नई दिल्ली : नागरिक उड्डयन महानिदेशालय (DGCA) ने अपनी नागरिक उड्डयन आवश्यकता (CAR) में संशोधन किया है. ये संशोधन उन यात्रियों के लिए है, जो फ्लाइटों के कैंसिल होने, फ्लाइटों में देरी आदि के कारण बोर्डिंग नहीं कर पाते हैं. सीएआर के संशोधन से उन यात्रियों को एयरलाइंस की तरफ से भरपाई होगी, जिन्हें अनैच्छिक रूप से डाउनग्रेड किये गये हों यानी जिस श्रेणी के लिए टिकट खरीदा गया है, उससे कम श्रेणी में ले उन्हें सीट मिली हो.
जानकारी के मुताबिक, एयरलाइंस कंपनियों को अब से घरेलू उड़ानों की टिकट निचली श्रेणी में यानी 'डाउनग्रेड' करने (Airlines Ticket Downgrades) पर प्रभावित यात्री को टिकट की कीमत का 75 प्रतिशत वापस लौटाना होगा. नागर विमानन महानिदेशालय (डीजीसीए) ने यह आदेश दिया है. अंतरराष्ट्रीय उड़ानों की टिकट की श्रेणी कम किए जाने पर विमान द्वारा तय की गई दूरी के आधार पर टिकट कीमत के 30 प्रतिशत से 75 प्रतिशत तक (कर सहित) भरपाई की जाएगी.
गौरतलब है कि घरेलू क्षेत्र की उड़ानों के यात्रियों को कर सहित टिकट की कीमत की 75 प्रतिशत भरपाई होगी. वहीं, अंतरराष्ट्रीय क्षेत्र की फ्लाइटों में 1500 किमी या उससे कम के लिए कर सहित टिकट की कीमत का 30 प्रतिशत; 1500 किमी से 3500 किमी के बीच उड़ानों में कर सहित टिकट की कीमत का 50 प्रतिशत; 3500 किमी से अधिक की उड़ानों में कर सहित टिकट की कीमत का 75 प्रतिशत तक भरपाई की जाएगी.
डीजीसीए के एक वरिष्ठ अधिकारी ने बुधवार को कहा कि नए नियम 15 फरवरी से प्रभावी होंगे. डीजीसीए को हवाई यात्रियों से इस तरह की शिकायतें मिल रही थीं कि एयरलाइंस उनके द्वारा बुक कराए गए टिकट की श्रेणी में बदलाव कर देती हैं. डीजीसीए ने पिछले साल दिसंबर में प्रस्ताव दिया था कि एयरलाइन कंपनियों को ऐसी टिकटों की कर समेत पूरी कीमत लौटानी चाहिए और प्रभावित यात्री को अगली उपलब्ध श्रेणी में नि:शुल्क यात्रा करानी चाहिए. अधिकारी ने कहा कि हालांकि इन प्रस्तावों को अंतरराष्ट्रीय नियमों के हिसाब से संशोधित कर दिया गया है.
(इनपुट-एजेंसी)