरा नहीं होगा.

Badruddin Ajmal and Himanta Biswa Sarma
बदरुद्दीन अजमल और हिमंत बिस्वा सरमा

गुवाहाटी: सांसद और ऑल इंडिया यूनाइटेड डेमोक्रेटिक फ्रंट (एआईयूडीएफ) के सुप्रीमो बदरुद्दीन अजमल के इस बयान पर कि अगर मियां नहीं होंगे तो असम कभी पूरा नहीं होगा, राज्य भर में व्यापक प्रतिक्रियाएं दर्ज हुई हैं. बुधवार को धुबरी में पत्रकारों से बात करते हुए सांसद अजमल ने कहा कि असम और “मियां” दोनों भाई हैं. अजमल ने गुरुवार को बयान दिया कि जब तक ''मियां' नहीं होगा तो असम कभी भी कभी पूरा नहीं होगी.

धुबरी सांसद के मुताबिक, अगर असम के साथ मियां नहीं होंगे तो असम पूरा नहीं होगा. मुख्यमंत्री हिमंत बिस्वा सरमा ने गुरुवार को सांसद की टिप्पणी पर प्रतिक्रिया व्यक्त की. उनका कहना है कि अजमल सही कह रहे हैं कि असम मियां के बिना पूरा नहीं है. हिमंता ने खुद इस बात को महसूस करते हुए कहा कि ईद के दिन सारी बसें गायब हो जाती हैं. उन्होंने आगे बताया कि अजमल वास्तव में अपनी टिप्पणी के माध्यम से असमिया समुदाय का मजाक उड़ा रहे हैं.

सीएम ने इस बात पर जोर देते हुए कहा कि असमिया लोग कम काम करते हैं और ''मियां'' थोड़ा ज्यादा काम करते हैं जो बिल्कुल सच है. इस पर कोई असहमति नहीं है. उन्होंने कहा कि ईद के दौरान गुवाहाटी में कोई ट्रैफिक जाम नहीं हुआ. यानि कि गुवाहाटी में मियां लोग सब्जियों का व्यापार करने से लेकर ट्रक, बस चलाने और रिक्शा खींचने तक का काम करते हैं.

उन्होंने कहा, अजमल ने जो कहा है उसे हमें देश का अपमान मानना चाहिए और असमवासियों को कार्य संस्कृति के जरिए बदला लेना चाहिए. उन्होंने कहा कि हमें इस बात से परेशान होना होगा कि अजमल भी हमारा मजाक उड़ा सकता है. ईद के दौरान बसों की कमी के कारण केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह की बैठक रद्द करनी पड़ी, उन्होंने कहा कि गुवाहाटी में चलने वाली 80 प्रतिशत बसें मियां लोगों द्वारा संचालित होती हैं जबकि ओला-उबर में 70 फीसदी ड्राइवर मियां लोग हैं.

असमिया लोगों से काम पर आने का आग्रह करते हुए उन्होंने कहा कि अगर प्रत्येक निर्वाचन क्षेत्र से 200 ड्राइवर निकलें तो गुवाहाटी को साफ किया जा सकता है. उन्होंने एक महत्वपूर्ण टिप्पणी करते हुए कहा कि हम गुवाहाटी में फ्लाईओवर के नीचे सभी सब्जी व्यापारियों के साथ व्यापार कर सकते हैं.

उन्होंने कहा कि गांव में सब्जियों की कीमत कम है लेकिन शहरी बाजार क्षेत्रों में कीमतें बढ़ाकर वे मुनाफा कमा रहे हैं. उनका कहना है कि यदि कोई असामी व्यापारी होता तो वह असामी लोगों से इतना मूल्य न वसूलता. उन्होंने यह भी कहा कि अगर असमिया लोग व्यापार करने के लिए बाहर आएंगे तो गुवाहाटी के सभी फ्लाईओवर और फुटपाथ खाली करा दिए जाएंगे.

यह कहते हुए कि असमिया लोगों को अजमल के शब्दों को अपमान के रूप में लेना चाहिए, उन्होंने कहा कि इससे बुरी बात क्या हो सकती है कि अजमल जैसे लोग भी असमिया समुदाय का अपमान कर सकते हैं. उन्होंने गांव-गांव में सुपर-10 और सुपर-30 कोचिंग क्लास खोलने का आह्वान किया और कहा कि अजमल का गुणगान करने से क्या फायदा. यह बताते हुए कि असमिया लोग अजमल जैसी अकादमियां क्यों नहीं खोल सकते, उन्होंने कहा कि अजमल स्वर्ग से प्रोफेसर नहीं लाए थे.

