बेंगलुरु: कर्नाटक के मदिकेरी जिले के एक स्कूल परिसर में एक शिविर का आयोजन हुआ, जो तकरीबन एक हफ्ते तक चला. इस शिविर में 100 से ज्यादा प्रतिभागियों ने एयर गन चलाने की ट्रेनिंग ली. इस ट्रेनिंग के खिलाफ पॉपुलर फ्रंट ऑफ इंडिया (पीएफआई) ने शिकायत दर्ज कराई है. इसकी जानकारी पुलिस ने मंगलवार को दी. पीएफआई के सदस्य इब्राहीम ने शिकायत दर्ज कराई है और मामले की जांच की मांग की है.
शिकायत में कहा गया है कि यह शिविर पोन्नमपेट शहर में स्थित एक स्कूल के मैदान में आयोजित किया गया और एयर गन की ट्रेनिंग भी इसी स्कूल के मैदान पर दी गई. पुलिस ने मामले की जांच शुरू कर दी है और शिक्षा विभाग से रिपोर्ट मांगी है कि क्या इस तरह की ट्रेनिंग के लिए स्कूल के मैदान का इस्तेमाल करना सही है.
इस मामले को लेकर खूब विवाद हो रहा है. सत्तारूढ़ बीजेपी और विपक्षी दलों के बीच राजनीतिक तनातनी शुरू हो गई है. मुख्यमंत्री बसवराज बोम्मई ने भरोसा दिलाते हुए कहा कि उनकी सरकार अवैध रूप से कुछ भी नहीं होने देगी. वहीं, राष्ट्रीय महासचिव और भाजपा विधायक सी.टी. रवि ने दावा किया कि शिविर 'आत्मरक्षा' की ट्रेनिंग का एक हिस्सा था. उन्हें एके-47 और बम इस्तेमाल करने का प्रशिक्षण नहीं दिया गया था. बजरंग दल हर साल अपने कार्यकतार्ओं को 'आत्मरक्षा' के लिए ट्रेनिंग देता आया है.
श्री राम सेना के संस्थापक प्रमोद मुतालिक ने कहा कि 'आत्मरक्षा' के लिए ट्रेनिंग देने में कुछ भी गलत नहीं है. आपको बता दें कि प्रशिक्षण शिविर 5 से 11 मई तक आयोजित किया गया था. बजरंग दल का कहना है कि इसने कानून और आर्म्स एक्ट का उल्लंघन नहीं किया है. एयर गन और ट्राइडेंट आर्म्स एक्ट के दायरे में नहीं आते हैं. कर्नाटक कांग्रेस ने स्कूल परिसर में युवा छात्रों को हथियार चलाने की ट्रेनिंग देने के लिए बजरंग दल के नेताओं की गिरफ्तारी की मांग की है.
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विपक्षी दल के नेता सिद्धारमैया ने कहा था कि मदिकेरी में युवा छात्रों को हथियार प्रशिक्षण देकर, बजरंग दल ने हमारे देश के कानून को चुनौती दी है. क्या हमारे पास कर्नाटक में गृह मंत्री या शिक्षा मंत्री हैं? क्या सरकार जाग रही है? विपक्षी दलों ने मांग की, कि बजरंग दल को अवैध गतिविधियों को आयोजित करने की अनुमति देने के लिए शिक्षा मंत्री बीसी नागेश को स्कूल अधिकारियों के खिलाफ कार्रवाई करनी चाहिए.
(आईएएनएस)