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AI deepfake Fraud Face Swapping: फेस स्वैपिंग से ठगी, वीडियो कॉल कर शातिर देते हैं वारदात को अंजाम, यहां जानें बचने का सही तरीका - फेस स्वैपिंग टेक्नोलॉजी

AI deepfake Fraud Face Swapping फेस स्वैपिंग टेक्नोलॉजी का इस्तेमाल करके लोगों से साइबर ठगी के नये मामले सामने आने लगे हैं. स्कैमर डीपफेक तकनीक का इस्तेमाल कर लोगों से कैसे ठगी की वारदात को अंजाम देते हैं आइए इस रिपोर्ट में आपको विस्तार से बताते हैं. (AI deepfake Fraud technology gurugram)

AI deepfake fraud face swapping technology scamme
फेस स्वैपिंग टेक्नोलॉजी से ठगी.
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By ETV Bharat Hindi Team

Published : Sep 1, 2023, 12:13 PM IST

Updated : Sep 1, 2023, 2:41 PM IST

पानीपत: आज के समय में टेक्नोलॉजी का विस्तार काफी ज्यादा हो गया है. रोजमर्रा की जरूरतों को आसान बनाने के लिए टेक्नोलॉजी का इस्तेमाल करने के नए-नए तरीकों की खोज की जा रही है. पर यह टेक्नोलॉजी हमारे लिए फायदे के साथ-साथ नुकसान भी दे रहा है. ऐसी ही एक टेक्नोलॉजी है फेस स्वाइप आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस (AI) जिसका साइबर ठग लोगों को चूना लगाने के लिए कर रहे हैं. साइबर अपराधी पहले आवाज बदलकर आपके रिश्तेदारों को फोन कर उनसे पैसों की मांग कर यूपीआई आईडी के जरिए अपने खाते में डलवा रहे थे. अब साइबर ठगों ने आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस फेस स्वैपिंग से वीडियो कॉल कर लोगों को ठगना शुरू कर दिया है.

ये भी पढ़ें: Generative AI : भारतीय आईटी सेक्टर्स में जल्द ही जेनरेटिव एआई की बड़ी भूमिका होगी

डीपफेक इमेज और वीडियो टूल से ऑनलाइन फ्रॉड: दुनिया भर के लोग अपने जीवन को आसान बनाने के लिए आधुनिक तकनीक का इस्तेमाल करते हैं. नए-नए तरीके खोज कर तकनीक का इस्तेमाल करते हैं. ऐसे ही एक आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस (AI)टेक्नोलॉजी भी है. इस टेक्नोलॉजी को एक क्रांति के रूप में देखा जाता है, लेकिन साइबर अपराधियों ने इस तकनीक का गलत इस्तेमाल करना भी शुरू कर दिया है. डीपफेक इमेज और वीडियो टूल ऑनलाइन फ्रॉड का एक बड़ा जरिया बन गया है. जिसके चलते साइबर फ्रॉड के मामले बढ़ते जा रहे हैं.

AI deepfake fraud face swapping
कैसे होती है फेस स्वैपिंग ठगी?

अब तक 6 मामले आए सामने: फेस स्वैपिंग आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस (AI) के माध्यम से साइबर ठग लोगों को अपना शिकार बना रहे हैं. देश की राजधानी दिल्ली में इस तकनीक से ठगी के 5 मामले सामने आए हैं. जबकि, गुरुग्राम में आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस टेक्नोलॉजी के माध्यम से एक ठगी का मामला सामने आया है.

कैसे होती है फेस स्वैपिंग?: दरअसल, आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस फेस स्वैपिंग से ठग आपके सोशल मीडिया अकाउंट से आपके फोटो या वीडियो से आपके फेस की हूबहू कॉपी करते हैं. जिसके बाद सॉफ्टवेयर का इस्तेमाल करके आपके जानकार या रिश्तेदारों को इमरजेंसी फोन कॉल करते हैं. सामने वाले को ऐसी इमरजेंसी बताएंगे कि वो तुरंत पैसे ट्रांसफर करेगा.

ये भी पढ़ें: अब AI बना साइबर ठगों का नया हथियार, पैसे के लिए किसी अपने का आए फोन तो रहें सतर्क, जल्दबाजी पड़ सकती है भारी

आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस फेस स्वैपिंग साइबर ठगों का नया हथियार: जब व्यक्ति झांसे में आ जाता है तो फौरन साइबर ठग नए नंबर से कॉल करता है. कॉल करने के बाद पैसों की मांग रखता है. जैसे ही खाते में पैसे पहुंच जाते हैं, तो ठग तुरंत उस नंबर को बंद कर देते हैं. इस आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस में चेहरे और आवाज दोनों को हूबहू कॉपी कर वारदात को अंजाम देते हैं. पैसे ट्रांसफर करने के बाद कंफर्मेशन के लिए वीडियो कॉल करने वाले को फोन मिलता है. जिसके बाद पता चलता है कि उस नंबर से तो कॉल ही नहीं आई थी.

साइबर ठग ज्यादातर एक कदम आगे चलते हैं. हम जिस सॉफ्टवेयर या एप का इस्तेमाल करते हैं, साइबर ठग उसे पहले ही पूरा रीड कर चुके होते हैं. इस प्रकार की ठगी से बचने के लिए लोगों को खुद ही सचेत होना पड़ेगा. किसी भी अनजान नंबर से आपके किसी भी सगे संबंधी का वीडियो कॉल आए और वह पैसे की मांग करे, तो समझ जाएं कि वह एक फेक कॉल है और आप पर साइबर ठग की निगाहें हैं. - मयंक मिश्रा, एसएसपी

ठगी से कैसे बचें?: किसी भी नए नंबर से आपके सगे संबंधी की आवाज में फोन आए तो भी आप ठगी का शिकार हो सकते हैं. अगर आप किसी भी प्रकार की साइबर ठगी का शिकार हो चुके हैं तो तुरंत ही बिना सोचे समझे अपने नजदीकी साइबर थाने में पहुंचे. नहीं तो तुरंत ही 1930 पर कॉल करें. पूरे देश में यही साइबर क्राइम हेल्पलाइन नंबर है.