उन्होंने कहा कि अजमल के सभी प्रोफेसर हमारे लोग हैं, विधायकों को अपने-अपने क्षेत्र में सुपर 30 खोलना चाहिए. उन्होंने कहा कि अजीबो-गरीब टिप्पणियां करने के बजाय वे सुपर 30 क्यों नहीं खोल सकते? विधायक लक्ष्य तय कर उसे पूरा करने की इच्छाशक्ति दिखाएं तो दो साल में माहौल बदल जाएगा.

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धुबरी सांसद के मुताबिक, अगर असम के साथ मियां नहीं होंगे तो असम पूरा नहीं होगा. मुख्यमंत्री हिमंत बिस्वा सरमा ने गुरुवार को सांसद की टिप्पणी पर प्रतिक्रिया व्यक्त की. उनका कहना है कि अजमल सही कह रहे हैं कि असम मियां के बिना पूरा नहीं है. हिमंता ने खुद इस बात को महसूस करते हुए कहा कि ईद के दिन सारी बसें गायब हो जाती हैं. उन्होंने आगे बताया कि अजमल वास्तव में अपनी टिप्पणी के माध्यम से असमिया समुदाय का मजाक उड़ा रहे हैं.

सीएम ने इस बात पर जोर देते हुए कहा कि असमिया लोग कम काम करते हैं और ''मियां'' थोड़ा ज्यादा काम करते हैं जो बिल्कुल सच है. इस पर कोई असहमति नहीं है. उन्होंने कहा कि ईद के दौरान गुवाहाटी में कोई ट्रैफिक जाम नहीं हुआ. यानि कि गुवाहाटी में मियां लोग सब्जियों का व्यापार करने से लेकर ट्रक, बस चलाने और रिक्शा खींचने तक का काम करते हैं.

उन्होंने कहा, अजमल ने जो कहा है उसे हमें देश का अपमान मानना चाहिए और असमवासियों को कार्य संस्कृति के जरिए बदला लेना चाहिए. उन्होंने कहा कि हमें इस बात से परेशान होना होगा कि अजमल भी हमारा मजाक उड़ा सकता है. ईद के दौरान बसों की कमी के कारण केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह की बैठक रद्द करनी पड़ी, उन्होंने कहा कि गुवाहाटी में चलने वाली 80 प्रतिशत बसें मियां लोगों द्वारा संचालित होती हैं जबकि ओला-उबर में 70 फीसदी ड्राइवर मियां लोग हैं.

असमिया लोगों से काम पर आने का आग्रह करते हुए उन्होंने कहा कि अगर प्रत्येक निर्वाचन क्षेत्र से 200 ड्राइवर निकलें तो गुवाहाटी को साफ किया जा सकता है. उन्होंने एक महत्वपूर्ण टिप्पणी करते हुए कहा कि हम गुवाहाटी में फ्लाईओवर के नीचे सभी सब्जी व्यापारियों के साथ व्यापार कर सकते हैं.

उन्होंने कहा कि गांव में सब्जियों की कीमत कम है लेकिन शहरी बाजार क्षेत्रों में कीमतें बढ़ाकर वे मुनाफा कमा रहे हैं. उनका कहना है कि यदि कोई असामी व्यापारी होता तो वह असामी लोगों से इतना मूल्य न वसूलता. उन्होंने यह भी कहा कि अगर असमिया लोग व्यापार करने के लिए बाहर आएंगे तो गुवाहाटी के सभी फ्लाईओवर और फुटपाथ खाली करा दिए जाएंगे.

यह कहते हुए कि असमिया लोगों को अजमल के शब्दों को अपमान के रूप में लेना चाहिए, उन्होंने कहा कि इससे बुरी बात क्या हो सकती है कि अजमल जैसे लोग भी असमिया समुदाय का अपमान कर सकते हैं. उन्होंने गांव-गांव में सुपर-10 और सुपर-30 कोचिंग क्लास खोलने का आह्वान किया और कहा कि अजमल का गुणगान करने से क्या फायदा. यह बताते हुए कि असमिया लोग अजमल जैसी अकादमियां क्यों नहीं खोल सकते, उन्होंने कहा कि अजमल स्वर्ग से प्रोफेसर नहीं लाए थे.

उन्होंने कहा कि अजमल के सभी प्रोफेसर हमारे लोग हैं, विधायकों को अपने-अपने क्षेत्र में सुपर 30 खोलना चाहिए. उन्होंने कहा कि अजीबो-गरीब टिप्पणियां करने के बजाय वे सुपर 30 क्यों नहीं खोल सकते? विधायक लक्ष्य तय कर उसे पूरा करने की इच्छाशक्ति दिखाएं तो दो साल में माहौल बदल जाएगा.

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