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एआईसीसी के झारखंड प्रभारी अविनाश पांडे ने कांग्रेस मंत्रियों को अपने तरीके सुधारने की चेतावनी दी

झारखंड की गठबंधन सरकार में शामिल कांग्रेस के शामिल चार मंत्रियों को पार्टी ने अपने तरीके सुधारने की नसीहत दी है. पार्टी की राज्य की लोकसभा सीटों की समीक्षा के दौरान इन मंत्रियों से कार्यकर्ताओं की अनदेखी नहीं करने के लिए कहा गया. पढ़िए ईटीवी भारत के वरिष्ठ संवाददाता अमित अग्नहोत्री की रिपोर्ट...

Congress ministers warned to mend their ways
कांग्रेस मंत्रियों को अपने तरीके सुधारने की चेतावनी दी
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Published : Aug 17, 2023, 6:45 PM IST

नई दिल्ली : कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष राहुल गांधी (Former Congress chief Rahul Gandhi) ने झारखंड गठबंधन सरकार में पार्टी के चार मंत्रियों से चुनावी वर्ष में कार्यकर्ताओं की अनदेखी नहीं करने और उनकी शिकायतों को प्राथमिकता के आधार पर दूर करने को कहा है. पार्टी के अंदरूनी सूत्रों के अनुसार, राहुल को चार मंत्रियों के आचरण पर कार्यकर्ताओं से नकारात्मक प्रतिक्रिया मिल रही थी. इसी को देखते हुए बुधवार को आदिवासी राज्य की 14 लोकसभा सीटों की समीक्षा के दौरान इन्हें चेतावनी भी जारी की गई.

बता दें कि 2024 में लोकसभा चुनाव के बाद झारखंड में विधानसभा चुनाव होंगे. इसी क्रम में झारखंड के एआईसीसी प्रभारी अविनाश पांडे ने चारों कांग्रेस मंत्रियों से अलग-अलग बात करने के साथ ही बताया कि अगर उन्होंने अपने तरीके नहीं सुधारते हैं तो उन्हें बदला जा सकता है. बता दें कि झारखंड में झामुमो के मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन राज्य में गठबंधन सरकार का नेतृत्व कर रहे हैं जिसमें कांग्रेस और राजद भागीदार हैं. वहीं कांग्रेस की ओर से रामेश्वर ओरांव वित्त मंत्री हैं, आलमगीर आलम ग्रामीण विकास मंत्री हैं जबकि बन्ना गुप्ता स्वास्थ्य मंत्री और बादल पत्रलेख कृषि मंत्री हैं. 81 सदस्यीय झारखंड विधानसभा में सत्तारूढ़ गठबंधन के पास 47 विधायक हैं, जिनमें झामुमो-30, कांग्रेस-18 और राजद-1 के विधायक हैं.

कांग्रेस प्रबंधकों ने पिछले साल राष्ट्रपति चुनाव के दौरान झारखंड में देखा था कि पार्टी के द्वारा संयुक्त विपक्ष के उम्मीदवार यशवंत सिन्हा के वोट देने के लिए कहे जाने के बाद भी कांग्रेस के 18 विधायकों में से 9 विधायकों ने 18 जुलाई को एनडीए के राष्ट्रपति पद की उम्मीदवार द्रौपदी मुर्मू के पक्ष में मतदान किया था. इसके बाद कई विधायक सोनिया गांधी के लिए ईडी के समन के खिलाफ विरोध प्रदर्शन में भी शामिल नहीं हुए थे, जिससे एआईसीसी प्रभारी अविनाश पांडे को खामियों की जांच का आदेश देना पड़ा था. इसके अलावा, पश्चिम बंगाल पुलिस द्वारा तीन विधायकों जामताड़ा से इरफान अंसारी, खिजरी से राजेश कच्छप और कोलेबिरा से नमन बिक्सल कोंगारी की भारी नकदी के साथ गिरफ्तारी ने पार्टी प्रबंधकों को पूरी राज्य इकाई की समीक्षा करने के लिए मजबूर कर दिया था.

हालांकि बाद में, पार्टी की जांच से पता चला कि हिरासत में लिए गए विधायक कुछ समय से पांच अन्य सहयोगियों के संपर्क में थे. कांग्रेस ने तब भाजपा पर इस मामले में गंदी चाल चलने का आरोप लगाया था और विधानसभा अध्यक्ष से तीनों विधायकों को अयोग्य घोषित करने का आग्रह किया था. फलस्वरूप एआईसीसी को उन चार मंत्रियों के प्रदर्शन की समीक्षा करने के लिए विवश होना पड़ा था. इन पर राज्य में कांग्रेस के हितों को आगे नहीं बढ़ाने का भी आरोप लगाया गया था. हालांकि पार्टी ने पिछले महीने तीनों विधायकों का निलंबन रद्द कर दिया था. साथ ही राज्य से संबंधित एक पूर्व केंद्रीय मंत्री ने पार्टी के चार मंत्रियों के आचरण के बारे में एआईसीसी से शिकायत की थी कि वे 2024 में लोकसभा और विधानसभा चुनावों से पहले सत्ता विरोधी लहर में भाग ले रहे हैं.

