चेन्नई : अन्नाद्रमुक के शीर्ष नेता ओ पन्नीरसेल्वम ने रविवार को प्रधानमंत्री से सभी पेशेवर और अन्य पाठ्यक्रमों के लिये राष्ट्रीय पात्रता सह प्रवेश परीक्षा व ऐसी अन्य परीक्षाओं को खत्म करने का अनुरोध किया.
एक दिन पहले मुख्यमंत्री एम के स्टालिन ने मोदी से नीट जैसी राष्ट्रीय स्तर की सभी परीक्षाओं को खत्म करके तमिलनाडु को एमबीबीएस समेत पेशेवर पाठ्यक्रमों की सीटें 12वीं कक्षा के अंकों के आधार पर भरने की अनुमति देने का अनुरोध किया था. पन्नीरसेल्वम ने सरकार के इस रुख का समर्थन किया.
पन्नीरसेल्वम ने मोदी को लिखे पत्र में कहा कि अन्नाद्रमुक की प्रमुख दिवंगत जे जयललिता ने अपनी मृत्यु होने तक नीट का पुरजोर विरोध किया और अन्नाद्रमुक सरकार (2011-2021) ने हर बार इसका कड़ा विरोध किया. 2017 में इसके खिलाफ दो विधेयक भी पेश किये, लेकिन कोई फायदा नहीं हुआ.
पढ़ें - हैदराबाद : इलाज के दौरान माओवादी की मौत, आठ लाख का था इनाम
पन्नीरसेल्वम ने तमिलनाडु के छात्रों विशेषकर सामाजिक और आर्थिक रूप से पिछड़े वर्ग से संबंध रखने वालों की दिक्कतों का जिक्र करते हुए कहा कि परीक्षा के लिये अलग से कोचिंग लेनी पड़ती है क्योंकि यह एनसीईआरटी-सीबीएसई के पाठ्यक्रम के आधार पर होती है. वे कोचिंग सेंटरों की फीस देने में असमर्थ होते हैं.
(पीटीआई-भाषा)