नालंदा: बिहार के नालंदा में बिहार शरीफ पहुंचे एआईएमआईएम के प्रदेश अध्यक्ष अख्तरुल इमान को प्रशासन ने रास्ते में रोक (Akhtarul Iman stopped from going to Biharsharif) दिया. इसके बाद अख्तरुल ईमान और प्रशासनिक पदाधिकारियों के बीच काफी कहासुनी हुई. फिर उन्हें बैरंग वापस लौटना पड़ा. इस दौरान अख्तरुल इमान मुख्यमंत्री नीतीश कुमार काफी बिफरे और उन्होंने आरोप लगाया कि सीएम के इशारे पर ही उन्हें निशाना बनाया जा रहा है. क्योंकि बिहारशरीफ की सच्चाई पर उन्होंने अपना मुंह खोला था.
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नीतीश सरकार पर एआईएमआईएम का हमलाः सरकार पर हमला बोलते हुए अख्तरूल ईमान ने नालंदा की घटना को प्रशासन की नाकामी बताया और यह भी आरोप लगाया कि सभी नेताओं के लिए छूट है, लेकिन एआईएमआईएम नेताओं को यहां आने से रोका जा रहा है. इससे पहले दूसरे दल के नेताओं को नहीं रोका जाना सरकार की मानसिकता को दर्शाती है. जिनके साथ गलत हुआ है जो भी नुकसान हुआ उनसे मिलकर सदन में आवाज उठाता. इसलिए मुझे जाने ही नहीं दिया गया. अब मैं वापस जा रहा हूं पटना नीतीश कुमार के आवास पर जाकर धरना दूंगा.
'मुझे बार-बार आने से रोका गया': अख्तरूल ईमान ने कहा कि यहां के लोगों का मेरे पास फोन गया कि आपलोगों को आना चाहिए. मैंने चाहा कि यहां आकर यहां की जानकारी लेकर चलती एसेंबली में ही मामले को उठाउं. इसके बाद मैं 3 तारीख को आना चाहता था. मैंने डीएम से बात की तो उन्होंने मुझे आने से मना कर दिया. उन्होंने कहा कि दो चार दिन के बाद आइये. इसके बाद यहां सौहार्द्र यात्रा निकाली गई और दूसरे पार्टी के लोग भी उसमें पहुंचे. इसके बाद फिर चार को कुछ लोग आए, तो मैंने डीएम को फिर फोन किया कि आपने मुझे आने से मना कर दिया. लेकिन दूसरी पार्टी के लोग तो आ रहे हैं. इस पर डीएम ने कहा कि वोलोग मुझसे मिलने आए थे.
किसी पार्टी को आने से नहीं रोकाः एआईएमआईएम प्रदेश अध्यक्ष ने कहा कि इस पर मैंने भी डीएम से कहा कि मैं भी आपसे ही मिलने आता. तब जाकर आज मैं यहां आया, तो मुझे रोक दिया गया है. यहां तैनात एसडीओ ने कहा कि धारा 144 लगी हुई है. मैंने यहां तक कहा कि मैं आपके मजिस्ट्रेट के सामने लोगों से मिलुंगा. डीएम से मिलुंगा लेकिन ये लोग नहीं माने. यहां कांग्रेस के लोग आए, माले के लोग आए, भाजपा के लोग आए, लेकिन मुझे नहीं जाने दिया जा रहा है. इसका मतलब तो यही है कि दूसरे पार्टी के लोगों के आने में मनाही नहीं है, लेकिन एआईएमआईएम के नेता अगर आना चाहे तो उनके लिए अलग नियम है.
एआईएमआईएम के लिए सरकार का अलग नियमः अख्तरूल ईमान ने कहा कि यह दो तरह का नियम नहीं चलेगा. इसका अर्थ तो यही है कि यह काम सरकार के इशारे पर हो रहा है. हमलोगों को यहां पर खड़ा रखा गया है. क्या सच्चाई है, यह जानने के लिए नहीं दिया जा रहा है. हमलोग नीतीश कुमार के यहां धरना पर बैठेंगे. जहां तक नालंदा में हुई घटना की बात है, तो इसके पीछे दो ही कारण है. एक तो फिरकापरस्तों ने शहर की मर्यादाओं को खत्म किया और दूसरा नीतीश कुमार की सरकार इस फसाद को रोकने में नाकाम रही.
"यहां कांग्रेस के लोग आए, माले के लोग आए, भाजपा के लोग आए, लेकिन मुझे नहीं जाने दिया जा रहा है. इसका मतलब तो यही है कि दूसरे पार्टी के लोगों के आने में मनाही नहीं है, लेकिन एआईएमआईएम के नेता अगर आना चाहे तो उनके लिए अलग नियम है. मैं 3 तारीख को आना चाहता था. मैंने डीएम से बात की तो उन्होंने मुझे आने से मना कर दिया. उन्होंने कहा कि दो चार दिन के बाद आइये. इसके बाद यहां सौहार्द्र यात्रा निकाली गई और दूसरे पार्टी के लोग भी उसमें पहुंचे" -अख्तरुल इमान, AIMIM, बिहार.