इस बारे में एआईसीसी के झारखंड प्रभारी अविनाश पांडे ने बताया कि हम जल्द ही सभी जिलों में एक कार्यक्रम शुरू करेंगे ताकि यह सुनिश्चित किया जा सके कि हमारे मंत्रियों और राज्य सरकार से पार्टी कार्यकर्ताओं की उम्मीदें पूरी हों. उन्होंने कहा कि श्रमिकों को सरकारी योजनाओं का लाभ उठाने और उन्हें आर्थिक रूप से मदद करने के लिए एक विशेष जन सुनवाई का आयोजना किया जाएगा. इससे संगठन मजबूत होगा और हम सरकार की योजनाओं का भी प्रचार करेंगे. पांडे के मुताबिक, पार्टी राज्य की सभी 14 लोकसभा सीटों पर पार्टी को मजबूत करेगी और अगले साल बीजेपी को हराने के लिए गठबंधन सहयोगियों के साथ मिलकर काम करेगी.

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बता दें कि 2024 में लोकसभा चुनाव के बाद झारखंड में विधानसभा चुनाव होंगे. इसी क्रम में झारखंड के एआईसीसी प्रभारी अविनाश पांडे ने चारों कांग्रेस मंत्रियों से अलग-अलग बात करने के साथ ही बताया कि अगर उन्होंने अपने तरीके नहीं सुधारते हैं तो उन्हें बदला जा सकता है. बता दें कि झारखंड में झामुमो के मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन राज्य में गठबंधन सरकार का नेतृत्व कर रहे हैं जिसमें कांग्रेस और राजद भागीदार हैं. वहीं कांग्रेस की ओर से रामेश्वर ओरांव वित्त मंत्री हैं, आलमगीर आलम ग्रामीण विकास मंत्री हैं जबकि बन्ना गुप्ता स्वास्थ्य मंत्री और बादल पत्रलेख कृषि मंत्री हैं. 81 सदस्यीय झारखंड विधानसभा में सत्तारूढ़ गठबंधन के पास 47 विधायक हैं, जिनमें झामुमो-30, कांग्रेस-18 और राजद-1 के विधायक हैं.

कांग्रेस प्रबंधकों ने पिछले साल राष्ट्रपति चुनाव के दौरान झारखंड में देखा था कि पार्टी के द्वारा संयुक्त विपक्ष के उम्मीदवार यशवंत सिन्हा के वोट देने के लिए कहे जाने के बाद भी कांग्रेस के 18 विधायकों में से 9 विधायकों ने 18 जुलाई को एनडीए के राष्ट्रपति पद की उम्मीदवार द्रौपदी मुर्मू के पक्ष में मतदान किया था. इसके बाद कई विधायक सोनिया गांधी के लिए ईडी के समन के खिलाफ विरोध प्रदर्शन में भी शामिल नहीं हुए थे, जिससे एआईसीसी प्रभारी अविनाश पांडे को खामियों की जांच का आदेश देना पड़ा था. इसके अलावा, पश्चिम बंगाल पुलिस द्वारा तीन विधायकों जामताड़ा से इरफान अंसारी, खिजरी से राजेश कच्छप और कोलेबिरा से नमन बिक्सल कोंगारी की भारी नकदी के साथ गिरफ्तारी ने पार्टी प्रबंधकों को पूरी राज्य इकाई की समीक्षा करने के लिए मजबूर कर दिया था.

हालांकि बाद में, पार्टी की जांच से पता चला कि हिरासत में लिए गए विधायक कुछ समय से पांच अन्य सहयोगियों के संपर्क में थे. कांग्रेस ने तब भाजपा पर इस मामले में गंदी चाल चलने का आरोप लगाया था और विधानसभा अध्यक्ष से तीनों विधायकों को अयोग्य घोषित करने का आग्रह किया था. फलस्वरूप एआईसीसी को उन चार मंत्रियों के प्रदर्शन की समीक्षा करने के लिए विवश होना पड़ा था. इन पर राज्य में कांग्रेस के हितों को आगे नहीं बढ़ाने का भी आरोप लगाया गया था. हालांकि पार्टी ने पिछले महीने तीनों विधायकों का निलंबन रद्द कर दिया था. साथ ही राज्य से संबंधित एक पूर्व केंद्रीय मंत्री ने पार्टी के चार मंत्रियों के आचरण के बारे में एआईसीसी से शिकायत की थी कि वे 2024 में लोकसभा और विधानसभा चुनावों से पहले सत्ता विरोधी लहर में भाग ले रहे हैं.

इस बारे में एआईसीसी के झारखंड प्रभारी अविनाश पांडे ने बताया कि हम जल्द ही सभी जिलों में एक कार्यक्रम शुरू करेंगे ताकि यह सुनिश्चित किया जा सके कि हमारे मंत्रियों और राज्य सरकार से पार्टी कार्यकर्ताओं की उम्मीदें पूरी हों. उन्होंने कहा कि श्रमिकों को सरकारी योजनाओं का लाभ उठाने और उन्हें आर्थिक रूप से मदद करने के लिए एक विशेष जन सुनवाई का आयोजना किया जाएगा. इससे संगठन मजबूत होगा और हम सरकार की योजनाओं का भी प्रचार करेंगे. पांडे के मुताबिक, पार्टी राज्य की सभी 14 लोकसभा सीटों पर पार्टी को मजबूत करेगी और अगले साल बीजेपी को हराने के लिए गठबंधन सहयोगियों के साथ मिलकर काम करेगी.

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