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जयललिता की मौत की जांच जारी, अरुमुघस्वामी आयोग के सामने पेश हुए ओ पनीरसेल्वम

AIADMK नेता ओ पनीरसेल्वम सोमवार को तमिलनाडु की पूर्व मुख्यमंत्री जयललिता की मौत मामले की जांच कर रहे अरुमुघस्वामी आयोग के सामने पेश हुए.

AIADMK leader O. Panneerselvam
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Published : Mar 21, 2022, 4:34 PM IST

चेन्नई : AIDMK नेता ओ. पनीरसेल्वम सोमवार को तमिलनाडु की पूर्व मुख्यमंत्री जे. जयललिता की मौत की जांच कर रहे अरुमुघस्वामी आयोग के सामने पेश हुए. इसके अलावा इलावरसी भी आयोग के सामने पेश हुईं. इलावरसी जयललिता की पूर्व करीबी वी.के. जयललिता की शशिकला की भाभी है. अरुमुघस्वामी आयोग के समक्ष अपोलो अस्पतालों के दस डॉक्टर और एक तकनीकी सहायक पहले ही गवाही दे चुके हैं. इसके अलावा एम्स नई दिल्ली के डॉक्टरों के एक पैनल के साथ भी आयोग ने वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के माध्यम से पूछताछ की थी.

यह उम्मीद जताई जा रही है कि अरुमुघस्वामी आयोग जल्द ही अपनी रिपोर्ट सौंपेगा क्योंकि जांच की प्रक्रिया लगभग पूरी हो चुकी है. पिछली फरवरी में तमिलनाडु सरकार ने अरुमुघस्वामी आयोग का कार्यकाल 24 जून तक बढ़ा दिया था.

बता दें कि 2017 में तत्कालीन मुख्यमंत्री जयललिता की मौत के बाद अपोलो हॉस्पिटल के इलाज पर सवाल उठे थे. सितंबर 2017 में तमिलनाडु सरकार ने सेवानिवृत्त जज अरुमुघस्वामी की अध्यक्षता में आयोग का गठन किया गया था. आयोग ने जांच रिपोर्ट की तफ्तीश के लिए एम्स के डॉक्टरों का पैनल गठन किया था. इसके बाद अपोलो अस्पताल ने सुप्रीम कोर्ट में जांच के दायरे को चुनौती देने वाली याचिका दायर की थी.भारत के सर्वोच्च न्यायालय ने 26 अप्रैल 2019 को आयोग की कार्यवाही पर रोक लगा दी थी. हालांकि बाद में सुप्रीम कोर्ट ने अपने फैसले में कहा था कि जयललिता की मौत पर तथ्यों को इकट्ठा करने के लिए मेडिकल बोर्ड का गठन केवल उचित और न्यायपूर्ण था. पूर्व मुख्यमंत्री जयललिता की मौत की जांच कर रहे अरुमुघस्वामी आयोग ने लगभग तीन साल के अंतराल के बाद 7 मार्च को दोबारा अपनी सुनवाई शुरू की थी.

पढ़ें : चोर निकला मिस्टर इंडिया, स्नेचिंग के आरोप में पुलिस ने किया गिरफ्तार

चेन्नई : AIDMK नेता ओ. पनीरसेल्वम सोमवार को तमिलनाडु की पूर्व मुख्यमंत्री जे. जयललिता की मौत की जांच कर रहे अरुमुघस्वामी आयोग के सामने पेश हुए. इसके अलावा इलावरसी भी आयोग के सामने पेश हुईं. इलावरसी जयललिता की पूर्व करीबी वी.के. जयललिता की शशिकला की भाभी है. अरुमुघस्वामी आयोग के समक्ष अपोलो अस्पतालों के दस डॉक्टर और एक तकनीकी सहायक पहले ही गवाही दे चुके हैं. इसके अलावा एम्स नई दिल्ली के डॉक्टरों के एक पैनल के साथ भी आयोग ने वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के माध्यम से पूछताछ की थी.

यह उम्मीद जताई जा रही है कि अरुमुघस्वामी आयोग जल्द ही अपनी रिपोर्ट सौंपेगा क्योंकि जांच की प्रक्रिया लगभग पूरी हो चुकी है. पिछली फरवरी में तमिलनाडु सरकार ने अरुमुघस्वामी आयोग का कार्यकाल 24 जून तक बढ़ा दिया था.

बता दें कि 2017 में तत्कालीन मुख्यमंत्री जयललिता की मौत के बाद अपोलो हॉस्पिटल के इलाज पर सवाल उठे थे. सितंबर 2017 में तमिलनाडु सरकार ने सेवानिवृत्त जज अरुमुघस्वामी की अध्यक्षता में आयोग का गठन किया गया था. आयोग ने जांच रिपोर्ट की तफ्तीश के लिए एम्स के डॉक्टरों का पैनल गठन किया था. इसके बाद अपोलो अस्पताल ने सुप्रीम कोर्ट में जांच के दायरे को चुनौती देने वाली याचिका दायर की थी.भारत के सर्वोच्च न्यायालय ने 26 अप्रैल 2019 को आयोग की कार्यवाही पर रोक लगा दी थी. हालांकि बाद में सुप्रीम कोर्ट ने अपने फैसले में कहा था कि जयललिता की मौत पर तथ्यों को इकट्ठा करने के लिए मेडिकल बोर्ड का गठन केवल उचित और न्यायपूर्ण था. पूर्व मुख्यमंत्री जयललिता की मौत की जांच कर रहे अरुमुघस्वामी आयोग ने लगभग तीन साल के अंतराल के बाद 7 मार्च को दोबारा अपनी सुनवाई शुरू की थी.

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