ये भी पढ़ें: Cyber Fraud: साइबर ठगी के मामले में असिस्टेंट बैंक मैनेजर समेत 8 गिरफ्तार, जानिए क्रेडिट कार्ड देने के नाम पर कैसे करते थे फ्रॉड

पानीपत: आज के समय में टेक्नोलॉजी का विस्तार काफी ज्यादा हो गया है. रोजमर्रा की जरूरतों को आसान बनाने के लिए टेक्नोलॉजी का इस्तेमाल करने के नए-नए तरीकों की खोज की जा रही है. पर यह टेक्नोलॉजी हमारे लिए फायदे के साथ-साथ नुकसान भी दे रहा है. ऐसी ही एक टेक्नोलॉजी है फेस स्वाइप आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस (AI) जिसका साइबर ठग लोगों को चूना लगाने के लिए कर रहे हैं. साइबर अपराधी पहले आवाज बदलकर आपके रिश्तेदारों को फोन कर उनसे पैसों की मांग कर यूपीआई आईडी के जरिए अपने खाते में डलवा रहे थे. अब साइबर ठगों ने आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस फेस स्वैपिंग से वीडियो कॉल कर लोगों को ठगना शुरू कर दिया है.

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डीपफेक इमेज और वीडियो टूल से ऑनलाइन फ्रॉड: दुनिया भर के लोग अपने जीवन को आसान बनाने के लिए आधुनिक तकनीक का इस्तेमाल करते हैं. नए-नए तरीके खोज कर तकनीक का इस्तेमाल करते हैं. ऐसे ही एक आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस (AI)टेक्नोलॉजी भी है. इस टेक्नोलॉजी को एक क्रांति के रूप में देखा जाता है, लेकिन साइबर अपराधियों ने इस तकनीक का गलत इस्तेमाल करना भी शुरू कर दिया है. डीपफेक इमेज और वीडियो टूल ऑनलाइन फ्रॉड का एक बड़ा जरिया बन गया है. जिसके चलते साइबर फ्रॉड के मामले बढ़ते जा रहे हैं.

AI deepfake fraud face swapping
कैसे होती है फेस स्वैपिंग ठगी?

अब तक 6 मामले आए सामने: फेस स्वैपिंग आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस (AI) के माध्यम से साइबर ठग लोगों को अपना शिकार बना रहे हैं. देश की राजधानी दिल्ली में इस तकनीक से ठगी के 5 मामले सामने आए हैं. जबकि, गुरुग्राम में आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस टेक्नोलॉजी के माध्यम से एक ठगी का मामला सामने आया है.

कैसे होती है फेस स्वैपिंग?: दरअसल, आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस फेस स्वैपिंग से ठग आपके सोशल मीडिया अकाउंट से आपके फोटो या वीडियो से आपके फेस की हूबहू कॉपी करते हैं. जिसके बाद सॉफ्टवेयर का इस्तेमाल करके आपके जानकार या रिश्तेदारों को इमरजेंसी फोन कॉल करते हैं. सामने वाले को ऐसी इमरजेंसी बताएंगे कि वो तुरंत पैसे ट्रांसफर करेगा.

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आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस फेस स्वैपिंग साइबर ठगों का नया हथियार: जब व्यक्ति झांसे में आ जाता है तो फौरन साइबर ठग नए नंबर से कॉल करता है. कॉल करने के बाद पैसों की मांग रखता है. जैसे ही खाते में पैसे पहुंच जाते हैं, तो ठग तुरंत उस नंबर को बंद कर देते हैं. इस आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस में चेहरे और आवाज दोनों को हूबहू कॉपी कर वारदात को अंजाम देते हैं. पैसे ट्रांसफर करने के बाद कंफर्मेशन के लिए वीडियो कॉल करने वाले को फोन मिलता है. जिसके बाद पता चलता है कि उस नंबर से तो कॉल ही नहीं आई थी.

साइबर ठग ज्यादातर एक कदम आगे चलते हैं. हम जिस सॉफ्टवेयर या एप का इस्तेमाल करते हैं, साइबर ठग उसे पहले ही पूरा रीड कर चुके होते हैं. इस प्रकार की ठगी से बचने के लिए लोगों को खुद ही सचेत होना पड़ेगा. किसी भी अनजान नंबर से आपके किसी भी सगे संबंधी का वीडियो कॉल आए और वह पैसे की मांग करे, तो समझ जाएं कि वह एक फेक कॉल है और आप पर साइबर ठग की निगाहें हैं. - मयंक मिश्रा, एसएसपी

ठगी से कैसे बचें?: किसी भी नए नंबर से आपके सगे संबंधी की आवाज में फोन आए तो भी आप ठगी का शिकार हो सकते हैं. अगर आप किसी भी प्रकार की साइबर ठगी का शिकार हो चुके हैं तो तुरंत ही बिना सोचे समझे अपने नजदीकी साइबर थाने में पहुंचे. नहीं तो तुरंत ही 1930 पर कॉल करें. पूरे देश में यही साइबर क्राइम हेल्पलाइन नंबर है.

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Last Updated : Sep 1, 2023, 2:41 PM IST
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