अहमदाबाद: साल 2018 में तत्कालीन मुख्यमंत्री नरेंद्र मोदी और गुजरात की मानहानि के मामले में अहमदाबाद की सेशन कोर्ट में सुनवाई चल रही है. इस मामले में तीस्ता सीतलवाड, पूर्व डीजीपी आरबी श्रीकुमार और पूर्व आईपीएस संजीव भट्ट पर आरोप हैं. इन तीनों आरोपियों के खिलाफ गुजरात पुलिस की एसआईटी की जांच चल रही है. सेशन कोर्ट में बुधवार को इस मामले की सुनवाई हुई.
तीस्ता सीतलवाड के वकील ने क्या कहा : गुरुवार की सुनवाई में तीस्ता सीतलवाड के वकील सोमनाथ वत्स ने दलील दी कि सुप्रीम कोर्ट ने आदेश दिया है कि एसआईटी तीस्ता सीतलवाड की 2006 से पहले की भूमिका की जांच नहीं कर सकती है. इस मुद्दे पर आज भी सेशन कोर्ट में आगे बहस होगी.
संजीव भट्ट के वकील ने क्या कहा: वहीं संजीव भट्ट के वकील मनीष ओझा ने कहा कि संजीव भट्ट के मामले में सरकारी वकील ने कुछ चुनिंदा दस्तावेजों पर भरोसा किया है. जो उन्हें भी मुहैया कराया जाए. इस मसले पर संजीव भट्ट ने एसआईटी और वित्त आयोग को फैक्स कर सारे दस्तावेज तलब किए.
क्या है मामला : तीस्ता सीतलवाड पर आरोप है कि उन्होंने 2002 में गुजरात में हुए दंगों के बाद तत्कालीन मुख्यमंत्री नरेंद्र मोदी और गुजरात को बदनाम करने की कोशिश की. इसी मामले में पूर्व डीजीपी आरबी श्रीकुमार और पूर्व आईपीएस अधिकारी संजीव भट्ट के खिलाफ एसआईटी जांच चल रही है. गुरुवार को इस मामले पर सेशन कोर्ट में आगे की सुनवाई हुई. बुधवार को सुनवाई में तीस्ता सीतलवाड के मामले से डिस्चार्ज याचिका पर सुनवाई हुई. जिसका पिछली सुनवाई में सरकारी वकील ने विरोध किया था.
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सुप्रीम कोर्ट से अंतरिम राहत : गुजरात उच्च न्यायालय ने इस मामले में तीस्ता सीतलवाड को तुरंत आत्मसमर्पण करने को कहा. लेकिन उसी दिन तीस्ता सीतलवाड ने सुप्रीम कोर्ट में आवेदन किया और अंतरिम राहत हासिल कर ली. फिर इस मसले पर अगली सुनवाई सुप्रीम कोर्ट में होगी. अगली सुनवाई के दौरान चार्ज फ्रेम की प्रक्रिया शुरू हो सकती है.