नई दिल्ली : दिल्ली की एक अदालत ने एयरसेल-मैक्सिस मामले में सीबीआई और ईडी द्वारा पूर्व केंद्रीय मंत्री पी चिदंबरम और उनके बेटे कार्ति के खिलाफ दायर आरोप पत्र पर शनिवार को संज्ञान लिया और उन्हें 20 दिसंबर को तलब किया.
विशेष न्यायाधीश एम. के.नागपाल ने इस बात पर गौर करते हुए आदेश पारित किया कि केंद्रीय अन्वेषण ब्यूरो (सीबीआई) और प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) द्वारा दर्ज भ्रष्टाचार और धन शोधन के मामलों में चिदंबरम और अन्य आरोपियों को समन भेजे जाने के लिए पर्याप्त सबूत हैं.
सीबीआई और ईडी ने अदालत को सूचित किया कि ब्रिटेन और सिंगापुर को जांच से जुड़ी और सूचना प्राप्त करने के वास्ते अनुरोध पत्र भेजे गये हैं और इस संबंध में कुछ प्रगति हुई है.
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अदालत में ईडी का प्रतिनिधित्व विशेष लोक अभियोजक एन.के. मट्टा ने किया जबकि सीबीआई के लिए अधिवक्ता नूर रामपाल पेश हुए. यह मामला एयरसेल-मैक्सिस समझौते के लिए विदेशी निवेश संवर्धन बोर्ड (एफआईपीबी) द्वारा दी गई मंजूरी में कथित अनियमितता से जुडा है. इस समझौते को वर्ष 2006 में मंजूरी दी गई थी, तब चिदंबरम केंद्रीय वित्त मंत्री थे.
सीबीआई और ईडी ने आरोप लगाया है कि वित्त मंत्री रहते हुए चिदंबरम ने समझौते को अपने अधिकार क्षेत्र से परे जाकर मंजूरी दी जिससे कुछ लोगों को लाभ हुआ.
(एजेंसी इनपुट)