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एआईएमआईएम सौ सीटों पर लड़ेगी यूपी में चुनाव, राजनीतिक गलियारों में सुगबुगाहट

ऑल इंडिया मजलिस-ए-इत्तेहादुल मुस्लिमीन के अध्यक्ष असदुद्दीन ओवैसी ने ट्वीट करते हुए कहा है कि उनकी पार्टी उत्तर प्रदेश विधानसभा में 100 सीटों पर अपने उम्मीदवार उतारेगी. ऐसे में आइए जानते हैं पिछले चुनावों में किस पार्टी को नुकसान पहुंचाया था.

ओवैसी
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Published : Jun 27, 2021, 7:03 PM IST

Updated : Jun 28, 2021, 2:33 PM IST

हैदराबाद : बिहार विधानसभा चुनाव में बेहतर प्रदर्शन करने के बाद एआईएमआईएम ने उत्तर प्रदेश में साल 2022 में होने वाले विधानसभा चुनाव में 100 सीटों पर चुनाव लड़ने की रविवार को घोषणा की.

ऑल इंडिया मजलिस-ए-इत्तेहादुल मुस्लिमीन (एआईएमआईएम) के अध्यक्ष असदुद्दीन ओवैसी ने कहा कि वे लोग ओम प्रकाश राजभर की अगुवाई वाली सुहेलदेव भारतीय समाज पार्टी एवं छोटी पार्टियों के गठबंधन भागीदारी संकल्प मोर्चा के साथ मिल कर उत्तर प्रदेश विधानसभा का चुनाव लड़ेंगे. इसके पहले भी ओवैसी की पार्टी ने गुजरात, बंगाल और बिहार में चुनाव लड़ा था. ओवैसी ने बंगाल में सात सीटों पर और बिहार में बीस सीटों और गुजरात नगर निकाय चुनावों में 12 सीटों पर चुनाव लड़ा था.

हैदराबाद के सांसद ने हिंदी में ट्वीट कर घोषणा की कि उनकी पार्टी उत्तर प्रदेश विधानसभा चुनाव लड़ेगी. ओवैसी आम तौर पर अंग्रेजी में सोशल मीडिया पर संदेश देते हैं.

ओवैसी ने ट्वीट किया, 'उत्तर प्रदेश विधानसभा के संबंध में हमने 100 सीटों पर अपने उम्मीदवार उतारने का फैसला किया है. पार्टी ने उम्मीदवारों को चुनने की प्रक्रिया शुरू कर दी है और हमने उम्मीदवार आवेदन पत्र भी जारी कर दिया है.'

एक अन्य ट्वीट में उन्होंने कहा, 'हम ओपी राजभर साहब 'भागीदारी संकल्प मोर्चा' के साथ हैं. हमारी और किसी पार्टी से चुनाव या गठबंधन के सिलसिले में कोई बात नहीं हुई है. गौरतलब है कि उत्तर प्रदेश में अगले साल 2022 में विधानसभा चुनाव होने हैं.

पढ़ें- मुसलमानों से नहीं बल्कि दलितों-आदिवासियों की वजह से बढ़ रही आबादी : सपा विधायक

बंगाल में ओवैसी ने सात सीटों पर उम्मीदवार उतारा था

पश्चिम बंगाल विधानसभा चुनाव में ओवैसी ने सात मुस्लिम बहुल सीटों पर अपने उम्मीदवार उतारे थे. इन उम्मीदवारों ने 10 अप्रैल को होने वाले चौथे चरण के चुनाव में अपनी किस्मत आजमाया था, लेकिन एक भी सीट नहीं जीत पाई. ओवैसी के चुनाव लड़ने के फैसले पर कहा जा रहा है कि एआईएमआईएम, टीएमसी की वोट में सेंध लगा सकती है. दरअसल बंगाल में मुस्लिम वोटर्स की संख्या लगभग 30 फीसदी है और ऐसे में इनकी भूमिका अहम हो जाती है. बिहार में पांच सीटों पर एआईएमआईएम ने जीत दर्ज की थी.

गुजरात नगर निगम चुनावों में भी पार्टी को मिली सफलता

गुजरात नगर निगम चुनावों में भी एआईएमआईएम को सफलता हासिल हुई थी. इससे पहले गुजरात नगर निगम के चुनाव में अहमदाबाद में पार्टी सात सीटें जीतने में सफल रही थी. बताया जा रहा है कि गोधरा में ओवैसी की पार्टी ने कुल 44 में से आठ नगर पालिका सीटों पर अपने उम्‍मीदवार उतारे थे, जिसमें आठ में से सात सीटों पर वह विजयी हुई है. इसके अलावा भरूच में पार्टी आठ सीटों पर लड़ी थी, जिसमें से एक पर सफलता मिल चुकी है.

बिहार में औवैसी को मिली पांच सीटें

ओवैसी की एआईएमआईएम ने बिहार विधानसभा के तीसरे चरण के चुनाव में सीमांचल क्षेत्र में राजद नीत महागठबंधन के वोटों को भारी संख्या में प्रभावित किया. बिहार में 5 सीटें पर ओवैसी की पार्टी AIMIM के उम्मीदवार ने जीत हासिल की. ओवैसी की पार्टी बिहार में 20 सीटों पर चुनाव लड़ी, इनमें से ज्यादातर पर सात नवंबर को मतदान हुआ था. इस गठबंधन में उपेंद्र कुशवाहा की राष्ट्रीय लोक समता पार्टी और बहुजन समाज पार्टी भी शामिल है.

