नई दिल्ली: राष्ट्रीय जांच एजेंसी (NIA) की विशेष अदालत ने गुजरात के जूनागढ़ जाली नोट मामले में दो लोगों को दोषी करार दिया है. साथ ही कोर्ट ने जाली नोटों में शामिल लोगों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई करने के एजेंसी के मकसद पर जोर दिया है. मामले में अहमदाबाद में एनआईए की विशेष अदालत ने मंगलवार को संजय कुमार मोहनभाई देवलिया और ताहिर उर्फ कालिया के रूप में पहचाने गए आरोपियों को दोषी ठहराया.
इसके साथ ही देवलिया को आईपीसी की धारा 489बी और 489सी के तहत 10 साल के सश्रम कारावास और 10,000 रुपए के जुर्माने की सजा सुनाई गई है. जबकि ताहिर को आईपीसी की धारा 489सी के तहत 10 हजार रुपए जुर्माने के साथ 7 साल की सजा सुनाई गई है. एनआईए की जांच में पता चला कि देवलिया ने 2018 में हवाई जहाज से कोलकाता और फिर ट्रेन से न्यू फरक्का जंक्शन की यात्रा की थी. वहीं देवलिया को नकली नोट रखने वाले को गुजरात से गिरफ्तार किया गया था.
मामला मूल रूप से 2018 में एटीएस गुजरात द्वारा एनआईए द्वारा साझा किए गए विशिष्ट इनपुट पर दर्ज किया गया था. इसके बाद एनआईए ने जांच को अपने हाथ में ले लिया था. वहीं जांच के दौरान एनआईए ने गवाहों के बयान दर्ज किए थे. इतना ही नहीं अभियुक्तों के आवाज के नमूने लिए जाने के साथ ही मोबाइल रिकॉर्ड की जांच करने के साथ ही पता लगाने और अभियोजन योग्य सबूत इकट्ठा करने के लिए अन्य दस्तावेज साक्ष्य एकत्र किए थे. इस संबंध में एक अधिकारी ने कहा कि आरोपी के खिलाफ आरोप पत्र दायर किया गया था और वर्षों से चली आ रही सुनवाई के बाद दोनों आरोपियों को दोषी ठहराया गया.
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