हैदराबाद : बिहार विधानसभा चुनाव में बेहतर प्रदर्शन करने के बाद एआईएमआईएम ने उत्तर प्रदेश में साल 2022 में होने वाले विधानसभा चुनाव में 100 सीटों पर चुनाव लड़ने की रविवार को घोषणा की.

ऑल इंडिया मजलिस-ए-इत्तेहादुल मुस्लिमीन (एआईएमआईएम) के अध्यक्ष असदुद्दीन ओवैसी ने कहा कि वे लोग ओम प्रकाश राजभर की अगुवाई वाली सुहेलदेव भारतीय समाज पार्टी एवं छोटी पार्टियों के गठबंधन भागीदारी संकल्प मोर्चा के साथ मिल कर उत्तर प्रदेश विधानसभा का चुनाव लड़ेंगे. इसके पहले भी ओवैसी की पार्टी ने गुजरात, बंगाल और बिहार में चुनाव लड़ा था. ओवैसी ने बंगाल में सात सीटों पर और बिहार में बीस सीटों और गुजरात नगर निकाय चुनावों में 12 सीटों पर चुनाव लड़ा था.

हैदराबाद के सांसद ने हिंदी में ट्वीट कर घोषणा की कि उनकी पार्टी उत्तर प्रदेश विधानसभा चुनाव लड़ेगी. ओवैसी आम तौर पर अंग्रेजी में सोशल मीडिया पर संदेश देते हैं.

ओवैसी ने ट्वीट किया, 'उत्तर प्रदेश विधानसभा के संबंध में हमने 100 सीटों पर अपने उम्मीदवार उतारने का फैसला किया है. पार्टी ने उम्मीदवारों को चुनने की प्रक्रिया शुरू कर दी है और हमने उम्मीदवार आवेदन पत्र भी जारी कर दिया है.'

एक अन्य ट्वीट में उन्होंने कहा, 'हम ओपी राजभर साहब 'भागीदारी संकल्प मोर्चा' के साथ हैं. हमारी और किसी पार्टी से चुनाव या गठबंधन के सिलसिले में कोई बात नहीं हुई है. गौरतलब है कि उत्तर प्रदेश में अगले साल 2022 में विधानसभा चुनाव होने हैं.

पढ़ें- मुसलमानों से नहीं बल्कि दलितों-आदिवासियों की वजह से बढ़ रही आबादी : सपा विधायक

बंगाल में ओवैसी ने सात सीटों पर उम्मीदवार उतारा था

पश्चिम बंगाल विधानसभा चुनाव में ओवैसी ने सात मुस्लिम बहुल सीटों पर अपने उम्मीदवार उतारे थे. इन उम्मीदवारों ने 10 अप्रैल को होने वाले चौथे चरण के चुनाव में अपनी किस्मत आजमाया था, लेकिन एक भी सीट नहीं जीत पाई. ओवैसी के चुनाव लड़ने के फैसले पर कहा जा रहा है कि एआईएमआईएम, टीएमसी की वोट में सेंध लगा सकती है. दरअसल बंगाल में मुस्लिम वोटर्स की संख्या लगभग 30 फीसदी है और ऐसे में इनकी भूमिका अहम हो जाती है. बिहार में पांच सीटों पर एआईएमआईएम ने जीत दर्ज की थी.

गुजरात नगर निगम चुनावों में भी पार्टी को मिली सफलता

गुजरात नगर निगम चुनावों में भी एआईएमआईएम को सफलता हासिल हुई थी. इससे पहले गुजरात नगर निगम के चुनाव में अहमदाबाद में पार्टी सात सीटें जीतने में सफल रही थी. बताया जा रहा है कि गोधरा में ओवैसी की पार्टी ने कुल 44 में से आठ नगर पालिका सीटों पर अपने उम्‍मीदवार उतारे थे, जिसमें आठ में से सात सीटों पर वह विजयी हुई है. इसके अलावा भरूच में पार्टी आठ सीटों पर लड़ी थी, जिसमें से एक पर सफलता मिल चुकी है.

बिहार में औवैसी को मिली पांच सीटें

ओवैसी की एआईएमआईएम ने बिहार विधानसभा के तीसरे चरण के चुनाव में सीमांचल क्षेत्र में राजद नीत महागठबंधन के वोटों को भारी संख्या में प्रभावित किया. बिहार में 5 सीटें पर ओवैसी की पार्टी AIMIM के उम्मीदवार ने जीत हासिल की. ओवैसी की पार्टी बिहार में 20 सीटों पर चुनाव लड़ी, इनमें से ज्यादातर पर सात नवंबर को मतदान हुआ था. इस गठबंधन में उपेंद्र कुशवाहा की राष्ट्रीय लोक समता पार्टी और बहुजन समाज पार्टी भी शामिल है.

Last Updated : Jun 28, 2021, 2:33 PM IST
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